रेवाड़ी:  सरकारी कार्यालयों में किस कदर भ्रष्टाचार अपनी जड़ बनाए हुए है. उसके उदाहरण रोजाना सामने आते रहते हैं. इसी कड़ी में ताजा ताजा मामला रेवाड़ी जिले से सामने आया है. जहां रेवाड़ी के नागरिक अस्पताल में एक फोर्थ क्लास कर्मचारी को विजिलेंस टीम ने 15 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों काबू किया है. आरोपी कर्मचारी एक महिला के विकलांगता प्रमाण पत्र में विकलांगता की प्रतिशत बढ़ाने की एवज में 25 हजार रुपये मांग रहा था. जिसके बाद 20 हजार रुपये में सौदा तय हुआ. इसी को लेकर शिकायतकर्ता 5 हजार रूपय पहले एडवांस भी दे चुका था. 


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जानेकारी के मुताबिक नांदा गांव के रहने वाले अमित नाम के युवक को अपनी मां सुमन देवी का विकलांगता प्रमाणपत्र बनवाना था. अमित को विकलांगता प्रमाण पत्र में विकलांगता 50 प्रतिशत से बढ़ाकर 65 प्रतिशत करवाना था. इसी की एवज में राहुल नाम के कर्मचारी ने अमित से 25 हजार रुपये की डिमांड की थी. जिसके बाद अमित ने पैसे कम करने को कहा तो 20 हजार रुपये में आरोपी कर्मचारी ने सौदा तय कर लिया. शनिवार को अमित एडवांस 5 हजार रुपये कर्मचारी को दे चुका था.


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इसके बाद पीड़ित अमित ने इससे परेशान होकर इसकी सूचना विजिलेंस टीम को दे दी, जिसके बाद बुधवार को विजिलेंस टीम ने जाल बिछाया और अमित को 15 हजार रूपय देकर अस्पताल भेज दिया. जैसे ही आरोपी कर्मचारी ने रिश्वत के पैसे हाथ में लिए, तभी विजिलेंस की टीम ने राहुल नाम के कर्मचारी को रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ लिया. इस आरोपी कर्मचारी के खिलाफ विजिलेंस टीम आगामी कार्रवाई कर रही है. साथी ही जिस डॉक्टर के पास ये फोर्थ क्लास कर्मचारी काम कर रहा था, उससे भी विजिलेंस टीम पूछताछ कर रही है.


विजिलेंस टीम को अंदेशा है कि डॉक्टर के इशारे पर ये फोर्थ क्लास कर्मचारी रिश्वत लेता था. बहराल विजिलेंस टीम केस दर्ज करके मामले की पूर्ण रूप से जांच में जुटी है. जांच पूरी होने पर आगे की कार्रवाई की जाएगी. 


Input: पवन कुमार