गाजियाबाद: मुरादनगर के पैंगा गांव की रहने वाली ऋतु जांगिड़ के सर से माता पिता का साया बचपन में ही उठ गया था, जिंदगी की तमाम कठिनाइयों को पीछे छोड़ते हुए ऋतु हौसले के साथ आगे बढ़ते हुए न सिर्फ अपने ख्वाबों को पूरा कर रही हैं बल्कि देश का नाम भी रौशन कर रही हैं. ऋतु ने साउथ अफ्रीका स्थित किलिमंजारो पर्वत पर तिरंगा फहराकर देश का नाम रौशन किया है.


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ऋतु ने तीन दिन के अंदर 5685 मीटर की चोटी पर चढ़ाई की है.


ऋतु ने बताया कि 19 जनवरी को वह साउथ अफ्रीका के लिए रवाना हुई थी. 23 जनवरी को किलिमंजारो पर्वत पर चढ़ाई शुरू की. 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस पर सुबह 8 बजे किलिमंजारो पर्वत की चोटी पर तिरंगा फहराया. किलिमंजारो पर्वत पर चढ़ाई काफी चुनौतीपूर्ण रही. इस दौरान तबीयत भी खराब हो गई रास्ते में उल्टियां हो गई,  बुखार हुआ और शरीर पूरी तरह से दर्द में था.


ऋतु ने आगे बताया कि कई बार मन में ख्याल आया कि सफर को यहीं खत्म कर वापस लौट जाना चाहिए, लेकिन जब भी मन में इस तरह का ख्याल आता था तो मन विचलित हो जाता था, क्योंकि इस ख्वाब को पूरा करने के लिए कर्जा लिया था. देश का नाम रोशन करने के बाद ऋतु जब मुरादनगर वापस लौटी तो बड़ी संख्या में क्षेत्र के लोगों ने उनका स्वागत किया.


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ऋतु का कहना है कि जब उन्होंने किलिमंजारो पर्वत पर चढ़ाई करने की योजना बनाई तो इस दौरान क्षेत्र के कई समाजसेवी संगठनों समेत कई लोगों ने उनका सहयोग किया, जिसकी वजह से आज अपनी मंजिल तक पहुंचने में कामयाब हुई हैं. वह अब ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली महिलाओं को प्रोत्साहित कर जिस क्षेत्र में रुचि रखती हैं.


उन्होंने कहा कि उस क्षेत्र में उन्हें आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे, जिससे कि महिलाएं न सिर्फ आगे बढ़ सके बल्कि अपना और अपने क्षेत्र का नाम रोशन कर सकें. दरअसल, माउंटेनियर के लिए 7 सम्मिट में किलिमंजारो पर्वत चौथे नंबर पर आता है. चढ़ाई के लिहाज से यह पर्वत पर्वतारोहियों के लिए कई सारी मुश्किले खड़ा करता है. इसलिए खुद को चैलेंज देते हुए ऋतु ने इस पर्वत को चुना और इस पर भारत का तिरंगा लहराया.