Sapna Choudhary Case: योगी राज्य में मुश्किल में फंसी सपना चौधरी, यूपी पुलिस करेगी गिरफ्तार
मामला साल 2018 का है, सपना का उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कार्यक्रम था. जिसमें वो नहीं पहुंची थीं, न ही आयोजकों को पैसा लौटाया था.
नई दिल्ली: हरियाणवी डांसर सपना चौधरी संकट में फंस सकती हैं. उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी हुआ है. एसीजेएम कोर्ट ने सपना चौधरी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश करने का आदेश दिया है. डांस शो के नाम पर लाखों रुपए जमा करने और कार्यक्रम न कर रकम हड़पने का आरोप सपना पर लगा है. मामले की अगली सुनवाई 30 अगस्त को होगी. 13 अक्टूबर 2018 को आशियाना थाने में सपना के खिलाफ एफआईआर हुई थी.
आपको बता दें कि सपना की कोर्ट ने पहले अंतरिम जमानत को बढ़ा दिया था. उन्हें 20-20 हजार के दो मुचलके और इतनी ही रकम के निजी मुचलके पर जमानत को मंजूरी दी थी. दरअसल, सपना चौधरी के खिलाफ लखनऊ के आशियाना थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया था. प्रोग्राम कराने वाले आयोजकों ने सपना के खिलाफ केस दर्ज कराया था.
दारोगा ने दर्ज कराया था मामला
सपना चौधरी पर गिरफ्तारी की तलवार साल 2018 के एक मामले में है. दरअसल, 13 अक्टूबर 2018 को एक दारोगा ने सपना चौधरी के खिलाफ आशियाना थाने में धोखाधड़ी का आरोप लगाया था. आरोप था कि लखनऊ के स्मृति उपवन में सपना चौधरी एक प्रोग्राम शामिल होने वाली थीं, जिसकी हजारों टिकट भी बिक चुकी थीं. ऑनलाइन और ऑफलाइन टिकट 300 रुपये प्रति व्यक्ति के हिसाब से बेचे गए थे.
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10 बजे तक इंतजार करते रहे दर्शक
तय दिन को कार्यक्रम स्थल पर हजारों की संख्या में दर्शक मौजूद थे. लेकिन सपना चौधरी रात 10 बजे तक कार्यक्रम में नहीं पहुंची थीं, दर्शकों ने जमकर हंगामा काट दिया था. टिकट लेने वाले लोगों के पैसे आयोजकों ने वापस नहीं किया था. कार्यक्रम के लिए लिए सपना चौधरी ने भी भारी-भरकम रकन एडवांस में ले ली थी, लेकिन वह कार्यक्रम में नहीं पहुंची थीं. इससे कार्यक्रम रद्द करना पड़ा था. सपना ने इस कार्यक्रम के लिए जो पैसा लिया था वो भी आयोजकों को वापस नहीं किया. जिसके बाद आयोजकों ने उनके खिलाफ मामला दर्ज करा दिया था.
मार्च 2019 में दाखिल हुआ था आरोप पत्र
इस मामले में विवेचना के बाद जुनैद अहमद, इबाद अली, अमित पांडे व रत्नाकर त्रिपाठी के खिलाफ 20 जनवरी 2019 को कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी. वहीं सपना के खिलाफ 1 मार्च 2019 को आरोप पत्र दाखिल किया गया. इस पर अदालत ने 26 जुलाई 2019 को संज्ञान लिया था. इसके बाद मामला बढ़ता गया.
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4 सितंबर 2021 को डिस्चार्ज खारिज की
इस मामले में कोर्ट ने 4 सितंबर 2021 को सपना चौधरी की डिस्चार्ज खारिज कर दी थी. सपना अपनी सुरक्षा कारणों का हवाला देकर कार्यक्रम में शामिल होने से मना कर दिया था. हालांकि सपना समेत अन्य आरोपियों पर अभी मामला तय करने का आरोप लगाया जाना है. मामले में सपना को कोर्ट में सोमवार को पेश होना था, लेकिन वह अदालत में हाजिर नही हुईं और न ही उनकी ओर से कोई अर्जी दी गई. इसके बाद अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी शांतनु त्यागी ने कड़ा रुख अपनाते हुए सपना चौधरी के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी करने के आदेश दिए.