पानीपत: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल के राजनीतिक सलाहकार भारत भूषण भारती बीते दिन पानीपत पहुंचे. इस दौरान पानीपत के उद्योगपतियों ने उनका जोरदार स्वागत किया. उद्योगपतियों ने ओल्ड इंडस्ट्रियल एरिया की मुख्य समस्याओं के समाधान की मांग रखी.


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भारत भूषण भारती पिछले कई वर्षों से सरस्वती नदी पर कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि सरस्वती नदी का नाम आते ही हिंदुस्तान के गौरवशाली इतिहास  नजर आता है. हिंदुस्तान के इतिहास पर नजर डालते हैं तो चारों वेदों में सरस्वती नदी का गुणगान है. भारत भूषण ने कहा कि महाभारत काल में भी सरस्वती नदी की महिमा गाई गई है. यहां तक कि भगवत गीता में भी सरस्वती नदी का वर्णन आता है. उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी हमारे लिए केवल एक जलधारा नहीं है, हमारी जीवनदायिनी भी है. सरस्वती नदी हमारे लिए ज्ञान व जल की देवी के साथ जीवन की देवी भी है.


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भारत भूषण भारती ने कहा कि सरस्वती नदी प्राचीन समय में 1-2 किलोमीटर लंबाई के साथ 200 मीटर चौड़ाई में बहती थी. सरस्वती नदी को अंतसिला कहा गया है, जिसका मतलब नदी की धारा जमीन के नीचे बह रही है. सीएम के राजनीतिक सलाहकार ने बताया कि वैज्ञानिकों, इसरो ने साबित कर दिया है कि सरस्वती की धारा आज भी हरियाणा की धरती के नीचे बहती है.


सेंट्रल ग्राउंड वाटर पॉलुशन ने गांव सुत्रणा (पटियाला) से लेकर आदिबद्री तक 25 ट्यूबवेल बोर  किए गए. 500 से 600 फुट खुदाई कर वहां से जो रेत व पानी निकला, उसे लैब में टेस्ट के लिए भेजा गया. उन्होंने बताया कि टेस्टिंग के दौरान जो कंपोनेंट निकले थे, वे यमुनोत्री, बद्रीनाथ के रेत के कण के साथ मिलते हैं. भूषण ने कहा कि वैज्ञानिकों ने साबित कर दिया कि सरस्वती की धारा धरती के नीचे अब भी बह रही है.


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सरस्वती हेरिटेज बोर्ड बनाया गया 
भारत भूषण भारती ने कहा कि हरियाणा सरस्वती हेरिटेज बोर्ड ने भी रिसर्च करवाया है. उन्होंने कहा कि सरस्वती नदी को धरती से ऊपर लाने के लिए हरियाणा में भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है. इसके लिए सरस्वती हेरिटेज बोर्ड का गठन किया गया है. उन्होंने कहा कि हरियाणा का जो हिस्सा आदिबद्री से लेकर पटियाला (200 किलोमीटर का हिस्सा) घग्गर नदी में जाकर मिलता है, उसकी पूरी खुदाई कर दी गई है. बरसात के दिनों में इस नदी में पानी बहता है, जो किसानों के लिए बड़ा ही लाभकारी सिद्ध हो रहा है.


कभी नहीं सूखेगी नदी 
भारत भूषण ने कहा कि सरस्वती नदी में 12 महीने पानी रहे, इसके लिए आदिबद्री में डैम बन रहा है, जिसे लेकर एनजीटी ने अनुमति दे दी है. उन्होंने बताया कि हरियाणा और हिमाचल सरकार का एमओयू साइन हो चुका है. हिमाचल सरकार द्वारा डैम बनाने का काम जल्द शुरू हो जाएगा.


उन्होंने कहा कि जो सिर्फ किताबों में पढ़ा था और सरस्वती नदी को देखना जो सिर्फ कल्पना या सपना था वो अब जल्द हरियाणा की धरती पर सरस्वती नदी बहती नजर आएगी. भारत भूषण ने बताया कि सरस्वती नदी के बारे में जानकारी  देने के लिए पूरे प्रदेश में सेमिनारों का आयोजन किया जाएगा और इस कड़ी में पहला सेमिनार पानीपत में होगा.