Permanent Hair Straightening: सुंदर दिखने की चाहत में कहीं आप जान तो नहीं डाल रहीं जोखिम में
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Permanent Hair Straightening: सुंदर दिखने की चाहत में कहीं आप जान तो नहीं डाल रहीं जोखिम में

Research : अक्टूबर 2022 में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ में की गई एक रिसर्च में यह सामने आया कि बालों को परमानेंटली सीधा करने वाले प्रोडक्ट में शामिल केमिकल्स की वजह से महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर यानी गर्भाशय कैंसर की शिकायतें देखने को मिली हैं.

Permanent Hair Straightening: सुंदर दिखने की चाहत में कहीं आप जान तो नहीं डाल रहीं जोखिम में

Permanent Hair Straightening Cause Cancer : अक्सर अपने महिलाओं को बेहतर लुक की चाहत में हेयर स्ट्रेटनिंग कराते देखा होगा, लेकिन शायद ही किसी को यह पता होगा कि बालों को सीधा करने के लिए Permanent Hair Straightening आपके लिए जानलेवा साबित हो सकता है.

अमेरिका की अलग-अलग अदालतों में कई महिलाओं ने याचिकाएं दायर कर यह शिकायत की है कि बाल सीधे करने वाले प्रोडक्ट यानी परमानेंट हेयर स्ट्रेटनिंग एजेंट में शामिल केमिकल की वजह से उन्हें कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी हो गई है. अब शिकागो कोर्ट में इन याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई होगी.

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दरअसल अक्टूबर 2022 में नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ हेल्थ में की गई एक रिसर्च में यह सामने आया कि बालों को परमानेंटली सीधा करने वाले प्रोडक्ट में शामिल केमिकल्स की वजह से महिलाओं में एंडोमेट्रियल कैंसर यानी गर्भाशय (UTERINE) कैंसर की शिकायतें देखने को मिली हैं.

दरअसल यह रिसर्च इन केमिकल और ब्रेस्ट/ओवेरियन कैंसर के बीच लिंक ढूंढने के लिए की गई थी, लेकिन रिसर्च के दौरान डॉक्टरों को समझ में आया कि असल में इस केमिकल की वजह से गर्भाशय के कैंसर की शिकायतें बढ़ रही हैं. ये बात और है कि अमेरिका में यूटरिन कैंसर काफी कम पाया जाता है. 3% महिलाओं में ही इस कैंसर के लक्षण देखे जाते हैं. 

33497 अमेरिकी महिलाओं पर शोध 
रिसर्च में 35 से 74 वर्ष की 33497 अमेरिकी महिलाओं को शामिल किया गया था. 11 वर्षों तक इन महिलाओं की सेहत को जांचा जाता रहा. इस दौरान इन महिलाओं में से 378 में कैंसर के लक्षण मिले. इस रिसर्च में पाया गया था कि आमतौर पर महिलाओं को 70 साल की उम्र तक आते-आते 1.64% चांस है कि उन्हें कैंसर होग, लेकिन केमिकल वाले प्रोडक्ट इस्तेमाल करने से यह खतरा बढ़कर 4.05% देखा गया.  

स्टोर की गई फल सब्जी नुकसानदेह 

धर्मशिला अस्पताल के डॉ अंशुमन के मुताबिक इन हेयर प्रोडक्ट में Bisphenol A और फॉर्मेल्ल्डिहाइड पाया जाता है. यह दोनों ही कैंसर पैदा करने के लिए अलग-अलग रिसर्च में जिम्मेदार पाए गए हैं. ये दोनों ही एजेंट्स वातावरण में प्लास्टिक में भी मौजूद है. लाइफस्टाइल को सीधा और साधारण बनाकर ही कैंसर के खतरे को कम किया जा सकता है. जैसे अगर आप सीजन का फल न खाकर स्टोर करने वाले फल सब्जी खा रहे हैं तो हो सकता है उस पर भी कैंसरकारी केमिकल जैसे formaldehyde की कोटिंग लगाकर उसकी उम्र बढाई गई हो. 

अमेरिका के सेंटर फॉर डिसीज (centre for disease) की रिसर्च भी दिसंबर 2022 में hair dye और दूसरे प्रोडक्ट्स में कैंसर वाले एजेंट होने का अंदेशा जता चुकी है. इस बार दो भारतीय समेत तीन बड़ी कंपनियां अमेरिका की अदालत के घेरे में हैं. ये तीनों कंपनियां भारत में भी कारोबार करती हैं. तीनों कंपनियों से खबर लिखे जाने तक प्रतिक्रिया मांगी गई, लेकिन अभी जवाब नहीं मिल पाया है.

 Loreal कंपनी ने किया ये दावा 

रिसर्च आने के बाद दायर किए गए लॉ सूट पर Loreal कंपनी ने October 2022 में एक बयान जारी किया था, जो इसकी वेबसाइट पर मौजूद है. कंपनी कहना था-उपभोक्ताओं का स्वास्थ्य, कल्याण और सुरक्षा हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है. हम अपने उत्पादों की सुरक्षा को लेकर आश्वस्त हैं और मानते हैं कि हाल ही में हमारे खिलाफ दायर मुकदमों में किसी का कोई कानूनी आधार नहीं है.

L'Oréal अपने सभी उत्पादों के लिए सुरक्षा के उच्चतम मानकों का पालन करता है. हमारे उत्पाद विशेषज्ञों द्वारा उनके सुरक्षा के कठोर वैज्ञानिक मूल्यांकन के अधीन हैं, जो यह भी सुनिश्चित करते हैं कि हम जिस भी बाजार में काम करते हैं, वहां हम सख्ती से सभी नियमों का पालन करते हैं.

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