Satyendar Jain: अपोलो अस्पताल में होगा सत्येंद्र जैन का इलाज, LNJP से किया गया शिफ्ट
Satyendar Jain Health Update: सत्येंद्र जैन को मेडिकल ग्राउंड की शर्तों के आधार पर 6 हफ्तों की जमानत मिली है, जिसके बाद जैन को इलाज के लिए LNJP अस्पताल से अपोलो अस्पताल में शिफ्ट किया गया है.
Satyendar Jain Health Update: दिल्ली के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन को इलाज के लिए अपोलो अस्पताल में शिफ्ट किया गया है, इससे पहले दीन दयाल उपाध्याय और LNJP अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था. हाल ही में सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल के बाथरूम में फिसल के गिर गए थे, जिसके बाद उन्हें गंभीर हालात में दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल में भर्ती कराया गया था.
सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत
तिहाड़ जेल में गिरने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सत्येंद्र जैन को मेडिकल ग्राउंड पर शर्तों के साथ 6 हफ्तों के लिए अंतरिम जमानत दी है. इस दौरान कोर्ट ने उन्हें किसी भी निजी अस्पताल में इलाज कराने की अनुमति दी थी, जिसके बाद अब उन्हें अपोलो अस्पताल में शिफ्ट किया गया है.
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दिल्ली से बाहर नहीं जा सकते जैन
6 हफ्तों की अंतरिम जमानत के दौरान सत्येंद्र जैन दिल्ली से बाहर नहीं जा सकते हैं और ना ही किसी गवाह से मिलकर उसे प्रभावित करने का प्रयास करेंगे. इस दौरान जैन को मीडिया से भी बात करने की अनुमति नहीं है.
25 मई को बिगड़ी सत्येंद्र जैन की तबियत
25 मई को सत्येंद्र जैन तिहाड़ जेल के बाथरुम में फिसलकर घायल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें दीनदयाल उपाध्याय अस्पताल में ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया. सेहत बिगड़ने के बाद जैन को लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां वो ICU में थे. फिलहाल जैन की हालात में सुधार है.
CM केजरीवाल ने की मुलाकात
28 मई को दिल्ली के CM अरविंद केजरीवाल सत्येंद्र जैन से मुलाकात करने के लिए लोकनायक जयप्रकाश (LNJP) अस्पताल पहुंचे थे. जैन से मुलाकात के बाद सिसोदिया ने उसकी कुछ तस्वीरें शेयर करते हुए उन्हें 'बहादुर इंसान' और 'हीरो' बताया था.
मनी लॉन्ड्रिंग का आरोप
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने सत्येंद्र जैन को 30 मई को प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग केस (PMLA) मामले में गिरफ्तार किया था, जिसके बाद से वो तिहाड़ जेल में बंद हैं. ईडी का आरोप है कि सत्येंद्र जैन के स्वामित्व और नियंत्रण वाली कई कंपनियों ने शेल कंपनियों से 4.81 करोड़ रुपये लिए. इन कंपनियों को हवाला के जरिये से कोलकाता के एंट्री ऑपरेटरों से नकद रकम हासिल हुई थी. यानी कोलकाता से ऑपरेट करने वाले हवाला कारोबारियों ने नगद रकम हासिल की, जिसे शेल कंपनियों के जरिये सत्येंद्र जैन से जुड़ी कंपनियों को ट्रांसफर किया गया.