Saturn Transit 2025: कर्मफल दाता शनि, जिन्हें अक्सर सबसे कठोर ग्रह माना जाता है वो व्यक्ति के कर्मों के अनुसार परिणाम देने के लिए जाना जाता है. राशि चक्र में शनि सबसे धीमी गति से चलने वाले ग्रह हैं, जो हर राशि में लगभग ढाई साल तक रहते हैं और पूरे राशि चक्र को पूरा करने में लगभग 30 साल का समय लेते हैं. वर्तमान में शनि अपनी मूल त्रिकोण राशि, कुंभ में स्थित हैं और मार्च 2025 तक यहीं रहेंगे. इसके बाद, यह बृहस्पति द्वारा शासित मीन राशि में प्रवेश करेंगे. इस परिवर्तन से कुछ राशियों को विशेष लाभ मिलने की संभावना है. इसके साथ ही, उसी दिन वर्ष का पहला सूर्य ग्रहण भी होगा. आइए जानते हैं कि शनि के मीन राशि में प्रवेश से किन राशियों को अनुकूल परिणाम मिल सकते हैं. द्रिक पंचांग के अनुसार, शनि 29 मार्च 2025 को रात 11:01 बजे अपनी मूल त्रिकोण राशि कुंभ से निकलकर मीन राशि में प्रवेश करेंगे. जहां यह 3 जून 2027 तक रहेंगे.


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वृषभ (Taurus)
वृषभ राशि में शनि नौवें और दसवें भाव के स्वामी हैं और मीन राशि में प्रवेश कर ग्यारहवें भाव में स्थित होंगे. शनि का यह गोचर वृषभ राशि के जातकों के लिए लाभकारी साबित हो सकता है. लंबे समय से अटके हुए कार्य पूरे हो सकते हैं, और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संबंधों में सुधार हो सकता है. इस साल कड़ी मेहनत का सकारात्मक फल मिलने की उम्मीद है.  शिक्षा के क्षेत्र में प्रगति की संभावना है और कई इच्छाएं पूरी हो सकती हैं. करियर में उन्नति के संकेत मिल रहे हैं, जिसमें पदोन्नति और वेतन वृद्धि भी शामिल हो सकती है. काम के सिलसिले में कई बार यात्रा करनी पड़ सकती है और लंबे समय से फंसा हुआ धन वापस मिल सकता है. साथ ही, परिवार के साथ अच्छा समय बिताने का मौका मिलेगा.


मिथुन (Gemini)
मिथुन राशि में शनि आठवें और नौवें भाव का स्वामी है और मीन राशि में प्रवेश कर दसवें भाव में स्थित होगा. शनि का यह गोचर मिथुन राशि के जातकों के लिए लाभकारी हो सकता है. इस दौरान किए गए प्रयास सफल हो सकते हैं और अनावश्यक खर्चों में कमी आ सकती है. हालांकि, शनि का चौथे, सातवें और बारहवें भाव पर प्रभाव पारिवारिक कलह की ओर इशारा कर सकता है, लेकिन वित्तीय स्थिति मजबूत होने की उम्मीद है. कई लंबित इच्छाएं पूरी हो सकती हैं, और करियर में लाभ होने की संभावना है.


कुंभ (Aquarius)
कुंभ राशि में शनि बारहवें भाव का स्वामी है और मीन राशि में प्रवेश कर दूसरे भाव में स्थित होगा. कुंभ राशि के लिए शनि की साढ़ेसाती का यह अंतिम चरण है, जिससे शारीरिक, मानसिक और आर्थिक परेशानियों से राहत मिलेगी. शनि का चौथे, आठवें और ग्यारहवें भाव पर प्रभाव लाभकारी हो सकता है. परिवार के साथ सकारात्मक समय बिताने का अवसर मिलेगा, और विदेश में काम करने के मौके भी मिल सकते हैं. संपत्ति के लेन-देन और अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सफलता मिल सकती है. हालांकि, जुलाई से नवंबर के बीच पारिवारिक विवाद हो सकते हैं, इसलिए सावधानी बरतने की जरूरत है. वित्तीय लाभ की भी प्रबल संभावना है. 2025 में शनि का यह गोचर विभिन्न राशियों के लिए चुनौतियां और लाभ दोनों लेकर आएगा, जिसमें वृषभ, मिथुन और कुंभ राशि के जातकों को अधिक लाभ मिल सकता है.