नई दिल्ली: आज से कुछ सालों पहले किसी बुर्जुग की मौत होने का पता चलता था कि हार्ट अटैक की वजह से उसकी मौत हो गई है. ये आम बात हुआ करती थी कि किसी बुर्जुग की हार्ट अटैक से मौत हो गई है. लेकिन अब युवाओं की जान हार्ट अटैक से जाना आम हो गया है. पिछले कुछ सालों से कम उम्र के लोग हार्ट अटैक का शिकार हो रहे हैं. 


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ये सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि भारतीय जनता पार्टी की नेता और टिकटॉक स्टार सोनाली फोगाट (Sonali Phogat) की 42 साल की उम्र में हार्ट अटैक से मौत हुई है. इससे पहले 58 वर्षीय मशहूर कॉमेडियन राजू श्रीवास्तव (Raju Srivastav) को भी हार्ट अटैक आया था. वह अब दिल्ली के एम्स में जिंदगी और मौत से लड़ रहें हैं. पिछले साल मशहूर टीवी एक्टर सिद्धार्थ शुक्ला (Siddharth Shukla) का 40 वर्ष की उम्र में ही हार्ट अटैक के कारण निधन हुआ था. बता दें कि ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी शेन वॉर्न (Shane Warne) की भी मौत इसी साल मार्च में हार्ट अटैक से हुई थी. 


आमतौर पर दिल से संबंधित बीमारी एक उम्र के बाद किसी व्यक्ति में देखी जाती हैं, लेकिन पिछले साल  से हो रही हार्ट अटैक से युवाओं की मौतों में इजाफा हुआ है. आइए जानते हैं कि क्या हैं वो कारण जो युवाओं में दिल से जुड़ी बीमारी और मौत का कारण हैं. 


1. नशा 
2. जंक फूड
3. तनाव 
4. वर्क प्रेशर 
5. स्टेरॉयड के साइड
6. हाई ब्लड प्रेशर 
7. मोटापा 
  
हार्ट अटैक के लक्षण 
हार्ट अटैक के लक्षण आमतौर पर हर उम्र में एक जैसे ही होते हैं, लेकिन कम उम्र के लोग इन लक्षणों को नजरअंदाज करते हैं. 


1. सीने में जकड़न महसूस होना या दर्द होना
2. बाहों में दर्द होना
3. कोल्ड स्वेट की समस्या (गर्मी न लगने पर भी पसीना आना)
4. थकान और सुस्ती महसूस होना
5. सांस लेने में दिक्कत होना
6. पेट दर्द महसूस होना
7. मतली या अपच की समस्या होना
8. चक्कर आना



एनसीआरबी यानि नेशनल क्राईम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (NCRB- National Crime Records Bureau) के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में वर्ष 2015 के बाद से 2020 तक हार्ट अटैक से मरने वालों संख्या बढ़ती ही नजर आई है. यानि 5 साल में हार्ट अटैक के कारण हई मृत्यु के आंकड़े बढ़ ही हैं.
2015 – 19038 मृत्यु
2016 – 21908 मृत्यु
2017 – 23246 मृत्यु
2018 – 25764 मृत्यु
2019 – 28005 मृत्यु
2020 – 28579 मृत्यु


क्या कहती है WHO की रिपोर्ट 
वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (WHO- World Health Organization) की रिपोर्ट के अनुसार, विश्व में बाकी बिमारियों की तुलना में सबसे ज्यादा मौतें कार्डियोवास्कुलर डिसीजेज (CVDs)की वजह से हुई हैं. वहीं 2019 में Cardiovascular disease (CVD) से अनुमानित 17.9 मिलियन लोगों की मौत हुई थी.  ये आंकड़े ग्लोबल मौतों का 32 फीसदी है. इनमें से 85 फीसदी मौतें हार्ट अटैक और स्ट्रोक के कारण हुईं. डब्ल्यूएचओ इस समस्या की वजह तंबाकू, असंतुलित आहार और मोटापा, शारीरिक गतिविधियों की कमी, शराब का अधिक सेवन आदि को मानता है.