नई दिल्ली : केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय फरवरी से ही शुरू हो चुकी गर्मी को लेकर अलर्ट जारी किया है.केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने सभी राज्यों के मुख्य सचिवों को चिट्ठी लिखकर कहा है कि 1 मार्च से ही गर्मी से होने वाली बीमारियों, तेज गर्मी का शिकार हो रहे मरीजों और  हीटवेव से होने वाली मौतों का आंकड़ा दर्ज करना शुरू 


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 कर दें. साथ ही सरकार ने क्लाइमेट चेंज पर डाटा दर्ज करना शुरू कर दिया है. उन्होंने कहा, ऐसे में सरकार के नेशनल क्लाइमेट चेंज प्रोग्राम ( national program on climate change and human health) के मद्देनजर डाटा इकट्ठा किया जाए कि किस राज्य और किस जिले में कितने लोग गर्मी के शिकार होकर बीमार पड़ रहे हैं या फिर जान गंवा सकते हैं.


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भारत के कई हिस्सों में अभी से ही सामान्य तरीके से तापमान बढ़ गया है. मौसम विभाग ने आज दिल्ली का अधिकतम तापमान 33 डिग्री तो वहीं न्यूनतम तापमान 13.5 डिग्री सेल्सियस के आसपास बने रहने की संभावना जताई है.


अस्पतालों को दवाएं स्टॉक रखने के निर्देश 
अस्पतालों से कहा गया है कि गर्मी से होने वाली बीमारियों को देखते हुए जरूरी दवाओं का स्टॉक रख लें. इसके अलावा ओआरएस के पाउच और बाकी सामानों को अस्पताल में पर्याप्त मात्रा में इकट्ठा कर लिया जाए. गर्मी से होने वाली बीमारियों की सर्विलांस देशभर में करने के लिए कहा गया है. 


सरकार ने गर्मी से बचने के लिए आम लोगों के लिए भी एडवाइजरी जारी की है. दोपहर 12 से 3 तक बाहर न निकलने की ताकीद की है. एडवाइजरी में हेल्पलाइन नंबर 108 और 102 भी जारी किए गए हैं, ताकि किसी भी इमरजेंसी हालात में इन नंबरों पर संपर्क किया जा सके. ऐसा पहली बार हुआ है कि फरवरी के महीने में भीषण गर्मी से बचने के लिए सरकार को एडवाइजरी जारी करनी पड़ी.