Tihar Jail News: दिल्ली की तिहाड़ जेल में प्रिंस तेवतिया और हुई टिल्लू ताजपुरिया की हत्या के बाद से ही जेल प्रशासन की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सवाल उठ रहे थे. सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर एशिया की सबसे सुरक्षित समझी जाने वाली तिहाड़ जेल में वारदात को अंजाम देने के लिए कैदियों के पास चाकू आते कहां से हैं. दरअसल अब तक की जांच में यह बात निकलकर सामने आई कि ताजपुरिया की हत्या करने वाले कैदियों ने एग्जॉस्ट फैन की पत्तियां तोड़कर उससे चाकू बनाए थे और उस पर हमला बोल दिया था.


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जेल में बदलाव की कवायद 


दो गैंगस्टरों की हत्या के बाद अब तिहाड़ जेल प्रशासन PWD से जेल का ऑडिट करवाने पर विचार कर रही है, ताकि ये पता लगाया जा सके कि आखिर जेल में कौन से बदलाव किए जाएं, ताकि कैदी जेल की चीजों से ही चाकू न बना पाएं. दरअसल तिहाड़ जेल प्रशासन समय-समय पर कैदियों का सिक्योरिटी रिव्यू करता रहता है, जिसके बाद जरूरत के हिसाब से कैदियों की जेल बदली जाती है. 


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टिल्लू की हत्या में शामिल आरोपी योगेश 6 जनवरी से जेल में बंद हुआ था और 30 मार्च को जेल नंबर 8,9 में शिफ्ट किया गया था. दीपक 8 जनवरी को जेल नंबर 8,9 में शिफ्ट किया गया था. 2012 से कई मामलों में तिहाड़ के अलग-अलग जेल में बंद चल रहा है. रियाज खान 2008 से कई मामलों में जेल आ चुका है. हाल ही में अक्टूबर 2022 से जेल नंबर 8,9 में बंद था. वहीं राजेश 2007 से तिहाड़ की अलग-अलग सेल में बंद हो चुका है और 30 मार्च को जेल नंबर- 8,9 में शिफ्ट किया गया था. चारों आरोपियों को गोगी गैंग का सदस्य बताया गया है. टिल्लू की हत्या के बाद चारों आरोपियों को जेल नंबर 8,9 से शिफ्ट करके दूसरी जेल की हाई सिक्योरिटी सेल में ट्रांसफर कर दिया गया है.


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जेल सूत्रों के मुताबिक हत्या के 15 दिन पहले ही सुनील मान उर्फ टिल्लू ताजपुरिया को मंडोली जेल से तिहाड़ जेल में शिफ्ट किया था, जिसके बाद जेल नंबर 8 में बंद चारों आरोपियों ने गोगी की हत्या का बदला लेने की साजिश रची. इसके बाद उन्होंने एग्जॉस्ट फैन की पत्तियां तोड़कर चाकू बनाए। वारदात वाले दिन आरोपियों ने बेडशीट की मदद से ग्राउंड और फर्स्ट फ्लोर के बीच में बनी सिक्योरिटी ग्रिल को तोड़ा और नीचे कूदकर टिल्लू पर हमला कर दिया. चारों आरोपियों में अपने-अपने चाकू से टिल्लू पर 90 से ज्यादा वार किए. पूरी वारदात 2 से 3 मिनट के बीच हो गई.


975 सीसीटीवी कैमरे भी नहीं आए काम 
जेल नंबर 8-9 में कुल 2350 कैदी बंद हैं, जिन पर नजर रखने के लिए 60 सुरक्षाकर्मी तैनात होते हैं. इतना ही नहीं  जेल नंबर 8-9 में कुल 975 सीसीटीवी कैमरे हैं. इतनी कड़ी सुरक्षा के बावजूद वारदात हो गई. 


जेल में ऐसे तैयार किए जाते हैं चाकू  
पुलिस के मुताबिक एग्जॉस्ट फैन की पत्तियां या खिड़की की जाली को तोड़कर या किसी भी ऐसी लोहे की धातु को पत्थर पर घिसकर उसे धारदार बनाया जाता है और इसके पीछे कपड़े को बांधकर उसका हत्था तैयार किया जाता है. जेल में कैदी अपने दुश्मन गैंग के लोगों पर हमला करने के लिए इस तरह से चाकू बनाते हैं. अप्रैल के महीने में जेल नंबर 8 और 9 में कुल 32 बार सर्च की गई, जिसमें से 22 धारदार चाकू मिले, जबकि 30 से 35 ऐसी लोहे की छड़ मिलीं,  जिनको धारधार बनाना बाकी था.


INPUT : PRAMOD SHARMA