U15 Asian Wrestling Championship 2023: हरियाणा के झज्जर जिले के मांडौठी गांव की रहने वाली दिक्षा ने महज 12 साल की उम्र में अंडर-15 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड जीत कर अपने गांव के साथ ही देश का भी नाम रोशन किया है. इसके साथ ही दिक्षा मांडौठी गांव की पहली इंटरनेशनल मेडल विजेता बन गई हैं. कुश्ती के दांव-पेंच में माहिर दिक्षा ने जापान, कजाकिस्तान और कीर्गिस्तान के विरोधी पहलवानों को 10-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता है. 


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पहलवानी के लिए फेमस हरियाणा के कई ऐसे गांव हैं, जहां के पहलवानों ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर देश का नाम रोशन किया है. इन उपलब्धियों में महिला और पुरुष पहलवान शामिल हैं, लेकिन 12 साल की दिक्षा की उपलब्धि बेहद खास है. दिक्षा ने हाल ही में जॉर्डन में हुई अंडर 15 एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीता है. दिक्षा ने जापान, कजाकिस्तान और किर्गिस्तान के पहलवानों को 10-0 के  अंतर से हराकर पदक अपने नाम किया है. इसके साथ ही दिक्षा एशियाई कुश्ती चैंपियनशिप में गोल्ड जीतने वाली पहली लड़की बन गई हैं. दिक्षा का कहना है कि वो ओलंपिक मेडल जीतकर देश का नाम  रोशन करना चाहती है.


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बीएसएम स्कूल में आठवीं कक्षा की छात्रा दिक्षा कुश्ती के साथ ही पढ़ाई में भी काफी होनहार हैं. वो गांव के ही अखाड़े में खेलने जाया करती थीं, वहीं से दिक्षा का मन पहलवानी में रम गया. दिक्षा ने दादा के साथ पहले गांव के अखाड़े में प्रैक्टिस की और अब हिन्द केसरी सोनू अखाड़े में अर्जुन अवार्डी पहलवान धर्मेन्द्र और अंतरराष्ट्रीय पहलवान सुधीर से कुश्ती के दांव पेंच सीख रही हैं. दादा लाजपत राय का कहना है कि दिक्षा का पहलवानी का टैलेंट पैदायशी है और एक दिन वो ओलंपिक में भी गोल्ड मेडल लेकर आएगी. 


दिक्षा के कोच अर्जुन अवार्डी पहलवान धर्मेन्द्र का कहना है कि दिक्षा मैट पर बहुत ज्यादा मेहनत करती है. 20 साल के पहलवान से ज्यादा मेहनत वो अखाड़े में करती है. उन्होंने कहा कि दिक्षा ने एशियाई कुश्ती में एकतरफा तीन देशों के पहलवानों को हराया. स्कूल की स्टेट लेवल प्रतियोगिता में भी दिक्षा ने लगातार तीन साल गोल्ड मेडल हासिल किया था. बहालगढ़ में हुई ओपन सलेक्शन ट्रायल में भी उसने पहला स्थान हासिल कर इंटरनेशनल गोल्ड हासिल किया है.इस नन्ही पहलवान की मैट पर प्रैक्टिस देखकर हर कोई दंग रह जाता है. ऐसे में कोच और परिवार के साथ पूरे इलाके को दिक्षा से उम्मीद है कि एक दिन वो ओलंपिक में भारत का गौरव बढ़ाने का काम करेगी.


Input- Sumit Tharan