UPSC Lateral Entry Controversy: 17 अगस्त को UPSC ने लेटरल एंट्री भर्ती के लिए 45 पोस्ट पर वैकेंसी निकाली थी, जिसे अब रद्द कर दिया गया है. केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह ने UPSC चेयरमैन को लेटरल एंट्री भर्ती नोटिफिकेशन रद्द करने के लिए कहा. दरअसल, नोटिफिकेशन जारी होने के बाद राहुल गांधी ने इसका विरोध किया था. वहीं अब आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी इसका विरोध करते हुए BJP पर आरक्षण की हत्या करने का आरोप लगाया है. 


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AAP नेता जैस्मीन शाह ने कहा कि BJP आरक्षण की दिनदहाड़े हत्या करने पर तुली हुई है. भाजपा 400 पार का नारा दे रहे थी और 300 तक भी नहीं पहुंच पाई. क्योंकि वोटर पार्टी असली मकसद समझ गए थे. अब BJP ने ऐसा कुछ किया है, जिससे लगता है कि वह चोर दरवाजे से आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रही है. 


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UPSC बड़े-बड़े ओहदो के लिए लेटरल एंट्री का विज्ञापन निकालती है. ये बड़ा पाप मोदी सरकार करने जा रही थी. हालांकि, अब इसे वापस ले लिया गया है. इस दौरान जैस्मीन ने BJP शासित राज्यों में आक्षण नहीं दिए जाने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा कि UP में टीचर्स भर्ती में भी इन्होंने SC, ST और OBC समाज को आरक्षण नहीं दिया.OBC का आरक्षण 27% होता है और केवल 4% मिला. इस मामले में कोर्ट ने ऐतिहासिक फैसला लेते हुए पूरी रिक्रूटमेंट खारिज कर दीं. ये दो मामले दिखाते हैं कि BJP देश विरोधी, आरक्षण विरोधी और संविधान विरोधी पार्टी है.


जैस्मीन शाह ने कहा कि मोदी सरकार के मंत्री कहते हैं कि लेटरल एंट्री नियम के तहत है DOPT का 2022 का ही मेमोरेंडम है. अगर 45 दिन से ज्यादा कहीं पर आप किसी को रखते हैं तो वहां आरक्षण देना होता है. BJP कहती है 3 साल की लेटरल एंट्री से नौकरी है, लेकिन आपका ही मेमो कहता है कि 45 दिन से ज्यादा की नौकरी के लिए आरक्षण देना होगा.


मजबूरी में वापस लिया विज्ञापन
जैस्मिन शाह ने लेटरल एंट्री का विज्ञापन वापस लिए जाने पर कहा किलोकतंत्र में ये बेहतरीन चीज है ,जब कोई चोरी पकड़ी जाती है तो कहते हैं कि हम SC\ST समुदाय के साथ खड़े हैं. साथ ही इस फैसले को मजबूरी में उठाया कदम बताया.


आरक्षण खत्म करने की कोशिश
AAP नेता कुलदीप कुमार ने कहा कि BJP बाबा साहब के दिए आरक्षण को खत्म करने की कोशिश कर रही है. लेटरल एंट्री के जरिए 45 में से 21 पद आरक्षित होते हैं. भाजपा दलित और पिछड़े समाज से उनका हक छीनना चाहती है.पीएम मोदी कितनी भी ताकत लगा दें, समाज अपना हक नहीं छीनने देगा. 


Input- Davesh Kumar