Randeep Surjewala in Kaithal: एक ओर देशभर में NEET रिजल्ट कथित गड़बड़ी का मामला अभी थमा भी नहीं है कि अब हरियाणा में शुक्रवार को जारी HCS भर्ती परीक्षा के रिजल्ट में गड़बड़ी का मुद्दा गर्मा गया है. हरियाणा कांग्रेस ने बीजेपी पर SC-BC विरोधी बताते हुए गंभीर आरोप लगाए हैं. भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस महासचिव व सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला शनिवार को कैथल पहुंचे. इस दौरान आयोजित प्रेस वार्ता में सुरजेवाला ने कहा कि कल जारी हुए HCS अफसर भर्ती लिस्ट ने भाजपा सरकार का SC-BC विरोधी चेहरा जहां बेनकाब कर दिया, वहीं दूसरी ओर यह साबित भी हो गया कि गरीब के बच्चों के पास भाजपा के रहते HCS जैसे पदों पर नियुक्ति का कोई रास्ता नहीं बचा है.


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इंटरव्यू में पहुंचने से भी रोका जा रहा 
सुरजेवाला ने कहा कि 2019 से 2024 तक यानि पिछले छह साल से भाजपा सरकार HCS पदों पर SC-BC बच्चों की भर्ती को दुश्मन की नजर से देख रही है. एक ओर रविदासिया व वाल्मीकी समाज के नौजवानों को HCS अफसर बनने से रोकने का खुला खेल किया गया तो दूसरी ओर BC (A) व BC (B) यानी कश्यप, प्रजापति, जांगड़ा, पांचाल, कंबोज, गुर्जर, सैनी और यादव समाज के युवकों को HCS भर्ती के इंटरव्यू तक पहुंचने से भी रोका जा रहा है.


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सुरजेवाला ने बीजेपी सरकार में हो रहे 'खेल' का एक उदाहरण देते हुए कहा कि एक तरफ तो SC समाज के HCS अफसर के आरक्षित पद 2019 के बाद से भरे ही नहीं जा रहे.क्या इसका मतलब यह है कि हरियाणा में रविदासिया समाज, वाल्मीकी समाज, संहसी समाज, धाणक समाज, ओड समाज व अन्य SC बिरादरी के बच्चे अब HCS अफसर बनने के लायक नहीं हैं.  कांग्रेस महासचिव ने कहा कि उन्होंने कहा कि जिस बच्चे से मेज के नीचे से सेटिंग हो जाए या फिर जिस चहेते को भर्ती करना हो, केवल उन्हीं को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है और BC (A) व BC (B) के गुणी बच्चों को दर-दर की ठोकरें खाने के लिए छोड़ दिया जाता है.


पदों को खाली रखने की मंशा पर सवाल 
रणदीप सुरजेवाला ने बताया कि HCS भर्ती 2023 जिसका परिणाम 14 जून को जारी किया गया, उसमें SC के लिए आरक्षित 31 पद थे. नियमानुसार इंटरव्यू में कुल पदों से तीन गुना यानी 93 बच्चों को बुलाना चाहिए था, लेकिन सिर्फ 22 को ही बुलाया गया. इस बार SC के 9 पद खाली छोड़ दिए गए. इसी तरह  2022 की HCS भर्ती में 20 पद  SC के लिए आरक्षित किए गए थे. इंटरव्यू में 60 बच्चों को बुलाना था, लेकिन साक्षात्कार में SC के 6 बच्चों को बुलाया गया था और सभी को नियुक्ति दे दी गई. उन्होंने कहा कि 2022 और 2023 की HCS भर्ती में क्रमशः SC के 14 और 9 पद खाली छोड़े गए. क्या बीजेपी की नजर में हरियाणा के SC समाज के बच्चे HCS अफसर बनने लायक भी नहीं हैं? यह बस बीजेपी का SC विरोधी चेहरा दिखाता है.


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आरक्षण नीति का उल्लंघन किया जा रहा 
HCS भर्ती 2022 के बाद SC समाज के बच्चों ने राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को इस भेदभाव के बारे में लिखा था. राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग ने 21 फरवरी 2024 को भाजपा सरकार के HPSC को लिखकर जवाब मांगा था कि आरक्षण नीति का उल्लंघन क्यों किया जा रहा है. उन्होंने उस पत्र की एक कॉपी भी दिखाई. सुरजेवाला ने कहा कि इसके बावजूद भाजपा सरकार व उसके HPSC ने न कोई कार्रवाई की और न कोई जवाब दिया. 


बीजेपी का बैकवर्ड विरोधी चेहरा भी बेनकाब 
कांग्रेस नेता ने कहा कि HCS भर्ती 2023 के रिजल्ट में बीजेपी का बैकवर्ड विरोधी चेहरा भी बेनकाब हुआ है. इस बार की भर्ती में  BC (A) वर्ग के 19 पद थे. 57 BC बच्चों को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना चाहिए, लेकिन 19 को बुलाकर सभी को नियुक्तियां दे दी गई. उन्होंने आरोप लगाया कि जिस बच्चे की सैटिंग हो गई या जो चहेता है, बस उन्हीं को इंटरव्यू में बुलाकर नियुक्ति दे दी गई. इसी तरह 2022 की HCS भर्ती में BC (A) के 10 पद निकाले गए. इंटरव्यू पर करीब 30 BC बच्चे बुलाए जाने चाहिए थे, लेकिन बुलाए सिर्फ तीन और तीनों को नियुक्ति मिल गई.


कहां जाएंगे हरियाणा के बच्चे 
इसी तरह 2023 की भर्ती के लिए BC (B) के 7 पद निकाले गए. करीब तीन गुना (21) को इंटरव्यू के लिए बुलाया जाना चाहिए था पर 8 को ही बुलाया गया. सभी सात पद भरे गए. वहीं 2022 की HCS भर्ती में BC (B) के 5 पद थे; लेकिन इंटरव्यू के लिए एक अभ्यर्थी को ही बुलाया गया और नियुक्ति दे दी गई. सुरजेवाला ने सवाल उठाया कि क्या पूरे हरियाणा में SC-BC समाज के इतने बच्चे भी नहीं हैं कि सभी आरक्षित पदों पर उनकी भर्ती हो जाए. उन्होंने बीजेपी सरकार पर जानबूझकर आरक्षित पदों को खाली रखने का आरोप लगाया. उन्होंने पूछा कि अगर भर्ती ही नहीं होगी तो हरियाणा के बच्चे कहां जाएंगे.


इनपुट: विपिन शर्मा