नई दिल्ली: दिल्ली में अब वाहन चालकों को परेशानी उठानी पड़ सकती है. ये परेशानी ऐसे वाहन चालकों को झेलनी पड़ेगी जिन्होंने अपने गाड़ी पीयूसी नहीं बनवाया है. बढ़ते प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए दिल्ली सरकार ने विंटर एक्शन प्लान लागू कर दिया है, जिसके तहत अब वाहन चालकों को अपने प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र (PUC) को अपेडेट रखना होगा.


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परिवहन विभाग के मुताबिक, अभी प्रदूषण जांच नहीं कराने वाले वाहनों का मौके पर ही 10 हजार रुपये चालान किया जाएगा. उसके बाद भी अगर कोई जांच नहीं कराता है और दूसरी बार पकड़ा जाता है तो उसका ड्राइविंग लाइसेंस भी रद्द किया जा सकता है. परिवहन विभाग ने लोगों से अपील की है कि वह जल्द से जल्द अपने वाहनों का प्रदूषण जांच करवा लें.


विभाग ने यह भी तय किया है जिसने लंबे समय से प्रदूषण जांच नहीं कराया है उन्हें ई-चालान भी भेजा जाएगा. पर्यावरण विभाग ने फैसला किया है कि दिल्ली में 25 अक्टूबर से उन्हीं वाहनों को पेट्रोल और डीजल मिलेगा, जिनके पास वाहन का मान्य प्रदूषण जांच प्रमाण पत्र होगा.


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एक अनुमान के अनुसार दिल्ली-एनसीआर में बिना पीयूसी करीब 19 लाख गाड़ियां सड़कों पर दौड़ रही हैं, सख्ती के चलते यदि एक हफ्ते में पीयूसी केंद्र पहुंच जाएं, तो काफी अव्यवस्था होगी. एक्सपर्ट के अनुसार लोग इंश्योरेंस करवाते हैं, लेकिन पीयूसी नहीं. इसलिए पीयूसी को इंश्योरेंस से जोड़ने की सिफारिश की गई थी.


प्रदूषण की रोकथाम के लिए दिल्ली सरकार राजधानी में 6 अक्टूबर से 6 नवंबर तक एंटी डस्ट अभियान भी चला रही है. इतना ही नहीं सरकार ने इस बार भी पटाखों के खरीद-बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगा दी है. आबोहवा बेहतर हो सके इसके लिए प्रयास तो किये जा रहे हैं. उम्मीद है कि जल्द ही इसका सकारात्मक असर वायु प्रदूषण पर भी देखने को मिलेगा.