ब्रेस्ट में हो रहे इन बदलावों को महिलाएं न करें नजरअंदाज, जान को हो सकता है खतरा
एक रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2025 में देशभर में 2.32 लाख महिलाएं स्तन कैंसर से पीड़ित होंगी. इनके बढ़ते मामलों की एक वजह यह भी है कि 1000 में से सिर्फ 6 महिलाएं ही इसकी समय पर जांच कराकर इलाज शुरू करवाती हैं.
अभिषेक सांख्यायन/नई दिल्ली: दुनिया भर की तरह देश की महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक कैंसर, स्तन कैंसर हैं. देश भर में हर साल 75000 से ज्यादा महिलाएं इसका शिकार हो जाती है. लेकिन NFHS-5 सर्वे को आधार मानें तो देश की महिलाओं में स्तन कैंसर का टेस्ट, गर्भाशय और मुंह के कैंसर से भी कम हो रहा है.
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ब्रेस्ट कैंसर सबसे कॉमन, उसके टेस्ट सबसे कम!
NFHS-5 के हाल ही में जारी हुए राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (National Family Health Survey) में पहली बार कैंसर के स्क्रीनिंग टेस्ट को शामिल किया गया. सर्वे में पता चला कि जिस कैंसर से महिलाओं को सबसे ज्यादा खतरा देखा जा रहा है, उसके निदान के लिए सबसे कम टेस्ट हो रहे हैं. गर्भाशय के कैंसर के मामले में जहां 1000 में से 12 महिला टेस्ट करवाती है. वहीं स्तन कैंसर का टेस्ट 1000 में 6 महिलाएं करवा रही हैं. इस मामले में ये दर आधी है.
दुनिया के साथ-साथ देश में भी महिलाओं में ब्रेस्ट कैंसर सबसे ज्यादा देखा जा रहा है. ऐसे में ब्रेस्ट कैंसर के लिए सबसे कम टेस्ट होना चिंताजनक संकेत दे रहा है. सर्वेक्षण यह भी बताता है कि स्तन कैंसर के मामले में जनता और सरकारों के बीच अधिक जागरूकता की आवश्यकता है.
NFHS-5 के अनुसार गर्भाश्य ग्रीवा कैंसर का स्क्रीनिंग टेस्ट 15-49 वर्ष की महिलाओं में से केवल 1.2% ने ही कराया है. स्तन कैंसर का स्क्रीनिंग टेस्ट इसी उम्र की महिलाओं में से 0.6% ने ही कराया है और बात करें मुख कैंसर की तो 0.7% महिलाओं ने ही कराया है.
दुनिया में स्तन कैंसर (Breast Cancer In World)
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की रिपोर्ट के अनुसार साल 2020 में दुनियाभर में 23 लाख महिलाओं में स्तन कैंसर के मामले सामने आए. वहीं 6.85 लाख मरीजों की मौत भी हो गई. हर 4 में से एक महीला (28% ) को स्तन कैंसर ने छीन ले गया. पिछले कुछ समय से स्तन कैंसर महिलाओं में सबसे ज्यादा फैलने वाले कैंसर हो गया है. 5 साल 2016-2020 में 78 लाख महिलाएं ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित पाई गईं
भारत में स्तन कैंसर (Breast Cancer In India)
राष्ट्रीय रोग सूचना विज्ञान और अनुसंधान केंद्र (National Centre for Disease Informatics and Research) की रिपोर्ट के अनुसार देशभर में साल दर साल ब्रेस्ट कैंसर के मामले बढ़ते जा रहे हैं. वहीं गर्भाशय के कैंसर के मामलों में मामूली गिरावट आई है. रिपोर्ट के अनुसार देशभर में हर एक लाख महिलाओं में 29.9 स्तन कैंसर के मामले सामने आ रहे हैं. इनमें से 11.1 महिलाओं की मौत हो जाती है.
भारत में इन शहरों में स्तन कैंसर का सबसे ज्यादा खतरा
National Cancer Registry Program में ये भी पाया गया कि हैदराबाद में हर एक लाख महिलाओं में से 48 में ब्रेस्ट कैंसर पाया गया है. चेन्नई(42.2), बंगलौर (40.5), दिल्ली (38.6) और पटियाला (36.9) शहर में भी में स्तन कैंसर के मामले राष्ट्रीय औसत से कहीं ज्यादा है.
2025 में होंगे स्तन कैंसर के 2.32 लाख मरीज
राष्ट्रीय कैंसर रजिस्ट्री प्रोग्राम की रिपोर्ट में अनुमान लगाया गया है कि साल 2025 तक देश में कुल कैंसर पीड़ितों की संख्या 15 लाख के पार हो जाएगी, जिसका सबसे ज्यादा शिकार तम्बाकू का सेवन 4.27 लाख (27.1 %) करने वाले होंगे. आमाश्य के 3.10 लाख (19.8 %) और स्तन कैंसर के 2.32 लाख (14.8%) क्रमश: दूसरे या तीसरे स्थान पर आता है.
स्तन कैंसर के लक्षण
स्तन में दर्द रहित गांठ या स्तन के आकार में बदलाव देखा जाता है. इसलिए यह जरूरी है कि स्तनों में असामान्य गांठ पाए जाने पर महिलाओं को 1-2 महीने से भीतर ही डॉक्टर से सलाह लें. इसके अलावा इसके अन्य लक्षण हैं.
•एक स्तन में गांठ या मोटा होना
•स्तन के आकार या रूप में परिवर्तन
•त्वचा में डिंपल, लाली, पिटिंग या अन्य परिवर्तन
•निप्पल की उपस्थिति में परिवर्तन या निप्पल (एरिओला) के आसपास की त्वचा में परिवर्तन
•निप्पल से असामान्य डिस्चार्ज
(Source: National Cancer Registry Program 2020)
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