World suicide prevention day 2022: विश्वभर में लगातार तेजी से बढ़ रहे सुसाइड के मामलों को रोकने के लिए हर साल 10 सितंबर को विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस मनाया जाता है. इस दिन को मनाने की शुरुआत International Association for Suicide Prevention (IASP) के द्वारा साल 2003 में की गई थी. 


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डिप्रेशन से ग्रसित कोई भी व्यक्ति खुदकुशी की कोशिश कर सकता है, अगर वो अकेला रहता है तो इस बात की 20 गुना ज्यादा संभावना होती है कि वो खुदकुशी के तरीके खोजकर अपनी जान देना चाहता हो. खुदकुशी की रोकथाम के लिए ही हर साल World suicide prevention day मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य ऐसे लोगों की पहचान करके उन्हें उचित इलाज दिलाना होता है.  


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किसी भी व्यक्ति के सुसाइड की मुख्य वजह डिप्रेशन होता है, आज के इस आर्टिकल में हम आपको ऐसे ही 5 लक्षणों के बारे में बताने वाले हैं जो सुसाइड करने वाले लोगों में पहले ही नजर आने लगते हैं.


1. उदास रहना
किसी भी व्यक्ति का उदास रहना समान्य है लेकिन अगर वो लंबे समय तक उदास रहता है तो उसके अंदर सुसाइड का ख्याल आ सकता है. अगर कोई भी व्यक्ति लगातार 2-3 महीने तक उदास रहे तो ये सुसाइड के लक्षण हैं. 


2. बहुत अधिक या बहुत कम सोना
अगर कोई भी व्यक्ति जरूरत से ज्यादा सोता है या फिर उसे बिल्कुल नींद नहीं आती, ये दोनों ही लक्षण इस बात के संकेत देते हैं कि वो किसी बात को लेकर परेशान है. 


3. वसीयत बनवाना या अपनी चीजें दूसरों को देना
अगर कोई भी व्यक्ति अपनी प्रॉपर्टी की चिंता में रहता है और हर वक्त उसको दूसरों के नाम कराने की बात करता है तो वह सुसाइड के बारे में सोच रहा है. इसके साथ ही अगर कोई भी व्यक्ति अपनी पसंदीदा चीजें किसी को देने शुरू कर देता है तो भी वह दुनिया छोड़कर जाना चाहता है. 


4. आत्महत्या से जुड़ी खबरें खोजना
अगर कोई भी व्यक्ति हर वक्त आत्महत्या से जुड़ी खबरें देखता और पढ़ता रहता है तो वह मानसिक रुप से काफी परेशान है और आत्महत्या के तरीके खोज रहा है. 


5. डर खत्म होना
अगर किसी भी व्यक्ति के अंदर से डर खत्म हो जाए वो नशा करना शुरू कर दे, किसी से भी लड़ाई झगड़ा करते रहे, हर बात पर जान देने की धमकी दे तो ऐसा व्यक्ति भी जान देने की कोशिश कर सकता है. 


ऐसे कर सकते हैं मदद
अगर आपके आस-पास किसी भी व्यक्ति में ऐसे लक्षण दिखाई दें तो उससे बात करने की कोशिश करें. उनसे सीधे सवाल न करके बल्कि दूसरे तरीकों से उनकी परेशानी की वजह को जानें. ऐसे लोगों को ज्यादा समय के लिए अकेला नहीं छोड़ें. उनपर नजर रखें और ज्यादा परेशानी होने पर डॉक्टर की सलाह लें.