Wrestlers Protest: बृजभूषण की गिरफ्तारी के लिए अब तक नहीं दिल्ली पुलिस के पास सबूत, जल्द आ सकती है रिपोर्ट
Brij Bhushan Sharan Singh News: बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने वाली नाबालिग पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में स्वाति मालीवाल ने पुलिस उपायुक्त को समन जारी किया और साथ ही पुलिस मामले को लेकर जल्द रिपोर्ट जारी कर सकती है.
Brij Bhushan Sharan Singh: दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने नाबालिग पीड़िता की पहचान उजागर करने के मामले में डीसीपी नई दिल्ली को समन जारी कर कार्रवाई रिपोर्ट मांगी है. एक नाबालिग लड़की समेत कुछ महिला पहलवानों ने आरोप लगाया है कि भारतीय कुश्ती महासंघ के तत्कालीन अध्यक्ष बृजभूषण सिंह ने उनका यौन उत्पीड़न किया है. इस संबंध में पीएस कनॉट प्लेस में पॉक्सो एक्ट के तहत एक एफआईआर समेत दो अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई हैं. हालांकि इस मामले में अभी तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.
दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस को समन किया जारी
अब सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रही है, जिसमें नाबालिग पीड़िता के चाचा होने का दावा करने वाले एक व्यक्ति ने पीड़िता की पहचान उजागर की है. जो POCSO एक्ट के तहत एक आपराधिक कृत्य है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष ने यह चिह्नित किया है कि इस मामले में आरोपी बृजभूषण सिंह अत्यधिक प्रभावशाली है और उसकी आज तक गिरफ्तार नहीं की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले की संवेदनशीलता और पीड़िताओं, विशेष रूप से नाबालिग पीड़िता को सीधे खतरे को देखते हुए पुलिस को उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का निर्देश दिया था.
वहीं दिल्ली पुलिस के सूत्रों की मानें तो फिलहाल बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी के लिए दिल्ली पुलिस के पास अभी तक कोई सबूत नहीं हैं. चाहे कजाकिस्तान हो या रांची, जहां-जहां छेड़खानी के आरोप लगाए हैं, वहां जांच जारी है. अभी तक कोई फोटो, सीसीटीवी, विटनेस नहीं मिला है. पुलिस की जांच में ये तय हो जाएगा कि अगले 15 दिन में पुलिस चार्जशीट दाखिल करेगी या फिर फाइनल रिपोर्ट जारी करेगी.
क्या है फाइनल रिपोर्ट (Final Report) और चार्जशीट में अंतर
चार्जशीट का मतलब है कि अभी केस में कुछ जान है, आगे जांच की जरूरत है. वहीं फाइनल रिपोर्ट यानी एफआर का मतलब है कि केस में कुछ नहीं मिला है और इस केस को बंद कर दिया जाना चाहिए. ये जांच के बाद तय हो जाएगा.
नाबालिग पीड़िता की उम्र को लेकर विवाद, पुलिस ने जारी की जांच
शिकायतकर्ता एक पहलवान नाबालिग है या नहीं, इसको लेकर जांच जारी है. इसमें जो भी डेवलपमेंट होगा दिल्ली पुलिस उसकी जानकारी पोक्सो कोर्ट में बताएगी. ये जानना भी जरूरी है कि अगर जांच में आएगा कि डॉक्युमेंट्स के साथ छेड़खानी की गई है, गलत उम्र बताई गई है. फिर फेडरेशन चाहे तो इसमें एक्शन लिया जा सकता है. अभी डॉक्युमेंट्स वैरिफाई किए जा रहे हैं. POCSO केस में भी कुछ जजमेंट हैं, जो केस रजिस्टर्ड है उसकी सजा सात साल तक है. सात साल तक सजा वाले केस में अगर कुछ सबूत मिलते भी हैं तो जजमेंट है कि गिरफ्तारी की तुरन्त जरूरत नहीं है.
Input: आदित्य प्रताप सिंह, बलराम पांडे