यमुनानगर: यमुनानगर में  परंपरागत खेती को छोड़कर किसान अब संरक्षित खेती की तरफ जाने लगे हैं, क्योंकि परंपरागत खेती के चलते अब किसानों को लगातार घाटा दिखता जा रहा है. ऐसे ही हम यमुनानगर के गांव बुरिया से रमनजीत सिंह ऐसे किसान हैं, जिन्होंने खीरा और रंग बिरंगी शिमला मिर्च की खेती करके लाखों रुपये का मुनाफा कमाया है. वहीं किसान का कहना है कि सरकार की तरफ से उनको भारी मात्रा में सब्सिडी और समय-समय पर सहयोग मिल रहा है.


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हॉर्टिकल्चर विभाग की ओर से भी इस तरह के किसानों को लगातार सहयोग मिलता है. साथ ही संबंधित विभागों की ओर से चाहे वह कृषि यंत्र हो या फिर सूक्ष्म सिंचाई जैसे जल संसाधन उन सबको लेकर लगातार अलग से खेती करने वालों को सहयोग मिलता रहता है वंही  संबंधित विभागों की तरफ से ऐसे किसानों के लिए समय-समय पर सेमिनार आयोजिक किए जाते हैं. किसान रमनजीत सिंह का कहना है कि किसानों को कहीं न कहीं सब्सिडी या फिर सरकार की तरफ से सहायता को लेकर दिक्कत आनी शुरू हो गई, उनका कहना है कि अब हरियाणा में पहले जैसी सरकारी स्किमों से सहायता नहीं मिलने की वजह से वह हिमाचल, राजस्थान और अन्य राज्यों में जाने के लिए मजबूर होने लगे.


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रमनजीत सिंह किसान का कहना है कि वह अब दूसरे देशों में खेती की एडवांस ट्रेनिंग लेने के लिए जाएंगे और उसके बाद भारत में आकर किसानों को विदेशी खेती पर ट्रेनिंग देने की कोशिश करेंगे. उन्होंने कहा कि अगर कोई भी किसान परंपरागत खेती करता है तो वह उससे संपर्क कर सकता है. उससे जितने भी सहायता होगी किसान को दी जाएगी. हाल ही में इन किसानों को घरौंडा में कृषि विभाग की तरफ से हुए कार्यक्रम में अच्छी खेती के लिए अवार्ड देकर सम्मानित किया गया.


हॉर्टिकल्चर विभाग के अधिकारी का कहना है कि यमुनानगर के गांव बुरिया के रमनजीत सिंह एक मेहनती किसान हैं जो समय समय पर हॉर्टिकल्चर विभाग में कृषि  विभागों से ट्रेनिंग लेते रहते हैं और विभाग भी उनको पूर्ण सहयोग करते हैं.


Input: कुलवंत सिंह