Yamunanagar News: हरियाणा और दिल्ली फिर आमने-सामने आ गए हैं. इस बार मुद्दा हथिनीकुंड बैराज से डायवर्ट किए जा रहे पानी को लेकर है. दिल्ली का अपना तर्क है और हरियाणा यमुना नदी पर लगे गेज पर सवाल उठा रहा है.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

मानसून की दस्तक ने ऐसा तांडव मचाया कि दिल्ली पानी-पानी हो गई. आधी दिल्ली जलमग्न हो गई है. लोगों का जीना दूभर हो गया है, लेकिन अब पानी पर भी सियासत तेज हो गई है. दरअसल हथिनीकुंड बैराज से डायवर्ट किए गए पानी को लेकर दिल्ली सरकार ने सवाल उठाए हैं. पहले केजरीवाल अब दिल्ली सरकार के मंत्री भी हरियाणा सरकार पर हमलावर हो गए हैं. हाल ही में केजरीवाल ने बयान दिया था कि हथिनीकुंड बैराज से डायवर्ट किए गए पानी की हमें कोई जानकारी नहीं मिल रही है, जिससे दिल्ली डूब रही है.


ये भी पढ़ें: Delhi News: जलजमाव की समस्या को लेकर CM केजरीवाल ने BJP पर कसा तंज, बोले- ये वक्त साथ काम करने का


 


उन्होंने कहा कि सिर्फ दिल्ली को डूबोने के लिए पानी सिर्फ देश की राजधानी की तरफ मोड़ा गया है. ईस्ट और वेस्ट यमुना में पानी नहीं छोड़ा गया है. इस पर यमुनानगर सिंचाई विभाग के सुपरिटेंडेंट इंजीनियर आर.एस. मित्तल ने कहा कि दिल्ली में यमुना नदी पर साल 1978 की गेज है, जिससे पानी की सही आंकलन नहीं हो पा रहा है.


वहीं अगर हथिनी कुंड बैराज से पानी डाइवर्ट की बात की जाए तो पिछले 2 दिनों में पानी 1 लाख क्यूसेक से नीचे है, जिसमें लगभग 10 हजार क्यूसेक पानी पश्चिमी यमुना नहर में छोड़ा गया है, जबकि उत्तर प्रदेश यमुना में वहां की डिमांड के अनुसार पानी छोड़ा जाता है.


इस वक्त राजधानी दिल्ली के हालात भयावह हैं. यमुना खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. हथिनीकुंड बैराज से डायवर्ट किए गए पानी को लेकर अब हरियाणा और दिल्ली फिर आमने-सामने आ गए हैं. ऐसे में जरूरत राजनीति से हटकर बाढ़ से पीड़ित लोगों की मदद करने की है ताकि लोगों की जिंदगी महफूज हो सके.


Input: Kulwant Singh