Heatwave alert death toll: हीट वेव की वजह से दिल्ली में अब तक 192 लोगों की मौत हो चुकी है. 11 जून से 19 जून तक मरने वालों की संख्या बढ़कर अब 192 हो चुकी है. यानी इतने लोग इस दौरान हीट वेव से जान गवा चुके हैं. वहीं राजधानी में कुल बेघर लोगों की मौत का आंकड़ा  348 पहुंच चुका है. उधर अकेले यूपी में चंद दिनों में 44 मौतें हो चुकी हैं. बिहार, झारखंड, मध्य प्रदेश समेत कई राज्यों में हीट स्ट्रोक से होने वाली मौतों में इजाफा हुआ है. भीषण गर्मी के चलते यूपी के कानपुर की मॉर्चुरी में दो दिन पहले तक जिन शवों की शिनाख्त नहीं हो पाई थी, उनकी हालत खराब हो गई थी, क्योंकि पोस्टमार्टम के लिए प्रचंड गर्मी और पावर ट्रिपिंग के चलते मुर्दाघर के डीप फ्रीजर सही से काम नहीं कर रहे थे.


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45-46 डिग्री सेल्सियस तापमान न्यू नॉर्मल हो चुका है. हीट वेव से उत्तर भारत तंदूर जैसा तप रहा है. छत पर लगी टंकियों का पानी उबल रहा है. दिल्ली से लेकर कानपुर समेत देशभर के कई शहरों में दशकों के रिकॉर्ड टूट चुके हैं. दिन छोड़िए, शामें सता रही हैं और रात में भी गर्मी कहर बनकर टूट रही है.


'सबसे गर्म रात' की बात से अब सब लोग वाकिफ हो चुके हैं. रात का न्यूनतम तापमान 36 डिग्री सेल्सियस तक जा चुका है. सरकार और स्वास्थ्य मंत्रालय अलर्ट जारी कर रहा है, योजनाएं बना रहा है, लेकिन उनका लाभ आम आदमी तक नहीं पहुंच रहा है. बताया जा रहा है कि देशभर में हीट स्ट्रोक से अब तक सैकड़ों मौते हो चुकी हैं. हालांकि अधिकारिक आंकड़ा अभी तक जारी नहीं हुआ है.



मौसम विभाग (IMD) के मुताबिक यूपी, उत्तराखंड, हिमाचल, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, पंजाब के कुछ हिस्सों और उत्तरी मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और जम्मू के कुछ हिस्सों में लू को लेकर गंभीर स्थिति बनी हुई है. अभी फिलहाल एक हफ्ते तक इस स्थिति से राहत मिलने के आसार नहीं है. 


दिल्ली-एनसीआर में बारिश


मौसम विभाग के मुताबिक उत्तरी दिल्ली, उत्तर-पूर्वी दिल्ली, उत्तर-पश्चिमी दिल्ली, पश्चिमी दिल्ली, मध्य-दिल्ली, एनसीआर (लोनी देहात, हिंडन वायु सेना स्टेशन, बहादुरगढ़, गाजियाबाद) के कुछ स्थानों और आसपास के क्षेत्रों में हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश और हवाएं चलनी शुरू हो गई हैं. इंदिरापुरम, छपरौला) सोनीपत, रोहतक, खरखौदा (हरियाणा) बागपत, खेकड़ा, मोदीनगर, पिलखुआ (यूपी) अगले 2 घंटों के दौरान बारिश का अनुमान लगाया गया है.  


इसके बावजूद आज देश के कई हिस्सों में बारिश का अलर्ट है. दिल्ली-यूपी में अभी मॉनसून आने में करीब चार से पांच दिन का इंतजार बाकी है.


देशभर के मौसम का हाल


पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में रातें गर्म रहने की संभावना है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और मध्य प्रदेश, ओडिशा, झारखंड, बिहार और जम्मू संभाग के कुछ इलाकों में लू की स्थिति रही. उत्तर प्रदेश में लू से लेकर भीषण लू की स्थिति संभव है. अगले 2 से 3 दिनों के दौरान असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश और कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है।


'स्काईमेट वेदर' की रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ के कुछ हिस्सों, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, सिक्किम, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, दक्षिण ओडिशा और छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों, तटीय कर्नाटक और कोंकण और गोवा में हल्की से मध्यम बारिश के साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश संभव है. मध्य महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, दक्षिण गुजरात, उत्तरी छत्तीसगढ़, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह, जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में हल्की से मध्यम बारिश संभव है.


उत्तराखंड, रायलसीमा, आंतरिक कर्नाटक, बिहार, गंगीय पश्चिम बंगाल, उत्तर प्रदेश, लक्षद्वीप और मध्य प्रदेश में हल्की बारिश हो सकती है. पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और उत्तर-पश्चिमी राजस्थान में छिटपुट बारिश, गरज और धूल भरी आंधी संभव है.


राजस्थान में जल्द होगी मानसून की एंट्री


25 जून तक प्रदेश् में मानसून की एंट्री होने का पूर्वानुमान था. लेकिन, सोमवार यानी 17 जून तक मानसून की गुजरात में एंट्री हो गई. इससे संभावना जताई जा रही है कि गुजरात से राजस्थान के बीच की दूरी तय करने में मानसून को अधिक समय नहीं लगेगा. 


देश में कहीं लूं- कहीं बर्फबारी


तपती जून में बर्फबारी की खबर राहत दे रही है. दरअसल एक तरफ जहां लोग 40 से 45 डिग्री के तापमान में तंदूर और भट्टी के पास होने का एहसास कर रहे हैं, वहीं सैलानियों के लिए बर्फबारी नई ज़िंदगी देने वाली हैं. हिमाचल और जम्मू-कश्मीर की ऊंची पहाड़ियों पर मौसम जून के महीने में हैरान कर रहा है.


बांदीपोरा के गुरेज़ में 1 से 2 इंच तक जमी बर्फ सैलानियों को लुभा रही है. और गुरेज़ में इतनी बर्फ पड़ रही है कि मशीनों से काटकर रास्ते बनाने पड़ रहे हैं.


हिमाचल के लाहौल स्पीति में लोगों को ऐसा एहसास हो रहा है मानों कि ये दुनिया का कोई दूसरा हिस्सा हो. जहां बर्फ ने ना सिर्फ सैलानियों को सुकून दिया है, बल्कि ये स्थानीय लोगों के लिए परेशानी का सबब बन गई है. 


जानकारों का कहना है कि जून की तपती गर्मी में बर्फबारी का होना अपने आप में किसी चमत्कार से कम नहीं है. ये अलग बात है कि जम्मू-कश्मीर और हिमाचल दोनों ही सूबों में कई ऐसे इलाके हैं जो भीषण गर्मी में तप रहे हैं.