Action Against DCP Shankar Choudhary Of Dwarka District: दिल्ली के पॉश इलाके ग्रेटर कैलाश के बार में चल रही बर्थडे पार्टी में उस वक्त हंगामा हो गया जब एक महिला के सिर पर कांच का गिलास लगा. शुरुआत में पता चला कि डीसीपी रैंक के IPS ऑफिसर शंकर चौधरी ने ये कांच का गिलास गुस्से में आकर मार दिया था. इस मामले में ग्रेटर कैलाश थाने (Greater Kailash Thane) की पुलिस को कॉल भी की गई थी. मामला IPS अधिकारी से जुड़े होने के कारण कई अधिकारी इस पर चुप्पी साध रहे हैं. लेकिन घटना के कुछ घंटों के बाद ही दिल्ली पुलिस के पीआरओ की तरफ से जानकारी मिली कि पीड़ित महिला ने गलती से डीसीपी शंकर चौधरी का नाम ले लिया था. वहीं शाम होते-होते डीसीपी साहब को द्वारका डिस्ट्रिक्ट से हटाकर पुलिस हेडक्वार्टर (Police Headquarters) में रिपोर्ट करने को कहा गया.


क्या हुआ बीती रात?


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सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शुक्रवार देर रात करीब 3 बजे ग्रेटर नोएडा कैलाश पुलिस को PCR कॉल की गई, जिसमें कॉलर ने पुलिस को बताया कि द्वारका डिस्ट्रिक्ट DCP शंकर चौधरी ने ड्रिंक करके मेरी बीवी के सिर पर गिलास मार दिया. वो किसी और से झगड़ा कर रहे थे और मेरी बीवी को लग गई, जिसे मैं मैक्स अस्पताल (Max Hospital) साकेत लेकर आया हूं. वहीं जब हम इन आरोपों के बारे में पता करने के लिए पीड़ित परिवार के घर पहुंचे तो उन्होंने कहा कि मामूली झगड़ा हुआ है. मेरी बहन के सिर में मामूली चोट लगी है. बता दें कि साउथ डिस्ट्रिक्ट (South District) की पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.


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जारी किया वीडियो


कुछ देर बाद पीड़ित महिला ने एक वीडियो जारी किया और बोला कि हम बर्थडे पार्टी (Birthday Party) में गए थे. वहां गिलास पास करते वक्त मेरे सिर में लग गया और मैंने गलती से शंकर के नाम से कंप्लेन्ट कर दी. अब सवाल ये है कि महिला अपना बयान क्यों बदल रही है. क्या महिला पर दबाव बनाया गया, क्योंकि जब पीसीआर कॉल की गई तो डीसीपी के नाम और डिस्ट्रिक्ट के साथ की गई थी. क्या गिलास पास करते वक्त किसी के सिर में गिलास लगने से खून निकल सकता है? ऐसे कई सवाल हैं जिससे लगता है कि महिला पर दबाव (Pressure) बनाकर उसका बयान बदलवाया गया है. इन आरोपों पर जब हमने डीसीपी से बात की तो उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कुछ नहीं कहना है.


मामले की चल रही है जांच


डीसीपी ने कहा कि झगड़ा किसी और के साथ हुआ था, नाम मेरा लिया जा रहा है. दिल्ली पुलिस के सीनियर अधिकारी से जब इस मामले में बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम इस मामले की जांच (Investigation) कर रहे हैं. जांच के बाद ही कुछ कहा जा सकता है. वहीं डीसीपी के ट्रांसफर ने ये साफ कर दिया है कि इस मामले में डीसीपी की भूमिका तो है. क्योंकि सुबह तक पुलिस की तरफ से मिस कम्युनिकेशन की बात की जा रही थी लेकिन शाम होते-होते मामला ट्रांसफर (Transfer) पर आ गया. कई अधिकारियों से हमने बात की तो उन्होंने कहा कि अगर ऐसा हुआ है तो ये बहुत शर्मनाक है और किसी IPS अधिकारी या फिर किसी भी पुलिस स्टाफ को ऐसा नहीं करना चाहिए. इस तबादले से ये साफ है कि पुलिस कमिश्नर दिल्ली में कानून व्यवस्था कायम करने के लिए कोई ढिलाई नहीं बरतना चाहते हैं. 


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IPS शंकर चौधरी पहले भी विवादों में रह चुके हैं


शंकर चौधरी 2011 बैच के AGMUT कैडर के IPS ऑफिसर हैं. डीसीपी रहने से पहले इनकी तमाम यूनिट और दिल्ली से बाहर भी इनकी पोस्टिंग विवादों में रही है. चाहे वो एसीपी लाजपत नगर की पोस्टिंग हो या डीसीपी पीएम सिक्योरिटी हो. डीसीपी ट्रैफिक रहते हुए भी इनके एसओ (SO) को द्वारका डिस्ट्रिक्ट पुलिस ने लड़कियों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप में गिरफ्तार किया था. इसके बाद ही द्वारका डिस्ट्रिक्ट में संतोष मीणा (Santosh Meena) के तबादले के बाद इनको डीसीपी का चार्ज दिया गया था.


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