Supreme Court Pollution: सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को प्रदूषण से संबंधित सुनवाई करते हुए कहा कि अभी ग्रैप-4 के तहत पाबंदियां जारी रहेंगी. साथ ही दिल्ली एनसीआर में स्कूल खुलेंगे या नहीं, इस पर फैसला SC ने एयर क्वालिटी मैनेजमैंट कमीशन पर छोड़ा
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Delhi NCR AIR Pollution: दिल्ली एनसीआर में ग्रेप 4 के तहत लगी पाबंदियां अभी जारी रहेंगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जब तक वो इस बात को लेकर आश्वस्त नहीं हो जाता कि हवा की गुणवत्ता में सुधार हो रहा है, तब तक ग्रेप-4 हटाये जाने का फैसला नहीं लेगा. हालांकि कोर्ट ने इसके साथ ही एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन से कहा है कि वो दिल्ली- एनसीआर में स्कूल खोले जाने पर जल्द फैसला ले। कोर्ट ने कमीशन को इस पर मंगलवार तक फैसला लेने को कहा है.
कोर्ट ने कहा कि एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन इस बात पर विचार करे कि एक बड़ी तादाद में आर्थिक तौर से कमज़ोर पृष्ठभूमि के छात्रों को मिड डे मील उपलब्ध नहीं हो रहा है. उनके घर पर एयर प्यूरीफायर जैसी सुविधा उपलब्ध नहीं है. उनके लिए हवा की क्वालिटी घर के अंदर वैसे ही है, जैसी बाहर. इसके अलावा कमज़ोर आर्थिक स्थिति के चलते ऑनलाइन मोड से पढ़ने जैसी सुविधा उन्हें उपलब्ध नहीं है. कमीशन इन सब तथ्यों के मद्देनजर फैसला ले कि क्या दिल्ली एनसीआर के अन्तर्गत आने वाले स्कूलों को खासतौर पर 10वीं और 12वीं क्लास के लिए खोला जा सकता है या नहीं.
सुनवाई के दौरान कोर्ट को बताया गया कि दिल्ली में प्रदूषण के स्तर में थोड़ी कमी आई है. 20 नवंबर से 24 नवंबर तक एयर क्वालिटी इंडेक्स 318 से 419 के बीच रहा है. कोर्ट ने अगली तारीख पर कमीशन से कहा है कि प्रदूषण के स्तर का अपडेटेड डेटा कोर्ट के सामने रखें. इसी आधार पर कोर्ट आगे फैसला लेगा कि क्या ग्रेप कर तहत लगी पाबन्दियों को हटाया जाए या नहीं.
पिछली सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने 13 वकीलों को कोर्ट कमिश्नर नियुक्त किया था. इन वकीलों को जिम्मेदारी दी गई थी कि वो दिल्ली के अलग-अलग एंट्री प्वाइंट्स पर जाकर इस बात का मुआयना करें कि क्या ग्रेप-4 के तहत भारी ट्रकों की एंट्री पर बैन के आदेश पर अमल हो पा रहा है या नहीं. आज सुनवाई के दौरान कोर्ट के सामने कमिश्नर की रिपोर्ट रखी गई. रिपोर्ट देखकर कोर्ट ने कहा कि दिल्ली पुलिस और दिल्ली सरकार ग्रेप-4 के तहत लगी पाबंदी को लागू करने में नाकामयाब रही है. कोर्ट ने एयर क्वालिटी मैनेजमेंट कमीशन से कहा है कि वो एनसीआर राज्यों के सरकारी और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई करें. उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी करें, उन पर मुकदमा चलाए.
कोर्ट ने हालांकि आज ग्रेप 4 के तहत लगी पाबंदियां को नहीं हटाया, लेकिन कोर्ट ने माना कि इसके तहत लगी पाबन्दियों को समाज के बड़े तबके पर बुरा असर पड़ रहा है. कोर्ट ने दिल्ली सरकार और एनसीआर के अंतर्गत आने वाले राज्यों से कहा है कि जब तक निर्माण कार्य पर बैन है, वो लेबर सेस के रूप में जमा पैसे का इस्तेमाल मजूदरों को जीविका प्रदान करने के लिए करें. कोर्ट ने कमीशन से भी कहा कि वो भी अपने स्तर पर दिहाड़ी मजदूरों औए बाकी लोगों को राहत देने के लिए कदम उठाए.