Delhi Blast Case: 40 दिन, दो धमाके, एक जैसा पैटर्न...दिल्ली को फिर `वाइट पाउडर` ने दहलाया; कौन है मास्टरमाइंड?
Prashant Vihar Blast Case: देश की राजधानी दिल्ली में 40 दिन के भीतर दो धमाके हुए. दोनों धमाकों का तरीका एक सा और तो और लोकेशन भी लगभग एक ही है. अंतर महज कुछ मीटर की दूरी का था और चंद घंटों का.
Blast in Delhi: देश की राजधानी दिल्ली को किसी की नजर लग गई है. यहां एक बार फिर जोरदार ब्लास्ट हुआ. हालांकि इस धमाके में किसी के हताहत होने की खबर नहीं है. मगर जिस तरह धमाके की जगह से सफेद पाउडर जैसी चीज मिली है, उससे इस वारदात की गंभीरता काफी बढ़ गई है. धमाके के बाद मौके पर NIA और फॉरेंसिक टीम सैंपल इकट्ठा कर रही हैं. हालांकि इस बीच दिल्ली में बैक टू बैक हो रहे ब्लास्ट पर सियासत भी जारी है.
देश की राजधानी दिल्ली में 40 दिन के भीतर दो धमाके हुए. दोनों धमाकों का तरीका एक सा और तो और लोकेशन भी लगभग एक ही है. अंतर महज कुछ मीटर की दूरी का था और चंद घंटों का.
दीवार के पास हुआ था ब्लास्ट
गुरुवार को 28 नवंबर को प्रशांत विहार इलाके में एक पार्क की दीवार के पास ब्लास्ट हुआ. धमाका इतना तेज था कि पूरे इलाके में खलबली मच गई, जैसा कि 20 अक्टूबर को हुआ था. जब इसी लोकेशन से चंद कदम दूर CRPF स्कूल की दीवार के पास धमाका हुआ था. धमाके के बाद वहां से भी सफेद पाउडर जैसी चीज मिली थी और सूत्रों के मुताबिक आज भी वैसी ही बारूदी चीज़ बरामद हुई.
हालांकि आज हुए धमाके में किसी के घायल होने की खबर नहीं है. लेकिन मौके पर NSG कमांडो और NIA की टीम पहुंच गई. साथ ही FSL की टीम भी जांच में जुटी हुई है ताकि सबूत इकट्ठा किए जा सकें. वहीं दिल्ली के एक ही हिस्से में हुए दो धमाकों से इलाके के लोग घबराए हुए हैं उन्हें समझ नहीं आ रहा कि आखिर बैक टू बैक ब्लास्ट की वजह क्या है.
दिल्ली में बढ़ीं गैंगवॉर की घटनाएं
ये धमाके ऐसे समय हो रहे हैं,जब पिछले कुछ दिनों से दिल्ली में गैंगवॉर की घटनाएं भी काफी बढ़ चुकी हैं. गैंगस्टर्स के बीच वर्चस्व की लड़ाई खूनी-जंग में तब्दील हो चुकी है और हर दूसरे दिन दिल्ली की गलियों में गोलियों की आवाज सुनाई देती है.
पहले गैंगवॉर और अब ब्लास्ट की खबरों से सियासत भी गर्म है. दिल्ली के पूर्व सीएम और आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली को क्राइम कैपिटल की संज्ञा दी तो वहीं मौज़ूदा मुख्यमंत्री आतिशी ने देश की राजधानी की तुलना 1990 के मुंबई से कर दी.
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि मामला गंभीर है. इस तरह के ब्लास्ट देश की राजधानी में सुरक्षा से खिलवाड़ से कम नहीं है. हालांकि सुरक्षा एजेंसियां मामले की जांच में जुटी है और उम्मीद है कि जल्द ही इन धमाकों से जुड़ा कोई बड़ा खुलासा होगा.