नई दिल्ली: दिल्ली में हुए दंगों (Delhi Riots 2020) के 2 साल बाद कड़कडूमा कोर्ट (Karkardooma Court) ने 10 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय कर दिए हैं. आरोप तय करते हुए कोर्ट ने कहा कि आरोपियों के बयान से साफ जाहिर होता है कि वे हिंदुओं की संपत्ति लूटने, डराने और उन्हें इलाके से भगाने के लिए काम कर रहे थे. 


'हिंदुओं की संपत्ति लूटने का था इरादा' 


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कोर्ट ने ये भी कहा कि दंगे (Delhi Riots 2020) के आरोपी दूसरे समुदाय के लोगों के मन मे दहशत पैदा करना चाहते थे. उनका इरादा आस पास रहने वाले हिंदुओं के मन में डर पैदा कर उनकी संपत्ति को लूटना और इलाका छोड़ने के लिए धमकी देना था. आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत भी सामने आए हैं. जिसके आधार पर अब मुकदमा चलेगा. 


हो सकती है आजीवन कारावास की सजा


कोर्ट ने दिल्ली दंगों (Delhi Riots 2020) में जिन आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए हैं. उनके नाम मोहम्मद शाहनवाज़, मोहम्मद शोएब, शाहरुख, राशिद, आजाद, अशरफ अली, परवेज, मोहम्मद फैजल, राशिद उर्फ मोनू और मोहम्मद ताहिर हैं. अब इनके खिलाफ मुकदमा चलाने के आदेश दिए गए हैं. अगर वे दोषी पाए गए तो उन्हें आजीवन कारावास तक की सजा हो सकती है. 



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फरवरी 2020 में हुए थे दंगे


बताते चलें कि फरवरी 2020 में CAA और NRC के विरोध में हुए आंदोलन के दौरान पूर्वी दिल्ली में दंगे भड़क गए थे. इन दंगों (Delhi Riots 2020) में 53 लोगों की मौत हो गई थी और करोड़ों की संपत्ति का नुकसान हुआ था. इन दंगों में बाहर से फंडिंग मिलने और पहले से योजना बनाकर कत्लेआम करने के आरोप हैं. 


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