नई दिल्ली: दिल्ली दंगों (Delhi Riots) के आरोपी फैजल फारुकी से जुड़ा बड़ा खुलासा हुआ है. दिल्ली दंगों से पहले ही दंगाइयों ने फंडिंग की पूरी व्यवस्था कर ली थी. फंडिंग का जिम्मा उन लोगों के ऊपर था जिनके पास बेहिसाब संपति थी. इसमें सबसे पहला नाम तबलीगी जमात के मरकज के अमीर मौलाना मोहम्मद साद के करीबी फैजल फारुकी का है.


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फारुकी 1000 करोड़ की संपत्ति का मालिक है. क्राइम ब्रांच को अपनी जांच में पता चला कि राजधानी स्कूल के मालिक फैजल फारुकी के पास एक हजार करोड़ की संपत्ति है. दंगों के वक्त दंगाइयों ने राजधानी स्कूल की छत को अपने बेस के तौर पर इस्तेमाल किया था.


स्कूल की छत से पुलिस ने लोहे की बड़ी गुलेल भी जब्त की थी. क्राइम ब्रांच ने शिव विहार में हुए दंगों के आरोप में फैजल फारुकी को गिरफ्तार किया था. क्राइम ब्रांच के मुताबिक फैजल फारुकी के दिल्ली में 3 स्कूल हैं.


पहला सीलमपुर में क्राउन पब्लिक स्कूल है. दूसरा शिव विहार में राजधानी स्कूल है. तीसरा वजीराबाद रोड पर विक्टोरिया पब्लिक सीनियर सेकेंडरी स्कूल है. 


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इतना ही नहीं, इसने साल 2014 में करीब 6 करोड़ की C ब्लॉक यमुना विहार में प्रॉपर्टी खरीदी थी. साल 2017 में भी C ब्लॉक यमुना विहार में एक प्रॉपर्टी करीब 7.5 करोड़ रुपए की खरीदी थी. साल 2018 और साल 2019 में यमुना विहार में 2 दुकानें 10 करोड़ की खरीदी थीं. इसके अलावा साल 2020 में यमुना विहार में B ब्लॉक में एक प्रॉपर्टी करीब 10 करोड़ की खरीदी थी.


क्राइम ब्रांच को दंगों की जांच के दौरान ये भी पता चला था कि फैजल फारुकी दंगों के दौरान पीएफआई, हजरत निजामुद्दीन मरकज से जुड़े बड़े लोगों के संपर्क में था. यही वजह है कि अब पुलिस इसकी इस बेहिसाब संपत्ति का पीएफआई समेत मरकज कनेक्शन के बारे में भी पता लगाने की कोशिश कर रही है. क्योंकि जिस तरह से पूरी तैयारी के साथ दंगो की शुरुआत की गई थी, उसको देखकर लगता है कि दंगे एक सोची समझी साजिश के तहत किए गए थे. 


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