क्या है Delhi University Seat Reservation नियम और क्यों हो रहा है इसका विरोध?
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) द्वारा सीट रिजर्वेशन के फैसले को नामंजूर कर दिया है.
नई दिल्लीः अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) और दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में आयोजित यह प्रदर्शन सीट रिजर्वेशन निर्णय के खिलाफ था.
प्राचार्य को मिलेगा ये अधिकार
डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट की अध्यक्ष नंदिता नारायण ने कहा, 'हम दिल्ली विश्वविद्यालय (Delhi University) द्वारा जारी अधिसूचना की कड़ी निंदा करते हैं, यह नियम छात्रों के नियमित प्रवेश से अलग हर कॉलेज में 5 'सुपरन्यूमेरी' सीटें देता है. यह प्रावधान कॉलेजों के प्रधानाचार्यों को अपने विवेक के आधार पर लगभग पूरी तरह से पांच प्रवेश करने की अनुमति देता है, जिनमें से दो विश्वविद्यालय द्वारा सुझाए गए हो सकते हैं. इस तरह का कदम न केवल पूरी तरह से अनैतिक है, बल्कि यह गैरकानूनी भी है.'
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30 दिसंबर तक का अल्टीमेटम
छात्रों ने भी इस निर्णय को वापस लेने के लिए दिल्ली विश्वविद्यालय प्रशासन को 30 दिसंबर तक का अल्टीमेटम दिया है. गौरतलब है कि दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) के कुलसचिव द्वारा 21 दिसंबर 2020 को जारी एक अधिसूचना के अनुसार स्नातक पाठ्यक्रमों में 5 अतिरिक्त सीटों पर डीयू के सम्बद्ध कॉलेजों के प्राचार्यों को प्रवेश देने का अधिकार होगा. ABVP दिल्ली के प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव ने कहा, 'दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा कॉलेज यूनिवर्सिटी सीट्स श्रेणी का निर्धारण कर 5 सीटों पर प्रवेश दिए जाने संबंधी निर्णय से भ्रष्टाचार बढ़ेगा. जो मेरिट वाले छात्र हैं उनके साथ अन्याय होगा. दिल्ली विश्वविद्यालय इस निर्णय को तुरंत वापस ले और छात्रों के साथ भेदभाव की नींव न डाले.
'भाई-भतीजावाद बढ़ेगा'
ABVP के मुताबिक यह निर्णय निश्चित तौर पर डीयू में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद को बढ़ावा देगा. इस निर्णय का विरोध करते हुए छात्रों ने प्रदर्शन कर निर्णय को वापस लेने की मांग की है. प्रदर्शन के उपरांत एक प्रतिनिधिमंडल ने डीयू कुलसचिव विकास गुप्ता से मुलाकात कर छात्रों के विषय को रखा. कुलसचिव ने संबंधित विषय को डीयू की निर्धारित कमेटी के सामने रख शीघ्र छात्रों की मांगों पर निर्णय लेने का आश्वासन दिया है. इस प्रतिनिधिमंडल में एबीवीपी प्रदेश मंत्री सिद्धार्थ यादव, एबीवीपी डीयू इकाई अध्यक्ष रामनिवास बिश्नोई, डूसू अध्यक्ष अक्षित दहिया, डूसू सह-सचिव शिवांगी खरवाल उपस्थित थे.
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