नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली कोरोना की मार झेल चुकी है और यहां वायु प्रदूषण भी खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है. हालात ये हैं कि दिल्ली में स्कूल और दफ्तर को बंद करने का फैसला लेना पड़ा साथ ही सड़कों पर वाहनों की संख्या कम करने की तैयारी भी चल रही है. लेकिन इन सभी चुनौतियों के बीच दिल्ली में डेंगू एक नई चुनौती बनकर उभर रहा है जो कि सरकार के साथ-साथ आम जनता के लिए भी चिंता का विषय है.


कोरोना से ज्यादा डेंगू का खतरा 


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दिल्ली में इस समय डेंगू कोरोना महामारी से भी बड़ी परेशानी बनकर उभर रहा है. दिल्ली में पिछले एक हफ्ते में डेंगू के कुल 1851 मामले सामने आए हैं. सोमवार को जारी डेंगू के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में अब तक डेंगू के 7128 मामले सामने आ चुके है. दिल्ली नगर निगम की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले 6 साल में इस समय तक डेंगू के सबसे ज्यादा मामले इस साल सामने आए हैं. 


इससे पहले साल 2016 में इस महीने तक दिल्ली में डेंगू के कुल 4431 मामले दर्ज किए गए थे. वहीं साल 2017 में ये आंकड़ा 4726, साल 2018 में 2798, साल 2019 में 2036 और 2020 में 1072 पर था. लेकिन इस बार मामलों ने पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. इस साल डेंगू से अब तक 9 मरीजों की मौत दर्ज की जा चुकी है. दिल्ली में डेंगू से मौत का आंकड़ा भी साल 2017 के बाद सबसे ज्यादा है.


मौत के आंकड़ों ने बढ़ाई चिंता


इससे पहले साल 2017 में डेंगू से मरने वालों का आंकड़ा 10 था. दिल्ली में डेंगू से पहली मौत 18 अक्टूबर को दर्ज की गई. नगर निगम की रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली में अब तक मलेरिया के 167 और चिकनगुनिया के 89 मामले सामने आ चुके हैं. मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया में तेज बुखार होता है. डेंगू के मामले बढ़ने के बीच तीनों नगर निगमों ने फॉगिंग और छिड़काव अभियान तेज कर दिया है.


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वहीं निगमों की तरफ से लगातार ये दावा किया जा रहा है कि मच्छर जनित बीमारियों से निपटने के लिए कीटनाशकों और दवाओं का कोई कमी नहीं है.