कृषि कानून: 'संसद के ऊपर फहरा दो खालिस्‍तानी झंडा, सवा लाख डॉलर का देंगे इनाम'
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कृषि कानून: 'संसद के ऊपर फहरा दो खालिस्‍तानी झंडा, सवा लाख डॉलर का देंगे इनाम'

खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) अपनी भारत विरोधी गतिविधियों से बाज नहीं आ रहा है. इसके लोग भारत से हजारों किलोमीटर दूर बैठकर पंजाब को देश से अलग करने का ख्वाब देख रहे हैं. इसके लिए ये आतंकवादियों जैसी हरकतें करने से भी बाज नहीं आते हैं. 

सिख फॉर जस्टिस ने भारत के विरोध में नई चाल चली है...

जिनेवा: खालिस्तानी संगठन सिख फॉर जस्टिस (SFJ) अपनी भारत विरोधी गतिविधियों से बाज नहीं आ रहा है. ताजा मामले में इसके नेताओं ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) द्वारा देश में लागू तीनों विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने के ऐलान के बाद किसान नेताओं को शीतकालीन सत्र की शुरुआत के दिन संसद का घेराव करने के साथ उन्हें देश विरोधी गतिविधियों को अंजाम देने का लालच भी दिया है. संगठन ने भारत की राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर डटे कुछ किसान नेताओं से देग-तेग फतेह रैली (Deg Teg Fateh Rally) निकालने का आह्वान किया है. 

  1. खालिस्तानी संगठन का नया प्रोपेगेंडा
  2. भारत विरोध के लिए किसान नेताओं को ऑफर
  3. संसद पर लहराओ खालिस्तानी झंडा: SFJ

एक करोड़ का लालच!

इस संगठन के लोग भारत से हजारों किलोमीटर दूर बैठकर हमारे पंजाब को देश से अलग करने का ख्वाब देख रहे हैं. इसके लिए ये लोग आतंकवादियों जैसी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए दिन रात साजिश रचते हैं. इसी सिलसिले में अब SFJ ने 29 नवंबर 2021 को संसद में खालिस्तान झंडा फहराने के लिए 125,000 अमेरिकी डॉलर यानी करीब एक करोड़ रुपये देने का लालच दिया है.

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गुरपतवंत सिंह पन्नू के जहरीले बोल

जिनेवा से एक वीडियो संदेश में, SFJ के काउंसलर गुरपतवंत सिंह पन्नू (Gurpatwant Singh Pannun) ने कहा, 'जब भगत सिंह ने भारत की आजादी के अभियान के दौरान संसद पर बमबारी की थी, तो हम तो केवव किसानों से पंजाब की आजादी के लिए खालिस्तान के झंडे उठाने के लिए कह रहे हैं'.

UN मानवाधिकार दिवस से पहले माहौल बनाने की कोशिश

सिख फॉर जस्टिस के गुर्गों की ये कवायद संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार दिवस के 10 दिसंबर को जिनेवा में होने वाले आयोजन से पहले अपने पक्ष में माहौल बनाने के लिए कर रहे हैं. इसको लेकर एक वोटिंग कराने की मांग काफी समय से की जा रही थी.  जो पीआरसी की देखरेख में होनी है. आपको बताते चलें कि कुछ ऐसी ही वोटिंग SFJ ने 31 अक्टूबर को लंदन में कराई थी लेकिन तब उसका आयोजन बुरी तरह फ्लॉप शो साबित हुआ था.  

SKM ने की प्रधानमंत्री से मांग

वहीं दूसरी ओर भारत में किसानों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखकर लंबे समय से ठप पड़ी बातचीत आगे बढ़ाने से पहले छह शर्तें रखी हैं. किसानों इन्हीं 6 मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं जिसमें सभी किसानों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी देने वाला कानून शामिल है।

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