Cabinet Reshuffle से पहले मोदी सरकार का एक और फैसला, वित्त मंत्रालय में जोड़ा नया विभाग
कैबिनेट विस्तार (Cabinet Reshuffle) से पहले मोदी सरकार (Modi Govt) ने एक और बड़ा कदम उठाया है जिसके तहत अब लोक उद्यम विभाग (Department of Public Enterprises) को वित्त मंत्रालय के अंतर्गत लाया गया है.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) की अगुवाई वाली केंद्र सरकार ने कैबिनेट विस्तार (Cabinet Reshuffle) से ठीक पहले एक और बड़ा फैसला लिया है. अब लोक उद्यम विभाग (Department of Public Enterprises) को वित्त मंत्रालय के अंतर्गत लाया गया है जो कि पहले भारी उद्योग मंत्रालय के अधीन काम करता था. अब लोक उद्यम मंत्रालय की जगह इसे सिर्फ भारी उद्यम मंत्रालय कहा जाएगा.
अब तक लोक उद्यम विभाग और भारी उद्योग मंत्रालय मिलकर काम करते थे. केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर को इस मंत्रालय की जिम्मेदारी मिली हुई है. लेकिन अब लोक उद्यम विभाग को वित्त मंत्रालय में शिफ्ट कर दिया गया है जिसका जिम्मा कैबिनेट मंत्री के तौर पर निर्मला सीतारमण संभाल रही हैं. साथ ही अनुराग ठाकुर इस विभाग में राज्य मंत्री हैं.
नए मंत्रालय का भी गठन
इससे पहले भी मंगलवार शाम को मोदी सरकार ने सहकारिता को बढ़ावा देने के मकसद से अलग मंत्रालय के गठन का ऐलान किया था. इस मंत्रालय को सहकारिता मंत्रालय (Ministry of Cooperation) के नाम से जाना जाएगा. 'सहकार से समृद्धि' के लक्ष्य पर यह मंत्रालय काम करेगा और सहकारिता से जुड़े काम के लिए प्राशासनिक, कानूनी और नीतियों को मजबूत करेगा.
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केंद्रीय मंत्रिमंडल में आज शाम होने वाले फेरबदल से पहले यह कदम उठाए गए हैं. शाम 6 बजे के करीब मोदी कैबिनेट में शामिल होने वाले नए चेहरों को राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई जाएगी. इस विस्तार में विभिन्न राज्यों के अनुभवी और युवा नेताओं को जगह दी जा रही है. इसके अलावा पढ़े-लिखे नौजवानों को भी नई कैबिनेट का हिस्सा बनाने की योजना है.
कैबिनेट विस्तार का फॉर्मूला
कैबिनेट विस्तार में जाति आधारित कोटे का भी ध्यान रखा गया है. नई कैबिनेट में अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) का सबसे ज़्यादा प्रतिनिधित्व होगा और 25 से ज्यादा OBC मंत्री कैबिनेट का हिस्सा होंगे. इसके अलावा SC और ST कोटे के 10-10 नेताओं को कैबिनेट विस्तार में जगह दी जाएगी.
बता दें इससे पहले भी 2019 के आम चुनाव में जीत दर्ज करने के बाद मोदी सरकार की ओर से जल शक्ति मंत्रालय का गठन किया गया था. जल संसाधन, नदी विकास और गंगा पुनर्जीवन विभाग को इस मंत्रालय में शामिल किया गया और गजेंद्र सिंह शेखावत को इस विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई थी.