लखनऊ: यूपी के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के भंडार में माफिया (Mafia), अपराधियों, दंगाइयों को संरक्षण (Protection), अनेकानेक घोटाले (Scams) और चीनी मिलों (Sugar Mills) को बंद कर किसानों की बर्बादी की दास्तां लिखने वाले अखिलेश यादव अन्नदाता को बरगलाने की लाख कोशिश कर लें लेकिन किसान (Farmers) अब उनके झांसे में नहीं आने वाले. 


पत्रकार वार्ता में मौर्य ने अखिलेश पर दागे तानों के बाण


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उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने सोमवार को पार्टी मुख्यालय (Party Headquarters) में आयोजित एक पत्रकार वार्ता (Press Conference) में अखिलेश यादव पर निशाना साधा. मौर्य ने हाथ में अन्न लेकर सपा प्रमुख अखिलेश यादव द्वारा किए गए संकल्प को सियासी ड्रामा बताते हुए कहा कि काश! अखिलेश संकल्प का मतलब भी समझ पाते. यदि उन्हें अन्नदाता किसानों की फिक्र रही होती तो जब जनता ने पूरे पांच साल मौका दिया था, तब वह सिंचाई, गन्ना मूल्य भुगतान, एमएसपी (MSP) पर खरीद जैसे बुनियादी काम करते. इसकी बजाय उन्हें चीनी मिलों की बंदी पसंद आई, गन्ना किसानों का करोड़ों रुपये का भुगतान फंसाए रखने में मजा आया. 


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अखिलेश को बताया झूठ का शहंशाह


केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि अखिलेश यादव को बिचौलियों (Middlemen) को लगाकर किसानों की फसल औने-पौने दाम पर खरीदना भाया. ऐसे कार्यों की ख्याति अपने नाम करने वाले अखिलेश आखिर किस मुंह से उस अनाज को हाथ में लेकर संकल्प ले रहे हैं जिसे अन्नदाता अपने खून पसीने से उपजाता है. उन्होंने कहा कि आज झूठ के शहंशाह 'फार्मर्स रिवाल्विंग फंड' बनाने और किसानों को 15 दिन में गन्ना मूल्य भुगतान (Sugarcane Price Payment) का वादा कर रहे हैं. बेहतर होता कि इस संकल्प के साथ वह अपने और भाजपा सरकार द्वारा किसान हित में किए गए कार्यों का भी ब्यौरा किसानों को बता देते. हिम्मत होती तो यह भी जाहिर कर देते कि किसानों को अनाज व गन्ना मूल्य का कितना भुगतान उन्होंने किया था और कितना योगी सरकार (Yogi Sarkar) ने. 


सपा प्रमुख को आईना देखने की दी नसीहत


केशव ने कहा कि मोदी-योगी (Modi-Yogi) की डबल इंजन की सरकार (Double Engine Government) ने अन्नदाता के हित में जो किया, उस आईने में अगर अखिलेश अपने काम देखेंगे तो सब कुछ स्याह दिखेगा. एमएसपी पर अनाज की रिकार्ड खरीद और भुगतान, पहली ही कैबिनेट में 36 हजार करोड़ रुपये की कर्जमाफी, पेंडिंग इरिगेशन प्रोजेक्टस से लाखों हेक्टेयर लैंड इरिगेशन कैपेसिटी का विस्तार, सभी चीनी मिलों को चालू करवाना, नई और अत्याधुनिक चीनी मिलों की स्थापना, खंडसारी और गुड़ उद्योग को प्रोत्साहन, गन्ना किसानों (Sugarcane Farmers) को अब तक का ऐतिहासिक भुगतान, किसान सम्मान निधि आदि ऐसे अनेक कार्य और उपलब्धियां हैं, जिन्हें आप भले ही जानबूझकर याद न रखें लेकिन हर किसान को यह अक्षरश: याद हैं. यही वजह है कि अन्नदाता किसान योगी सरकार को दोबारा लाने का संकल्प ले चुके हैं.


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'सपा किसानों की दुश्मन'


केशव ने कहा कि दरअसल सपा (SP) किसानों की दुश्मन है. फसल (Crops) सूख जाती थी. बिजली (Electricity) नहीं आती थी. किसानों की फसल आपदा (Disaster) में बर्बाद हो जाए तो 2-2 साल तक मुआवजा (Compensation) नहीं मिलता था. उन्होंने कहा कि ये तो दुश्मनी हुई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (PM Narendra Modi) के निर्देशन में उत्तर प्रदेश के 2 करोड़ 55 लाख किसानों को एक साल में 2-2 हजार (तीन किस्तों में) की सम्मान निधि 6 हजार रुपये मिल रही है.



'सपा, बसपा, कांग्रेस एक ही थाली के चट्टे बट्टे'


उन्होंने कहा कि सपा (SP), बसपा (BSP), कांग्रेस (Congress) एक ही थाली के चट्टे बट्टे हैं. इनकी एक ही नीति है, जो भी योजना बने उसका 15% ही योजना पाने वालों तक जाए, बाकी ये सफाचट कर जाएं. भाजपा सरकार (BJP Government) ने इस पर लगाम लगाने का काम किया है. आगे कहा कि किसान बिलों (Farmer Bills) पर किसान भाई नहीं माने तो प्रधानमंत्री ने बड़ा दिल दिखाते हुए किसान बिल वापस लिया. माफियाओं, अपराधियों, दंगाइयों के सरपरस्त और आतंकियों के पैरोकार (Advocate) सपा के लोग गरीबों का हित क्या जानें.


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