Dog Bite: पटाखों के शोर से बढ़ा कुत्तों का खौफ.. यहां दो दिनों में 250 से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काटा
Dog Bite Incidents in Lucknow: दिवाली के पटाखों की गूंज के बाद लखनऊ में एक अजीब स्थिति बन गई है. पिछले दो दिनों में यहां 250 से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काट लिया है, जिसमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं.
Dog Bite Incidents in Lucknow: दिवाली के पटाखों की गूंज के बाद लखनऊ में एक अजीब स्थिति बन गई है. पिछले दो दिनों में यहां 250 से ज्यादा लोगों को कुत्तों ने काट लिया है, जिसमें ज्यादातर बच्चे शामिल हैं. पटाखों के धमाकों से कुत्तों में डर और तनाव बढ़ गया है, जिसके कारण उनका व्यवहार आक्रामक हो गया है. शहर के विभिन्न अस्पतालों में लोग रेबीज का टीका लगवाने के लिए बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं.
क्या पटाखों की आवाज ने कुत्तों को हिंसक बना दिया?
पशु चिकित्सा विशेषज्ञों का मानना है कि दिवाली के दौरान फूटे पटाखों के तेज शोर से कई कुत्ते डरकर आक्रामक हो गए हैं. इस भय के कारण वे लोगों पर हमला कर रहे हैं. हालांकि, विशेषज्ञों ने यह भी स्पष्ट किया है कि कुत्तों के काटने की घटनाएं सामान्य दिनों में भी होती हैं, इसलिए पूरी तरह से पटाखों को दोषी ठहराना उचित नहीं है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, भारत में हर साल करीब 25 लाख कुत्तों के काटने की घटनाएं होती हैं.
अस्पतालों में कुत्ता काटने के मामलों में वृद्धि
लखनऊ के प्रमुख अस्पतालों जैसे बलरामपुर, सिविल और लोक बंधु अस्पताल में कुत्तों के काटने के मामलों में अचानक वृद्धि देखी गई है. पिछले दो दिनों में सिविल अस्पताल में 20 से अधिक, बलरामपुर अस्पताल में 100 से ज्यादा, और लोक बंधु अस्पताल में 30 से अधिक लोग रेबीज का इंजेक्शन लेने पहुंचे हैं. सामान्यतः एक दिन में लगभग 25 से 30 मामले ही सामने आते हैं, लेकिन दिवाली के बाद इन मामलों में अप्रत्याशित बढ़ोतरी हुई है.
पटाखों से सभी कुत्ते नहीं डरते
हालांकि, सभी कुत्ते पटाखों से प्रभावित नहीं होते हैं. सोशल मीडिया पर कई ऐसे वीडियो भी देखे गए हैं जिनमें कुत्ते पटाखों के साथ खेलते और मस्ती करते नजर आ रहे हैं. ऐसे में यह स्पष्ट नहीं है कि पटाखों के शोर से ही यह घटनाएं हुई हैं या इसके पीछे अन्य कारण भी हैं.
विशेषज्ञों की सलाह: सतर्क रहें, रेबीज का इलाज लें
पशु चिकित्सा विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कोई कुत्ता काटे, तो तुरंत घाव को 15 मिनट तक पानी से धोना चाहिए और एंटीसेप्टिक का इस्तेमाल करना चाहिए. इसके बाद जल्द से जल्द रेबीज का इंजेक्शन लेना चाहिए. विशेषज्ञों का कहना है कि समय पर इलाज से रेबीज वायरस को गंभीर स्थिति में पहुंचने से रोका जा सकता है.
कुत्तों से सावधान रहें, बच्चों को भी दूर रखें
इस घटनाक्रम के मद्देनजर, विशेषज्ञों ने लोगों से अपील की है कि वे इन दिनों सतर्क रहें और बच्चों को विशेष रूप से कुत्तों से दूर रखें. लखनऊ में जिस प्रकार से 48 घंटों में 250 से अधिक कुत्तों के काटने की घटनाएं सामने आई हैं, यह चिंता का विषय बन गया है.