DNA ANALYSIS: देश में कोरोना का कमबैक ले सकता है खतरनाक रूप, ये है बड़ी वजह
21 मार्च को इस साल कोरोना वायरस के सबसे अधिक 47 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए थे. नवंबर के बाद एक दिन में दर्ज किए गए ये सबसे ज़्यादा मामले हैं. अगर कोविड के कमबैक का स्ट्राइक रेट निकालें, तो ये पिछले 4 दिनों से औसत 40 हजार से ज्यादा है.
नई दिल्ली: देश में कोरोना वायरस का संक्रमण एक बार फिर से तेजी से फैल रहा है और ऐसे हालात में आज शहीद भगत सिंह के विचार हमें याद आते हैं. भगत सिंह कहते थे कि एकता और अनुशासन किसी भी क्रांति के मुख्य तत्व होते हैं और इसके लिए समर्पण का भाव सबसे जरूरी होता है.
आज के हालात भी आपसे यही तीन चीजें मांग रहे हैं. एकता, अनुशासन और समर्पण. कोरोना को हराने के लिए आपको एक बार फिर से एकता दिखानी होगी क्योंकि, अगर आप एकजुट नहीं हुए, तो इस महामारी का साम्राज्य फिर से बढ़ता चला जाएगा. इसलिए आज हम आपको बताएंगे कि कैसे आप शहीद भगत सिंह से प्रेरणा लेकर कोरोना वायरस को नियंत्रित कर सकते हैं.
कोविड का कमबैक
21 मार्च को इस साल कोरोना वायरस के सबसे अधिक 47 हजार से ज्यादा नए मामले सामने आए थे. नवंबर के बाद एक दिन में दर्ज किए गए ये सबसे ज़्यादा मामले हैं. अगर कोविड के कमबैक का स्ट्राइक रेट निकालें, तो ये पिछले 4 दिनों से औसत 40 हजार से ज्यादा है. ये आंकड़े बताने के लिए काफी हैं कि भारत में कोविड का कमबैक खतरनाक रूप भी ले सकता है. आप कह सकते हैं कि भारत में हालात फिर से वैसे होने लगे हैं, जैसे कुछ महीनों पहले थे और इसका कारण है लापरवाही का वायरस.
लापरवाही से बढ़ा संक्रमण
ऐसा नहीं है कि सिर्फ लोग ही लापरवाही कर रहे हैं. जिन राज्यों में चुनाव हैं, वहां भी नियमों की अनदेखी सामान्य बात हो गई है. नेताओं की रैलियों से लेकर भीड़ भाड़ वाले बाज़ारों में लापरवाही का ये संक्रमण तेज़ी से फैल रहा है.
आज हम आपसे एक बार फिर से कहना चाहते हैं कि कोरोना वायरस को हल्के में बिल्कुल भी मत लीजिए और सामाजिक वैक्सीन के असर को बनाए रखिए. इसके लिए आपको मास्क लगा कर रखना है. दो गज की दूरी बना कर रखनी है और इस महामारी के प्रति गंभीर रहना है.
कोरोना पर गलतफहमी बढ़ा सकती है आपकी मुश्किलें
ये सब बातें हम आपसे इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, कोरोना की दूसरी लहर काफ़ी खतरनाक हो सकती है. अगर आपको लगता है सबकुछ नॉर्मल हो चुका है, कोरोना वायरस अब जा चुका है. वैक्सीन आ गई है तो ये गलतफहमी आपकी मुश्किलें भी बढ़ा सकती है. इसे आप इन आंकड़ों से भी समझ सकते हैं
पिछले 23 दिनों में 5 लाख 62 हजार से ज्यादा मामले सामने आ चुके हैं. मार्च 2020 में जब कोरोना संक्रमण की पहली लहर आई थी, तब 17 जून से 8 जुलाई के बीच नए मामले दोगुनी रफ्तार से बढ़े थे. लेकिन एक साल बाद जब दूसरी लहर आई है तो अब हर दिन आने वाले नए मामले चार गुना तेजी से बढ़ रहे हैं. यानी आंकड़े डराने वाले हैं.
चुनावी रैलियों में नियमों की अनदेखी
तमिलनाडु से एक वीडियो सामने आया है, जहां इस समय चुनाव चल रहे हैं. यहां हर दिन दर्जनों रैलियां हो रही हैं और इन रैलियों में आप लोगों को कोविड से जुड़े नियमों का उल्लंघन करते हुए देख सकते हैं. डीएमके चीफ एमके स्टालिन ने अपनी रैली में सैकड़ों समर्थकों को संबोधित किया. वह चुनाव प्रचार के लिए अलग अलग जगहों पर रैलियां कर रहे हैं और इन रैलियों में कोरोना संक्रमण के खतरे के बीच लोग लापरवाही बरत रहे हैं. इन रैलियों में कोरोना गाइडलाइंस का पालन नहीं किया जा रहा.
ये हाल तब है जब कोरोना संक्रमण के मामले में तमिलनाडु की स्थिति खराब है. प्रदेश में पिछले कुछ समय से हर दिन कोरोना के औसतन 1000 नए मरीज सामने आ रहे हैं.
हालांकि ऐसा नहीं है कि ये उल्लंघन सिर्फ तमिलनाडु में हो रहा है या फिर सिर्फ एमके स्टालिन की रैलियों में ही हो रहा है. जिन चार राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेश पुदुचेरी में चुनाव हैं. वहां से भी इसी तरह की तरह की तस्वीरें सामने आ रही हैं और बड़े बड़े नेताओं की रैलियों में नियमों का उल्लंघन हो रहा है.
जिन राज्यों में चुनाव नहीं हैं, वहां भी इस तरह की लापरवाही देखी जा सकती है. इसे आप मध्य प्रदेश के आंकड़ों से समझिए. जहां हर दिन औसतन 1100 मरीज़ संक्रमित हो रहे हैं. संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या देखकर मध्य प्रदेश सरकार ने कई इलाकों में नाइट कर्फ्यू लगाया है और लोगों को कोरोना वायरस के प्रति जागरूक करने और नाइट कर्फ्यू को लेकर सतर्क करने के लिए सायरन की मदद लेने की तैयारी है.