नई दिल्ली: आज हम आपको कोरोना वायरस और राजनीति की दूसरी लहर के बारे में बताना चाहते हैं, क्योंकि ये दोनों ही लहर पहली वाली लहर की तुलना में काफी खतरनाक हैं.


वैक्सीन नहीं लगवाने पर खतरा ज्यादा​


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कल 9 अप्रैल को भारत में 1 लाख 30 हजार नए मामले सामने आए हैं और 780 लोगों की मौत हुई है और अब वैक्सीन लगवा चुके लोगों को भी कोरोना हो रहा है और इनमें डॉक्टर भी हैं. यानी कोरोना की दूसरी लहर बिल्कुल भी लिहाज नहीं कर रही है.


हालांकि अगर आपने वैक्सीन लगवाई हुई है तो आप कोरोना से बेहतर तरीके से लड़ पाएंगे. इसलिए ऐसा मत सोचिए कि वैक्सीन का कोई फायदा नहीं है. वैक्सीन लगवाने पर आपको कोरोना तो हो सकता है लेकिन ये कोरोना आपके लिए उतना खतरनाक नहीं होगा, जितना वैक्सीन नहीं लगवाने पर हो सकता है.


प्रवासी मजदूरों का पलायन


भारत में अब हालात बिल्कुल भी अच्छे नहीं हैं और इसका अंदाजा आप अलग-अलग जगहों से आई तस्वीरों से लगा सकते हैं. प्रवासी मजदूरों की तस्वीरें सामने आई हैं, जो अब किसी भी कीमत पर अपने घर लौटना चाहते हैं.


मुंबई से ऐसी तस्वीरें सामने आई हैं, जहां बड़ी संख्या में यात्री एक दूसरे को धक्का देते हुए ट्रेनों में घुस रहे हैं. कई लोगों को ट्रेन की बोगी पर लट कर सफर करते हुए भी आज देखा गया. ये लोग इस तरह से बिहार, उत्तर प्रदेश और दूसरे राज्यों में जाने के लिए ट्रेनों में यात्रा कर रहे हैं और इन लोगों के चेहरे पर ना तो मास्क है और इस भीड़ में सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करना भी मुश्किल है.


मुंबई के अलावा पुणे से भी आज डराने वाली तस्वीरें सामने आईं, जहां लॉकडाउन के डर से कई मजदूर वापस अपने घर जाने के लिए चिंता में दिखे. यहां भी ट्रेनों में काफी भीड़ दिखी. सोचिए अगर इन ट्रेनों में सफ़र करने वाले एक व्यक्ति को भी कोरोना वायरस हुआ तो क्या होगा. ऐसी स्थिति में ये ट्रेनें कोरोना वायरस का हॉटस्पॉट बन जाएंगी और मुमकिन है इससे हमारे देश के ग्रामीण इलाके भी प्रभावित हों, जो अब तक इस महामारी से काफी बचे हुए हैं.


दिल्ली में भी आज आनंद विहार बस अड्डे पर प्रवासी मज़दूरों की काफ़ी भीड़ दिखी और जो हाल इस समय ट्रेनों का है, ठीक वैसा ही नजारा बसों में भी देखने को मिला और चिंताजनक बात ये है कि इन लोगों के चेहरों पर मास्क भी नहीं थे.


वैक्सीन पर राजनीति


कोरोना वायरस की तरह राजनीति की भी दूसरी लहर हमारे देश में आ गई है, जो काफी खतरनाक है. इस लहर से आपको मास्क और सोशल डिस्टेंसिंग भी नहीं बचा सकते क्योंकि, दूसरी लहर राजनीति की है.


महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, आन्ध्र प्रदेश और तेलंगाना ने वैक्सीन की कमी का आरोप लगाया है और कहा है कि भारत सरकार वैक्सीन के वितरण को लेकर भेदभाव कर रही है. इस राजनीति की वजह है, भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय का एक फैसला, जिसमें मंत्रालय ने बताया है कि आने वाले दिनों में साढ़े तीन करोड़ वैक्सीन की डोज अलग-अलग राज्यों को वितरित की जाएंगी, जिनमें उत्तर प्रदेश को लगभग 45 लाख, मध्य प्रदेश को 33 लाख, कर्नाटक को करीब 29 लाख, पश्चिम बंगाल को 21 लाख और महाराष्ट्र को 17 लाख वैक्सीन की डोज दी जाएंगी.


जिन राज्यों को इस बार ज्यादा वैक्सीन की डोज मिल रही हैं, वो पहले लिस्ट में नीचे थे. लेकिन जरूरत और जनसंख्या के हिसाब से इस बार सरकार ने वैक्सीन का वितरण किया है. लेकिन महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों ने इस पर नाराजगी जताई है. इनमें महाराष्ट्र वैक्सीन के वितरण को लेकर सबसे ज्यादा नाख़ुश है.


महाराष्ट्र को 90 लाख वैक्सीन की डोज मिली


वो भी तब जब सबसे ज्यादा वैक्सीन पाने वाले राज्यों में वो सबसे ऊपर है. महाराष्ट्र को अब तक 90 लाख वैक्सीन की डोज मिल चुकी हैं और वहां 5 लाख वैक्सीन खराब भी हुई हैं. यानी ये वैक्सीन लगाई नहीं गईं और खराब हो गईं, लेकिन इसके बावजूद सबसे ज्यादा शिकायत महाराष्ट्र को ही है क्योंकि, यहां सवाल वैक्सीनेशन का नहीं है. सवाल वैक्सीनेशन में राजनीतिक अवसर तलाशना है.


राहुल गांधी का ट्वीट


राहुल गांधी भी ऐसा ही कर रहे हैं. आज राहुल गांधी ने वैक्सीन की कमी को लेकर एक ट्वीट किया और कहा कि सरकार का ध्यान इस पर नहीं है. जब वैक्सीन नहीं आई थी, तब राहुल गांधी केन्द्र सरकार से पूछ रहे थे कि भारत क्या कर रहा है? जब वैक्सीन आ गई तो उन्होंने इस पर भी राजनीति की और अब वो वैक्सीन की कमी के मुद्दे को अपनी राजनीति का आधार बना रहे हैं, लेकिन आपको इस राजनीति से सावधान रहना है और इसमें हम आपकी पूरी मदद करेंगे.



वैक्सीन की कमी को लेकर सवाल


वो ऐसे कि आज जब देश में वैक्सीन की कमी को लेकर सवाल पूछे जा रहे हैं तो भारत सरकार ने बताया है कि वो 8 अप्रैल तक देश के अलग-अलग राज्यों को वैक्सीन की 11 करोड़ 13 लाख डोज भेज चुकी है, लेकिन इनमें से लगी हैं सिर्फ 9 करोड़ 16 लाख यानी इन राज्यों के पास अब भी 1 करोड़ 97 लाख वैक्सीन की डोज स्टॉक में हैं. इसके अलावा 2 करोड़ 45 लाख वैक्सीन की डोज पाइपलाइन में हैं, यानी ये वो वैक्सीन हैं जो आने वाले दिनों में जल्द अलग-अलग राज्यों को भेजी जाएंगी.


इन आंकड़ों से आप समझ सकते हैं कि हमारे देश में वैक्सीन की कमी नहीं है. अगर किसी चीज़ की कमी है तो वो कमी है इच्छाशक्ति की और अनुशासन की.