नई दिल्ली:  कल 8 अप्रैल को देश में कोरोना वायरस के 1 लाख 26 हजार मामले सामने आए हैं और स्थिति काफी चिंताजनक हो गई. इसी को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अलग अलग राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ इस पर मंथन दिया और कोरोना वायरस से लड़ने के लिए भी देश को नया मूल मंत्र दिया. ये मूल मंत्र है-T 3 का, यानी Test, Track और Treat.


वैक्सीन पर राजनीति


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अभी भारत में 45 वर्ष से ज्यादा उम्र के सभी लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है. अगर आप भी श्रेणी में आते हैं, तो आपको वैक्सीन के लिए खुद को रजिस्टर करना है और जल्द से जल्द वैक्सीन लगवा लेनी है.


हालांकि हमारे देश में वैक्सीन पर काफी राजनीति भी हो रही है. महाराष्ट्र सरकार ने भारत सरकार पर वैक्सीन के वितरण में भेदभाव का आरोप लगाया और कहा कि सरकार महाराष्ट्र को जरूरत के हिसाब से वैक्सीन नहीं दे रही है और बीजेपी के शासन वाले राज्यों को इसका ज्यादा फायदा मिल रहा है, लेकिन आज हम संक्षेप में आपको ये बताना चाहते हैं कि ये राजनीति जनहित में बिल्कुल भी नहीं है. इसे इन आंकड़ों से समझ सकते हैं.


-वैक्सीनेशन के मामले में महाराष्ट्र राज्य अब भी सबसे ऊपर है. वहां लगभग 90 लाख लोगों को वैक्सीन लगाई जा चुकी है और एक दिन पहले भी सबसे ज्यादा वैक्सीन लगाने के मामले में महाराष्ट्र सबसे ऊपर था.


-यहां एक समझने वाली बात ये भी है कि जो दो राज्य महाराष्ट्र और आंध्र प्रदेश में वैक्सीन की कमी होने की बात कह रहे हैं, वहीं सबसे ज्यादा वैक्सीन की डोज अब तक बर्बाद हुई हैं.


-महाराष्ट्र को अब तक एक करोड़ से ज्यादा वैक्सीन की डोज भेजी जा चुकी हैं, जिनमें से 5 लाख डोज खराब हो गईं क्योंकि, ये लगाई ही नहीं गईं.


-इसी तरह आंध्र प्रदेश में अब तक भेजी गई कुल डोज में से 11.6 प्रतिशत खराब हो चुकी हैं. यानी जो राज्य वैक्सीन के वितरण में भेदभाव और कमी की शिकायत कर रहे हैं, वहां वैक्सीन की बर्बादी सबसे ज्यादा हुई है.


-भारत में अब तक कुल 9 करोड़ 1 लाख 98 हजार 673 लोगों को कोरोना वायरस की वैक्सीन लग चुकी है, लेकिन इनमें वैक्सीन की दोनों डोज लेने वाले सिर्फ 1 करोड़ 14 लाख लोग ही हैं. यानी लगभग 8 करोड़ लोगों ने अब भी वैक्सीन की पहली डोज ही लगवाई है और ये काफी चिंताजनक है.


वैक्सीन लगवाने से लोग क्यों डर रहे?


वैक्सीन लगवाने से लोग डर क्यों रहे हैं, आज आप ये भी समझिए.


-पिछले कुछ दिनों में ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं. इनमें सबसे बड़ा मामला लखनऊ से आया है, जहां वैक्सीन लगवाने वाले 40 डॉक्टरों को कोरोना हो गया.


-इसके अलावा बिहार में भी वैक्सीन लगवाने के बाद 26 डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं. इनमें 9 डॉक्टर अकेले पटना मेडिकल कॉलेज से हैं.


- जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारुख अब्दुल्लाह को भी वैक्सीन की पहली डोज लगवाने के बाद कोरोना हुआ और इसमें और भी कई नाम हैं.


कोरोना वैक्सीन का फायदा


इन मामलों के सामने आने के बाद लोग यही पूछ रहे हैं कि अगर वैक्सीन लगवाने के बाद भी कोरोना हो सकता है तो फिर इस वैक्सीन का फायदा क्या है? तो इस सवाल का जवाब ये है कि वैक्सीन लगवाने के बाद भी आपको कोरोना हो सकता है, लेकिन ये कोरोना आपके लिए खतरनाक नहीं होगा. अगर आपने वैक्सीन की दोनों डोज लगवाई होंगी तो इससे कोरोना आपको ज्यादा प्रभावित नहीं करेगा. आपको मामूली लक्षण होंगे और आप ठीक हो जाएंगे. यानी आपको अस्पताल जाने की जरूरी नहीं होगा.



मास्क पर दिल्ली हाई कोर्ट का फैसला


दिल्ली हाई कोर्ट ने अपने एक फैसले में कहा है कि अगर कोई व्यक्ति गाड़ी में अकेला भी कहीं बाहर निकलता है तो उसके लिए भी मास्क लगाना जरूरी है, लेकिन सवाल है कि उन लोगों का क्या जो मास्क लगा ही नहीं रहे. आप अलग-अलग राज्यों से आई तस्वीरें देखेंगे, तो जानेंगे कि न तो लोग मास्क लगा रहे हैं और न ही दो गज की दूरी के नियम का पालन कर रहे हैं.


...तो फिर से लॉकडाउन की तरफ जाना पड़ेगा


हालांकि इन लोगों को इस बात की काफी चिंता है कि कहीं देश में फिर से लॉकडाउन तो नहीं लगने वाला. आज हम कहना चाहते हैं कि अगर आपने इस महामारी को गंभीरता से लेना शुरू नहीं किया, अनुशासन नहीं दिखाया तो फिर हमारे देश को लॉकडाउन की तरफ जाना ही पड़ेगा और इसके संकेत भी मिलने लगे हैं.


-मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के शहरी इलाकों में वीकेंड पर 12 घंटे के लॉकडाउन का ऐलान किया है. ये लॉकडाउन शाम 6 बजे से सुबह 6 बजे तक लागू रहेगा. इसके अलावा नाइट कर्फ्यू भी वहां लगाया गया है.


-दिल्ली के पास नोएडा में भी रात 10 बजे से सुबह 5 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है.


-दिल्ली में पहले से नाइट कर्फ्यू लगा हुआ है.


-महाराष्ट्र के भी कई जिलों में मिनी लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू लागू है और दूसरे राज्यों में भी इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं.


यानी ये वो लक्षण हैं, जो बता रहे हैं कि अगर आपने कोरोना वायरस को गंभीरता से नहीं लिया तो फिर से देश को लॉकडाउन की तरफ जाना पड़ेगा.


पीएम मोदी ने लगवाई कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज


प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी कल 8 अप्रैल को कोरोना वैक्सीन की दूसरी डोज लगवा ली है. इससे 38 दिन पहले उन्होंने एक मार्च को वैक्सीन की पहली डोज लगवाई थी. उन्होंने ये दोनों डोज दिल्ली के AIIMS अस्पताल में लगवाईं.


प्रधानमंत्री कल 8 अप्रैल को AIIMS पहुंचे, जहां उन्होंने Bharat Biotech की बनाई स्वदेशी को-वैक्सीन की दूसरी डोज लगवाई और जिन दो नर्सों ने उन्हें टीका लगाया, वो पुडुचेरी की रहने वाली हैं. इनमें नर्स पी. निवेद पहले वैक्सीनेशन के दौरान भी मौजूद थीं और उन्होंने ही प्रधानमंत्री को टीका लगाया.