नई दिल्ली: एक दौर था, जब टीवी पर रामायण और महाभारत Serial आते थे, तो पूरा भारत थम जाता था. लोग बेसब्री से रामायण और महाभारत का इंतजार करते थे. कोरोना काल में ये सीरियल फिर से दूरदर्शन पर प्रसारित हो रहे हैं, लेकिन इस दौर में सबसे ज़्यादा बेसब्री से इंतजार होता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संबोधन का. प्रधानमंत्री मंगलवार सुबह 10 बजे देश को एक बार फिर संबोधित करेंगे. ये एक महीने में देश के नाम उनका चौथा संबोधन होगा.


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19 मार्च को उन्होंने कोरोना पर देश के नाम पहला संबोधन दिया था. तब इसे टीवी पर करीब 8 करोड़ 25 लाख लोगों ने देखा था. 24 मार्च को उन्होंने दूसरे संबोधन में 21 दिन के Lockdown का ऐलान किया था. इस संबोधन को 19 करोड़ 65 लाख लोगों ने टीवी पर देखा था. 


इसके बाद 3 अप्रैल को पीएम ने देश के नाम एक वीडियो मैसेज दिया था. इसे टीवी पर करीब 11 करोड़ 90 लाख लोगों ने देखा था. पीएम के संबोधन की TV Viewership ने अपने ही रिकॉर्ड तोड़े हैं. क्योंकि नोटबंदी के ऐलान वाले उनके संबोधन को टीवी पर करीब 5 करोड़ 70 लाख लोगों ने देखा था. और अनुच्छेद 370 पर देश के नाम पीएम के संबोधन को करीब 6 करोड़ 50 लाख लोगों ने देखा था. भारत में सबसे ज्यादा TV Viewership क्रिकेट की रही है. पिछले वर्ष IPL के फाइनल को टीवी पर करीब 13 करोड़ 30 लाख लोगों ने देखा था. लेकिन 24 मार्च को पीएम के संबोधन को 19 करोड़ से ज्यादा लोगों ने देखा. यानी इसे भारत में टीवी के इतिहास का most-watched event कह सकते हैं. दिलचस्प बात ये है कि प्रधानमंत्री ने जब लोगों को 9 मिनट के लिए दिए जलाने के लिए कहा था, उस दिन उन 9 मिनट में TV Viewership करीब 60 प्रतिशत तक गिर गई थी. यानी लोग टीवी छोड़कर पीएम के कहने पर दिए जला रहे थे.


कल 21 दिन के लॉकडाउन का आखिरी दिन है. इसलिए आप सभी के मन में सवाल यही होगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने संबोधन में क्या बोलेंगे? क्या Lockdown पर कुछ रियायत दी जाएंगी या फिर Lockdown फिलहाल इसी सख्ती से चलेगा? प्रधानमंत्री के मन में क्या चल रहा है, इसे समझने के लिए दो दिन पहले की वो बात याद करना ज़रूरी है, जो उन्होंने मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में कही थी. प्रधानमंत्री ने जब 21 दिन के Lockdown का ऐलान किया था, तब कहा था- जान है तो जहान है. लेकिन अब प्रधानमंत्री ने नया मंत्र दिया कि जान भी और जहान भी. प्रधानमंत्री की इसी बात में कोरोना से लड़ने की अगली रणनीति और Lockdown 2.0 का फॉर्मूला छिपा है. 


'जान भी और जहान भी' का मतलब ये है कि कोरोना से लड़ाई में जीवन को बचाया भी जाए और जीवन को चलाया भी जाए. जीवन चलाने से मतलब है कि अर्थव्यवस्था की गाड़ी को Restart किया जाए. उन उद्योगों की पहचान की जाए, जहां फिर से आर्थिक गतिविधियां शुरू की जा सकती हैं. मुख्यमंत्रियों के साथ पीएम की मीटिंग के बाद संकेत यही मिले थे कि Lockdown तो रहेगा, लेकिन Lockdown का पार्ट-2 पहले से अलग होगा. कई राज्य अपने यहां Lockdown को बढ़ाने का ऐलान कर चुके हैं. लेकिन देशव्यापी Lockdown बढ़ाने का फैसला पीएम को ही करना है.


ये कहा जा रहा है कि Lockdown 2.0 में रणनीति देश को तीन Zone में बांटने की होगी. जहां सबसे ज़्यादा कोरोना के केस आए हैं, उन इलाकों को Red Zone में रखा जाएगा. दूसरा Orange Zone होगा, जहां कोरोना के बहुत कम मामले आए हैं. और तीसरा Green Zone होगा, जहां कोरोना के कोई मामले नहीं मिले हैं. 


Red Zone के लिए Lockdown में कोई रियायत मिलना संभव नहीं है. Orange Zone में कृषि कार्य और सीमित पब्लिक ट्रांसपोर्ट की इजाजत दी जा सकती है. Green Zone में छोटे उद्योगों को भी फिर से खोलने की मंज़ूरी मिल सकती है. सरकार की तरफ से इस बात के बड़े संकेत मिले हैं कि कामकाज को पूरी तरह से ठप नहीं किया जा सकता. आज अधिकतर केंद्रीय मंत्रियों और बड़े अधिकारियों ने अपने दफ्तर से ही काम करना शुरू कर दिया है.


वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने अपनी एक फोटो Twitter पर Share की. जिसमें वो उसमें ऑफिस में ज़रूरी फाइल्स देखते नज़र आ रही हैं. वित्त मंत्री ने Home Made Face Mask भी लगाया हुआ है. अब तक ज़्यादातर केंद्रीय मंत्री Work from Home कर रहे थे. प्रधानमंत्री ने रविवार को निर्देश दिए थे कि सभी मंत्री..वरिष्ठ अधिकारियों के साथ Office से ही काम करें.


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कोरोना के मामलों पर Lockdown का बड़ा असर देखा गया है. भारत को उन देशों में गिना जाता है, जहां पर Lockdown को बहुत सख्ती से लागू किया गया, और इसकी वजह से कोरोना के मामलों को काफी हद तक Control किया गया. Indian Council of Medical Research यानी ICMR की स्टडी के मुताबिक अगर देश में संपूर्ण Lockdown ना होता तो 15 अप्रैल तक कोरोना के 8 लाख 20 हज़ार मामले होते. अगर Lockdown की जगह पर सिर्फ कुछ प्रतिबंध ही लगाए जाते तो भी 15 अप्रैल तक 1 लाख 20 हज़ार मामले होते. संपूर्ण Lockdown और सख्ती की वजह से देश में अब तक कोरोना के मामले 9 हज़ार के पार ही हुए हैं. इसी आंकड़े को आधार बनाएं तो अगले 15 दिनों की पिक्चर भी हम आपको दिखाते हैं.


अगर अगले 15 दिन कोई Lockdown नहीं होगा तो कोरोना के मामले 20 लाख पहुंच सकते हैं. अगर अगले 15 दिन आंशिक Lockdown रहा तो कोरोना के मामले 5 लाख 22 हज़ार पहुंच जाएंगे. अगर पूरी तरह से Lockdown रहा तो फिर अगले 15 दिन में कोरोना के मामले करीब 58 हज़ार होंगे. इसीलिए अधिकतर लोग Lockdown को बढ़ाने के पक्ष में हैं और यही कहा जा रहा है कि Lockdown खत्म हुआ तो देश की पूरी मेहनत बेकार चली जाएगी. 


लेकिन इसका एक दूसरा पक्ष भी है. हम उसे भी आंकड़े में आपको दिखाते हैं.देश के 15 राज्यों के 25 जिले ऐसे हैं, जहां पिछले 14 दिन से एक भी Positive केस नहीं आया. भारत ने अब तक करीब 2 लाख कोरोना टेस्ट किए हैं, जिनमें सिर्फ 4 प्रतिशत ही Positive पाए गए. यहां आपको ये भी ध्यान रखना होगा कि भारत में अब तक व्यापक पैमाने पर टेस्टिंग नहीं हो रही है. लेकिन जिन लोगों के टेस्ट हो रहे हैं, वो वही लोग हैं, जिनमें कोरोना संक्रमण का सबसे ज़्यादा संदेह है. अगर इन लोगों के टेस्ट में भी सिर्फ 4 प्रतिशत लोग ही Positive पाए जा रहे हैं तो ये बताता है कि भारत बहुत बेहतर स्थिति में है.


पहले जब युद्ध का समय आता था तो अपनी देशभक्ति दिखाने के लिए लोग सेना में शामिल होते थे. बॉर्डर पर जाकर दुश्मनों से लड़ते थे . कहीं कोई सैनिक दिखे तो लोग उनका मनोबल बढ़ाते थे, उनका स्वागत करते थे. इस समय भी भारत में युद्ध काल चल रहा है. ये युद्ध कोरोना वायरस के खिलाफ है. जिसे जीतने के लिए देश को आपकी जरूरत है. अगर आप इस लड़ाई में योगदान देना चाहते हैं तो सरकार के निर्देशों का पालन कीजिए . 


डॉक्टरों, नर्सों और सभी स्वास्थ्य कर्मियों का हौसला बढ़ाइए. पुलिस का सम्मान कीजिए. नकारात्मक बातों से दूर रहिए. किसी तरह की अफवाहों से दूर रहिए . और ऐसे लोग जो ऐसे समय में भी राजनीति कर रहे हैं उनसे दूर रहिए .संकट के इस समय में अगर आपको एक सच्चे भारतीय का फर्ज निभाना है तो सामाजिक दूरी का पालन कीजिए. अपने घर में रहिए . खुद भी बचिए. अपने परिवार को बचाइए और देश को बचाइए और इसके लिए आपको बॉर्डर पर जाने की जरूरत नहीं है. आप सिर्फ घर में रहकर ही अपने कर्तव्य का पालन कर सकते हैं.