नई दिल्ली: कल 15 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने पहली बार आंदोलन कर रहे किसानों को सीधा संदेश दिया और विपक्ष पर कृषि कानूनों (Farm Laws) को लेकर भ्रम फैलाने का आरोप लगाया. प्रधानमंत्री ने साफ किया कि नए कृषि कानून एक ऐतिहासिक शुरुआत हैं. लेकिन विपक्ष नहीं चाहता कि इनसे किसानों का भला हो. ये बातें प्रधानमंत्री मोदी ने गुजरात (Gujarat) के कच्छ में तीन अलग अलग परियोजनाओं का उद्घाटन करते हुए कहीं.


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इस दौरान उन्होंने किसानों के आंदोलन (Farmers Protest) के मुद्दे पर अपनी बात खुलकर रखी और साफ-साफ शब्दों में कहा कि कुछ लोग किसानों के बीच भ्रम फैला रहे हैं और किसानों के कंधों पर रखकर राजनीति की बंदूक चलाई जा रही है. लेकिन देश का किसान जागरूक है और वो ऐसी ताकतों को परस्त करके रहेगा. उन्होंने ये भी कहा कि ये दिल्ली के आस पास के किसानों को भ्रमित करने की बड़ी साजिश है.



आंदोलन के नाम पर किसानों को भड़काने की साजिश
हम आपको कई दिनों से बता रहे हैं कि इस आंदोलन के नाम पर किसानों को भड़काने की साजिश हो रही है और किसानों को ये कहकर डराया जा रहा है कि इस कानून को जरिए उनकी ज़मीनों को छीन लिया जाएगा. उनके सारे अधिकारों की बलि ले ली जाएगी. लेकिन प्रधानमंत्री मोदी (Narendra Modi) ने कुछ उदाहरणों के जरिए किसानों के मन की ये आशंका भी दूर करने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि अगर कोई खरीदार, डेयरी चलाने वाले किसानों या फल सब्जी बेचने वाले किसानों से समझौता करता है तो कोई इसके बदले में उनकी ज़मीन नहीं हथिया लेता.


प्रधानमंत्री मोदी ने देश के किसानों को भरोसा दिलाया है कि किसानों का हित सरकार की सबसे बड़ी प्राथमिकता है और सरकार उनकी शंकाओं का समाधान करने के लिए हर समय तैयार है. सरकार का मकसद सिर्फ और सिर्फ किसानों की आय बढ़ाना और उन्हें कृषि के लिए ज्यादा से ज्यादा विकल्प देना है.