नई दिल्‍ली: अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में भारत ने इंग्लैंड को 10 विकेट से हरा दिया.  5 दिन का टेस्ट मैच दो दिन में खत्म हो गया. ये डे-नाइट टेस्ट मैच था जिसमें केवल 132 ओवर और चार गेंदें फेंकी गईं और दोनों टीमों ने मिलकर 387 रन बनाए. इंग्लैंड ने पहली पारी में 112 रन बनाए और भारत ने 145 रन. दूसरी पारी में इंग्लैड की टीम 81 रन बना कर आउट हो गई. इसके बाद भारत ने 49 रन बना कर मैच जीत लिया.


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वैसे तो क्रिकेट इस देश में धर्म है और खिलाड़ियों को उसका भगवान माना जाता है. क्रिकेट के एक्सपर्ट तो इस देश में हर पान की दुकान मे आपको रेडियो पर कमेंट्री सुनते हुए मिल जाते हैं. ऐसे ही कुछ एक्सपर्ट बता रहे हैं कि इतनी जल्दी खत्म हुए मैच के लिए मैदान की पिच जिम्मेदार है. ऐसी पिच तैयार की गई, जो स्पिन गेंदबाजों के लिए अच्छी रही लेकिन बल्लेबाजों के लिए खराब, पर यहां पर हम ऐसे एक्‍सपर्ट्स के लिए तीन फैक्‍ट्स लेकर आए हैं. 


पहला दुनिया में कोई भी डे-नाइट टेस्ट मैच पांच दिन तक नहीं चल सका है. 


दूसरा औसतन ये मैच तीन दिन में खत्म हो जाते हैं. 



तीसरा भारत में जो दो डे-नाइट टेस्ट मैच बांग्लादेश और अफगानिस्तान के खिलाफ खेले गए वो मैच भी दो से तीन दिन के भीतर खत्म हो गए थे और वो दोनों मैच भी भारत ने ही जीते. पर इससे आगे हमें लगता है कि पांच दिन के टेस्ट मैच में भारत की इंस्‍टैंट विजय का क्रिकेट के लिए एक खास संदेश है और वो ये कि T-20 मैच और वन डे मैच की वजह से अब पांच दिन के मैच में 450 ओवर्स खेलने का धैर्य खिलाड़ियों में नहीं बचा है. 


समाज में सबकुछ इंस्‍टैंट हो गया है. न्‍यूज़ चैनलों में आप लगातार फटाफट न्यूज़ देखते हैं. ऑनलाइन पोर्टल पर बहुत संक्षेप में आने वाली न्‍यूज़ पसंद की जाती है. सोशल मीडिया में छोटे संदेशों का चलन है. बड़ी-बड़ी वेब सीरीज को लोग फॉरवर्ड करके देखते हैं. वैसा ही बदलाव भारतीय क्रिकेट के DNA में आ गया है, जिसमें धैर्य की मात्रा कम है और जीत की जिद ज्यादा है.