काबुल में सत्ता पर काबिज होने जा रहा Taliban, लेकिन कहां है सुप्रीम लीडर अखुंदजादा?
अखुंदजादा (Akhundzada) की गुमशुदगी को लेकर भी सबसे बड़ा शक पाकिस्तान पर जा रहा है और हमारा सवाल सीधे-सीधे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान (Imran Khan) से है कि वो सामने आकर बताएं कि आखिर अखुंदजादा अब कहां है?
नई दिल्ली: आज हम एक बड़ा सवाल लेकर आए हैं और वो सवाल ये तालिबान का सुप्रीम लीडर हिब्तुल्लाह अखुंदजादा आखिर कहां है? अखुंदजादा को आखिरी बार पाकिस्तान के कराची में देखा गया था, जहां वो एक सेफ हाउस में था. लेकिन पिछले कई दिनों से अखुंदजादा की कोई खबर नहीं है.
आखिर अखुंदजादा कहां है?
आपने मुल्ला बरादर और दूसरे तालिबानी नेताओं की कई तस्वीरें पिछले दिनों देखी होंगी. लेकिन अखुंदजादा कहीं दिखाई नहीं दिए. हिब्तुल्लाह अखुंदजादा को वर्ष 2016 में तालिबान का सुप्रीम कमांडर बनाया गया था और चर्चा ये थी कि उन्हें तालिबान की नई सरकार में राष्ट्रपति या फिर देश का सुप्रीम लीडर भी बनाया जा सकता है.
लेकिन अब किसी को नहीं पता कि आखिर अखुंदजादा कहां है. आज इस सवाल का जवाब पाकिस्तान को देना चाहिए क्योंकि आखिरी बार अखुंदजादा को पाकिस्तान में देखा गया था.
तालिबान की पहली सरकार का सबसे बड़ा नेता मुल्ला उमर हुआ करता था उसी ने तालिबान की स्थापना की थी. मुल्ला उमर की मौत की खबर वर्ष 2015 में आई थी. लेकिन उसकी मौत 2013 में ही हो गई थी. कहा जाता है कि मुल्ला उमर की मौत भी पाकिस्तान में हुई थी और पाकिस्तान ने ये बात दुनिया से छिपाकर रखी थी.
इमरान खान दें जवाब
कुछ लोग दावा करते हैं कि मुल्ला उमर को पाकिस्तान में धीमा जहर देकर मार दिया गया था. इसलिए अखुंदजादा की गुमशुदगी को लेकर भी सबसे बड़ा शक पाकिस्तान पर जा रहा है और हमारा सवाल सीधे-सीधे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान से है कि वो सामने आकर बताएं कि आखिर अखुंदजादा अब कहां है?
इस समय सारे बड़े फैसले हक्कानी नेटवर्क ले रहा है और नई सरकार के गठन में उसकी भूमिका सबसे ज्यादा सक्रिय है. हक्कानी नेटवर्क का प्रमुख सिराजुद्दीन हक्कानी है, जिसे अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित किया है. इसके अलावा तालिबान ने हक्कानी नेटवर्क से जिस अनस हक्कानी को काबुल का सिक्योरिटी चीफ बनाया है, वो भी अमेरिका द्वारा घोषित अतंरराष्ट्रीय आतंकी है.
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साल 2012 में अमेरिका ने हक्कानी नेटवर्क को आतंकवादी संगठन घोषित किया था. लेकिन आज हक्कानी नेटवर्क काबुल में तालिबानी सरकार बनाने में अहम भूमिका भी निभा रहा है और अफगानिस्तान की सीमाओं की सुरक्षा भी उसी के पास है. सीमाओं पर हक्कानी नेटवर्क के आतंकवादी मौजूद हैं.