DNA Analysis: श्रीनगर से 80 Km दूर आतंकवादियों ने मनाया जश्न, क्या 74 साल पुराना मंसूबा पूरा करने पर नजर?
जम्मू कश्मीर (J&K) की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने कश्मीर (Kashmir) की तुलना अफगानिस्तान (Afghanistan) से करते हुए कहा कि अगर कश्मीरी लोगों ने धैर्य खोया तो उनके सामने कोई टिक नहीं पाएगा. मुफ्ती ने भारत सरकार को सलाह दी कि वो समय रहते अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे से सबक ले.
नई दिल्ली: दुनियाभर में कट्टर इस्लाम का समर्थन करने वाले लोग आज तालिबान की जीत पर तालियां बजा रहे हैं. इन्हें उम्मीद है कि एक दिन दुनिया के बड़े हिस्से पर कट्टरपंथियों का कब्जा होगा. ऐसी सोंच रखने वाले कुछ लोग भारत में भी हैं. कश्मीर (Kashmir) को अफगानिस्तान (Afghanistan) जैसा बनाने की सबसे पहली कोशिश सन 1947 में हुई थी. तब 50 हजार कबाइलियों ने कश्मीर पर हमला किया था और आधे कश्मीर पर कब्जा कर लिया था.
इसी को आप पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (Pakistan Occupied Kashmir) के नाम से जानते हैं. सोमवार को PoK में लश्कर और जैश के आतंकवादियों ने बड़ा जश्न मनाया. आतंकियों ने PoK लौटने पर रैलियां निकाली तो एक दूसरे को फूलों का हार पहना कर स्वागत किया. ये सब कुछ कश्मीर के श्रीनगर से 80 से 90 किलोमीटर की दूरी पर हुआ.
तालिबानी राज का मंसूबा
लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद के ये आतंकवादी पिछले लगभग एक महीने से अफगानिस्तान में थे. जो Pok वापस आकर तालिबानी राज स्थापित करना चाहते हैं. इसके लिए ये आतंकी वहां के लोगों धमका रहे हैं और उनसे शरिया कानूनों का पालन करने के लिए कह रहे हैं. अफगानिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति अशरफ गनी ने इसी महीने की शुरुआत में बताया था कि पाकिस्तान से 10 हजार आतंकवादी अफगानिस्तान की सीमा में दाखिल हुए हैं. दुर्भाग्यपूर्ण ये है कि आज जब अफगानिस्तान के आम लोगों के लिए एयरपोर्ट और सीमाएं बन्द कर दी गई हैं, तब ये आतंकवादी आसानी से कहीं भी आ जा सकते हैं.
25 साल पहले हुई थी कोशिश
तालिबान के मजबूत होने का मतलब है, आतंकवादियों की कश्मीर में POK के जरिए सीधी एंट्री. वो एंट्री अब यहां ये होगी अफगानिस्तान के बदखन प्रांत की सीमा जम्मू-कश्मीर की सीमा से 400 किलोमीटर दूर है. पाकिस्तान अगर फिर से कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ाने में तालिबान की मदद लेता है. उसके लिए कश्मीर तक अपने आतंकवादियों को भेजना या हथियार पहुंचाना ज़्यादा मुश्किल काम नहीं होगा. 25 साल पहले जब तालिबान ने अफगानिस्तान में अपनी सरकार बनाई थी तो उसने यही किया था.
पाकिस्तान की नापाक नजर
पाकिस्तान का सपना है कि जो PoK में हो रहा है वही एक दिन कश्मीर में हो ताकि तालिबान से क्रूरता सीख कर आए ये आतंकवादी जो अब भारत की सीमा से सिर्फ कुछ किलोमीटर दूर हैं. इन्हें पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान का समर्थन भी हासिल है. जिन्होंने कुछ दिनों पहले ही तालिबान की तारीफ करते हुए कहा था तालिबान ने तो गुलामी की बेड़ियां तोड़कर अफगानिस्तान को आजाद कराया है.