नई दिल्ली: कोरोना वायरस से लड़ाई में भीलवाड़ा मॉडल की बहुत चर्चा हो रही है. हम आपको इसके बारे में भी बताते हैं. भीलवाड़ा राजस्थान का एक जिला है. जिसे भारत में कोरोना वायरस का पहला Hot Spot कहा जाता है. राजस्थान में कोरोना वायरस के शुरुआती मामलों में सबसे ज़्यादा मामले भीलवाड़ा में ही पाए जा रहे थे, लेकिन पिछले 9 दिन में यहां पर कोरोना संक्रमण का सिर्फ एक मामला आया है. भीलवाड़ा में वायरस के संक्रमण की पुष्टि एक निजी अस्पताल के डॉक्टर में हुई थी. इसके बाद उस अस्पताल के कई दूसरे डॉक्टर, नर्स और कर्मचारी भी संक्रमित पाए गए. इससे वहां इलाज के लिए आए मरीजों में भी संक्रमण फैल गया था. इस अस्पताल में दूर दूर से लोग इलाज के लिए आते थे. चुनौती ये थी कि अस्पताल से शुरू हुई संक्रमण की Chain को कैसे तोड़ा जाए. इसके लिए जो रणनीति बनाई गई, वही भीलवाड़ा मॉडल है.


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20 मार्च से ही भीलवाड़ा में कर्फ्यू लग गया, यानी देश भर में Lockdown के ऐलान से 4 दिन पहले. जिले की सीमाएं सील की गईं, Hot Spots की पहचान की गई, No Movement Area बनाए गए. 


करीब साढ़े 17 हजार लोगों की पहचान की गई, जिन लोगों के कोरोना संक्रमित होने का संदेह था. Quarantine के लिए जिले के 27 होटल, 4 निजी अस्पताल, 22 Institute और हॉस्टल का इस्तेमाल किया. 


प्रशासन ने करीब 4 हज़ार टीमें बनाईं, भीलवाड़ा में करीब साढ़े चार लाख घरों का सर्वे किया गया. घर घर जाकर करीब साढ़े 22 लाख लोगों की स्क्रीनिंग की गई, गली-गली और मोहल्ले-मोहल्ले को sanitize किया गया. 


ये सब युद्ध लड़ने के जैसा था. इसीलिए जब भीलवाड़ा में कोरोना संक्रमण के मामले बिल्कुल कम हो गए हैं तो पुलिस और प्रशासन ने विजय जुलूस निकाला. लोग किस तरह से उन पर फूल बरसा रहे हैं. Corona Fighters का अभिनंदन कर रहे हैं. 


वहीं कोरोना वायरस ने देशभर में हड़कंप मचा रखा है. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक पिछले 24 घंटे में संक्रमण के 591 नए मामले आए हैं, कल की तुलना में देश में 24 घंटे में नए मामले बढ़ गए हैं. कल 485 नए मामले सामने आए थे.


देश में अब कोरोना संक्रमण के मामले 5 हजार 8 सौ से ज्यादा हो गए हैं. अबतक 169 लोगों की मौत हो चुकी है. पिछले 24 घंटे में 20 लोगों की जान गई है. 


अब जानिए Zee News के Reporters द्वारा दी गई जानकारी पर आधारित आंकड़े. इसके मुताबिक देश में संक्रमण के मामले 6 हजार 548 हो गए हैं. 


अबतक 226 लोगों की मौत हो चुकी है और 623 लोग ठीक हो चुके हैं. हम आपको आज की बड़ी बातें भी बता देते हैं. कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों के बाद ओडिशा ने लॉकडाउन 30 अप्रैल तक बढ़ा दिया है. ओडिशा ऐसा करने वाला देश का पहला राज्य है. वहां अबतक 44 लोगों में संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है. 


सरकार ने स्वास्थ्य कर्मचारियों की सुरक्षा के लिए 1 करोड़ 70 लाख Personal Protective Equipment (PPE) का ऑर्डर दिया है, जिसकी आपूर्ति शुरु हो गई है. इसके अलावा 49 हजार Ventilators का भी ऑर्डर दिया गया है.   


अबतक देश में 1 लाख 30 हजार Samples का टेस्ट हुआ है और इनमें 5 हजार 734 मामले Positive पाए गए हैं. यानी 3 से 5 प्रतिशत मामले ही Positive पाए जा रहे हैं. 


देश में Hydroxy- Chloro-Quin दवा की 1 करोड़ से अधिक गोलियों का बफर स्टॉक मौजूद है. कोरोना वायरस के संक्रमण का इलाज करने में इस दवा का उपयोग सबसे अधिक किया जाता है.


CSIR की दो Labs ने मिलकर कोरोना वायरस की Genome Sequencing का काम शुरु किया. इससे वायरस की संरचना, उसका विकास और असर के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी मिलेगी. 


केंद्र सरकार ने इस महामारी से लड़ने के लिए 15 हजार करोड़ रुपए के एक पैकेज को मंजूरी दी है. इस पैकेज का इस्तेमाल इमरजेंसी सुविधाओं और हेल्थ सिस्टम को मजबूत करने के लिए किया जाएगा. 


अब आपको कोरोना का वर्ल्ड अपडेट भी दे देते हैं. दुनिया भर में कोरोना संक्रमण के मामले 15 लाख के पार हो गए हैं. और करीब 90 हजार लोगों की मौत हो चुकी है.


अमेरिका में मौत का आंकड़ा 15 हजार के करीब पहुंच चुका है और वहां 4 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं. वहां पिछले 24 घंटों में इस वायरस से लगभग 1900 लोग मारे गए हैं. अमेरिका में एक तिहाई मौतें अकेले न्यूयॉर्क में हुई हैं, न्यूयॉर्क के अस्पतालों में मिलिट्री के 1000 डॉक्टर लगाए गए.


कोरोना से संक्रमित ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन चार दिन से ICU में हैं, उनकी हालत में थोड़ा और सुधार है. एक अमेरिकी Institute के अनुमान के मुताबिक ब्रिटेन में अगस्त तक कोरोना से 66 हजार लोगों की मौत हो सकती है. ब्रिटेन में तीन हफ्ते के Lockdown को अब मई तक बढ़ाया जा सकता है, ब्रिटेन में मौत का आंकड़ा 7 हजार के पार हो चुका है.


स्पेन में दो हफ्ते के लिए Lockdown और बढ़ाया जाएगा, वहां के प्रधानमंत्री ने कहा है कि आग पर काबू पाना शुरू हो चुका है. वहां अबतक 15 हजार लोगों की मौत हो चुकी है.


इटली में प्रति दिन होने वाली मौत का आंकड़ा कम हुआ है, वहां पर अप्रैल के अंत तक प्रतिबंधों में कुछ रियायत दी जा सकती है. जर्मनी में लगातार तीन दिन से मामले बढ़ रहे हैं, वहां संक्रमण का आंकड़ा 1 लाख के पार पहुंच चुका है.
Russia में एक दिन में अब तक के सबसे ज़्यादा मामले आए, वहां संक्रमण का आंकड़ा 10 हज़ार के पार पहुंच गया.


सऊदी अरब में शाही परिवार के करीब 150 सदस्य कोरोना संक्रमित पाए गए हैं. वहां किंग सलमान और मोहम्मद बिन सलमान आइसोलेशन में हैं. जापान में कल 500 से भी ज़्यादा संक्रमण के नए मामलों की पुष्टि हुई है. ये किसी एक दिन में संक्रमण की सबसे बड़ी संख्या है. वहां संक्रमित रोगियों की संख्या 5 हजार से अधिक हो गई है. चीन में इस बात की चिंता जताई जा रही है कि कोरोना के 18 से 30 प्रतिशत मामलों में 'Silent Carriers' पाए जा रहे हैं. यानी जिनमें कोई लक्षण नहीं दिखते, लेकिन वो दूसरों को संक्रमित कर देते हैं. 


भारत में तेजी से कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं. संक्रमण के एक हजार मामलों तक पहुंचने में 27 दिन लगे थे. इसके बाद 6 दिन में आंकड़ा 3 हजार के पार हो गया. फिर सिर्फ 4 दिन में आंकड़ा 5 हजार के पार हो गया. अगले दो दिन में एक हजार नए मामले आए और आंकड़ा 6 हजार के पार हो गया.  यहां हम आपको बता दें कि इन आंकड़ों की गणना 2 मार्च से की गई है. भारत में कोरोना वायरस का पहला मामला 30 जनवरी को आया था, जब चीन के Wuhan से लौटे केरल के तीन छात्रों में संक्रमण पाया गया था. लेकिन ये छात्र बाद में ठीक हो गए थे, इन्होंने किसी को संक्रमित नहीं किया था. भारत में कोरोना के मामले 2 मार्च से ही बढ़े थे. इसलिए 2 मार्च के बाद से ही गणना की गई है.
 
यहां हम आपको एक आंकडा और देना चाहते हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक भारत में Corona Virus के कुल मामलों में से 43 प्रतिशत मामले सिर्फ तीन राज्यों में सामने आए हैं.  ये तीन राज्य हैं महाराष्ट्र, तमिलनाडु और दिल्ली. 


सबसे बड़ी चुनौती यही है कि भारत को उस खतरनाक स्थिति में जाने से बचाना है, जिस स्थिति में यूरोप के देश और अमेरिका हैं. अगर हम भारत की तुलना कोरोना से सबसे ज्यादा प्रभावित इटली से करें तो यही दिखता है कि खतरा बहुत बड़ा है. 


इटली में वायरस संक्रमण का शुरुआती चरण मार्च का पहला हफ्ता था. एक हफ्ते में ही संक्रमण के कुल मामले 7 हजार के पार हो गए थे और 350 से ज्यादा लोगों की मौत हुई थी. भारत में यही अप्रैल के पहले हफ्ते में हुआ है, जिसमें संक्रमण ने रफ्तार पकड़ी. इसी में कुल मामले 5 हजार के पार हो गए और 150 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई. 


अगर कोरोना प्रभावित बाकी देशों से तुलना करें तो संक्रमण का आंकड़ा 5 हज़ार तक पहुंचने में फ्रांस को 52 दिन लगे. अमेरिका को 55 दिन लगे. जर्मनी को 48 दिन लगे. स्पेन को 41 दिन लगे. इटली को 36 दिन लगे और भारत को 69 दिन लगे. ये गणना वायरस संक्रमण का पहला मामला आने के बाद से की गई है.  


कोरोना वायरस के खिलाफ देश एक युद्ध लड़ रहा है, लेकिन अब भी कई लोगों को समझ में नहीं आ रहा है. वो इस लड़ाई को मज़ाक समझ रहे हैं और इस लड़ाई को कमजोर कर रहे हैं. आज हमारे पास एक वीडियो आया है.


ड्रोन कैमरे से लिया गया ये वीडियो दिल्ली की जामा मस्जिद के इलाके का है. लॉकडाउन के बावजूद यहां क्रिकेट खेला जा रहा है. ये सीधे सीधे लॉकडाउन के नियमों का उल्लंघन है. ये वीडियो दिल्ली पुलिस ने जारी किया है.


जब तक कोरोना वायरस का कोई पक्का इलाज नहीं मिल जाता, तब तक ये कहना मुश्किल है कि ये वायरस दुनिया में कहां कहां तबाही मचाएगा. इसीलिए Experts बार बार ये चेतावनी दे रहे हैं कि जल्दबाजी में Lockdown खत्म करना और सामान्य स्थिति में लौटना बहुत घातक हो सकता है.


हमने चीन में देखा कि कैसे Wuhan में 76 दिन बाद Lockdown हटाया गया तो पहले ही दिन 50 से 60 हजार लोग Wuhan से बाहर चले गए. चीन को तो अपनी छवि सुधारने की जल्दबाज़ी है, जिससे वो दुनिया को दिखा सके कि उसने अपने यहां हालात सामान्य कर लिए हैं, लेकिन इससे खतरा कम नहीं हो जाता. कोरोना की Second Wave को लेकर बार बार Experts चेतावनी दे रहे हैं. खुद चीन में 63 नए मामले आए हैं. वो भी उस वक्त, जब Wuhan का Lockdown हटाया गया है. चीन में कोरोना से करीब तीन महीने की लंबी लड़ाई के बाद बाज़ार, फैक्ट्री, हाइवे, ट्रेन और घरेलू उड़ानें...सब पहले की तरह चलने लगे हैं. खतरा ये है कि चीन में करीब 30 प्रतिशत ऐसे मामले आ रहे हैं, जिन लोगों में वायरस के लक्षण नहीं हैं, फिर भी ये लोग वायरस से संक्रमित पाए गए. 


लेकिन इसमें भी सबसे बड़ा खतरा ये है कि जो कोरोना मरीज ठीक भी हो गए हैं, उनमें से कई मरीज फिर से कोरोना Positive पाए गए हैं. ये दक्षिण कोरिया में हुआ है. दक्षिण कोरिया में ऐसे 51 मरीज पाए गए, जिन्हें इलाज के बाद ठीक किया गया, लेकिन जब दोबारा टेस्ट हुआ, तो ये फिर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए. ऐसा दक्षिण कोरिया के उस इलाके में हुआ है, जो वहां कोरोना का गढ़ कहा जाता है. दक्षिण कोरिया ने वैसे तो संक्रमण के मामलों पर बहुत हद कंट्रोल कर लिया है. वहां पर मार्च की शुरुआत में हर रोज औसतन 500 मामले आते थे, अब रोज औसतन सिर्फ 50 नए मामले आते हैं. लेकिन वायरस के फिर से एक्टिव हो जाने और पूरी तरह से खत्म ना होने से बहुत बड़ा खतरा है. 


कोरोना वायरस की Second Wave से जापान और सिंगापुर जैसे देश भी डरे हुए हैं. ये वो देश हैं, जिनकी शुरुआत में बहुत तारीफ हुई थी कि इन्होंने कोरोना संक्रमण को कंट्रोल कर लिया है. जापान में फिर से संक्रमण की रफ्तार बढ़ गई है.  वहां एक दिन में 500 से ज्यादा मामले आ रहे हैं. जापान में एक महीने की इमरजेंसी लगाई गई है. इसी तरह से Hong Kong में शुरुआती दौर में रोजाना 10 या 11 मामले आते थे. लेकिन अब वहां भी औसतन हर रोज 50 से ज्यादा मामले आने लगे हैं. सिंगापुर के बारे में भी यही कहा जा रहा था कि वहां पर कोरोना से लड़ने का सबसे सफल मॉडल है. लेकिन सिंगापुर के सामने भी कोरोना की Second Wave का बड़ा खतरा है. वहां 60 प्रतिशत से ज्यादा मामले पिछले तीन हफ्ते में ही आ गए हैं. हमें ये भी ध्यान रखना चाहिए कि ये सब वो देश हैं, जिन्होंने बड़े पैमाने पर contact tracing और testing की है. इलाकों को सील किया था और social distancing का पूरा पालन कर रहे हैं. 


Corona Virus की वजह से आप सब लोग इस समय अपने घरों में बंद हैं. आप में से बहुत सारे लोगों को ये बात अच्छी नहीं लग रही होगी. लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप इस मौके का इस्तेमाल खुद को बेहतर बनाने के लिए कर सकते हैं. 


इस समय Lock Down में मूल रूप से तीन प्रकार के लोग हैं. पहले वो जो डर में जी रहे हैं, दूसरे वो हैं जो इस दौरान कुछ नया सीख रहे हैं और तीसरे वो हैं जो खुद को लगातार एक बेहतर व्यक्ति बना रहे हैं. 


जो लोग डरे हुए हैं, वो Fear Zone में हैं.  ऐसे लोग ज़रूरत से ज्यादा सामान जमा कर रहे हैं.  यानी Panic Buying कर रहे हैं. खुद भी डरे हुए हैं और दूसरों को भी डरा रहे हैं. हर बात पर शिकायतें कर रहे हैं, ऐसे लोग हर समय नाराज़ और दुखी रहते हैं. ये लोग सोशल मीडिया और Whatsapp पर आने वाले हर फेक Message से परेशान हो जाते हैं और उस मैसेज को भी सोचे समझे आगे फॉरवर्ड भी कर देते हैं. 


दूसरे वो लोग हैं, जो Learning Zone में हैं. यानी ये लोग इस मौका का फायदा उठाकर हर दिन कुछ नया सीख रहे हैं, उदाहरण के लिए ऐसे लोग मान रहे हैं कि वो स्थितियों को नियंत्रित नहीं कर सकते, यानी संकट की इस घड़ी में सबकुछ उनके हाथ में नहीं है, जो चीजे और जो विचार इन लोगों को डराती हैं. ये लोग उनसे दूर रहते हैं. चाहें वो खाने पीने की चीज़ें हों या फिर डराने वाली फेक न्यूज हो, ये लोग सोच-समझकर फैसला लेते हैं और सोच समझकर ही अपनी प्रतिक्रिया दे रहे हैं. ऐसे लोग फेक न्यूज़  फैलाने वाले या डराने वाले Messages को Forward नहीं कर रहे और ये लोग जानते हैं कि इस संकट की घड़ी में सब लोग मिलकर ही इसका सामना कर सकते हैं. 


ये भी देखें- 



तीसरे हिस्से में वो लोग हैं जो इस कोरोना काल में खुद को पहले से बेहतर बना रहे हैं. यानी ये लोग Growth Zone में हैं. ऐसे लोग दूसरों की मदद करने की कोशिश कर रहे हैं, ऐसे लोग वर्तमान में जी रहे हैं और भविष्य पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं. ऐसे लोग खुद का और दूसरों का भी ध्यान रख रहे हैं, ऐसे लोग खुश रहने की कोशिश करते हैं और अपनी खुशी और उम्मीदों को दूसरों के साथ बांटते हैं. ऐसे लोग जीवन में आ रहे नए बदलावों को स्वीकार कर रहे हैं और उसके मुताबिक अपना व्यक्तित्व बदल रहे हैं. और सबसे जरूरी बात ये है कि Growth Zone में शामिल लोग अपने रिश्तों को सहेज रहे हैं, धैर्यवान और शांत बना रहे हैं और खुद को ज्यादा रचनात्मक यानी Creative बना रहे हैं. 


अब आप खुद तय कीजिए कि आप किस Zone में हैं और किस Zone में जाना चाहते हैं.