ESA BepiColombo Mercury Flyby Images: यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ESA) के बेपिकोलंबो मिशन ने अपनी आखिरी उड़ान के दौरान, बुध की सतह से सिर्फ 295 किलोमीटर ऊपर से ग्रह की शानदार तस्वीरें ली हैं.
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Mercury' Planet Image: यूरोपियन स्पेस एजेंसी (ESA) के बेपिकोलंबो ट्रांसफर प्रोब ने बुध (Mercury) की सतह से केवल 295 किलोमीटर की दूरी से अद्भुत क्लोज-अप इमेजेस कैप्चर की हैं. यह मरकरी पर अंतिम फ्लाइबाय के दौरान ली गई तस्वीरें हैं, जो इस छोटे से, सूरज के करीब बसे ग्रह के चरम पर्यावरण को दिखाती हैं. इन तस्वीरों में स्थायी अंधकार और तीव्र प्रकाश से घिरे क्रेटर रिम्स का ब्योरा मिलता है. वैज्ञानिक मानते हैं कि इन छायादार इलाकों में बर्फ की परतें हो सकती हैं, जो मरकरी के अतीत और भविष्य को समझने में मदद कर सकती हैं.
ESA का बेपिकोलंबो मिशन
बेपिकोलंबो मिशन 2018 में लॉन्च किया गया था. इसका मकसद मरकरी के चुंबकीय क्षेत्र, गैसीय एक्सोस्फीयर, और सतह की संरचना को समझना है. इस मिशन का मुख्य कार्यकाल 2027 में शुरू होगा, जब ESA का मरकरी प्लैनेटरी ऑर्बिटर और जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी (JAXA) का मरकरी मैग्नेटोस्फेरिक ऑर्बिटर अलग-अलग ऊंचाइयों और कोणों से डेटा इकट्ठा करेंगे.
अब तक के छह फ्लाइबाय में मिशन ने मरकरी के बारे में बहुत सी नई जानकारी जुटाई है. ESA के प्रोजेक्ट साइंटिस्ट, गेरैंट जोन्स ने एक बयान में कहा, 'बेपिकोलंबो के फ्लाइबाय ने हमें मरकरी के रहस्यों के करीब ला दिया है.'
बुध: सौरमंडल का अद्वितीय ग्रह
बुध यानी मरकरी, आकार में पृथ्वी के चंद्रमा से थोड़ा बड़ा, सूरज के बेहद करीब, लगभग 58 मिलियन किलोमीटर की औसत दूरी पर स्थित है. यहां का वातावरण बेहद पतला है और लगातार सौर विकिरण और सौर हवा से प्रभावित होता है. दिन में यहां का तापमान 430 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है, जबकि रात में यह माइनस 180 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाता है.
बुध ग्रह पर कई रहस्य छिपे हुए हैं, जैसे इसका अनोखा चुंबकीय क्षेत्र, कार्बन की प्रचुरता जो शायद हीरे की परतों के रूप में हो सकती है, और ग्रह के धीरे-धीरे सिकुड़ने के संकेत. मरकरी की सतह पर ज्वालामुखी विस्फोटों और प्रभावों के सबूत भी मिले हैं. नाथैर फैकुला नामक क्षेत्र में मरकरी के सबसे बड़े ज्वालामुखीय विस्फोट के निशान देखे गए हैं, जिसमें 40 किलोमीटर चौड़ा वेंट अब भी मौजूद है. पास में स्थित फोंटेन क्रेटर, जो 300 मिलियन साल पहले बना था, अपनी अपेक्षाकृत नई अवस्था के कारण चमकदार दिखता है.
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अब ऐसी झलक जल्द नहीं मिलेगी!
बेपिकोलंबो मिशन ने मरकरी के क्रेटर्स, ज्वालामुखी, और अतीत के संकेतों को समझने में मदद की है. इसने न केवल मरकरी की सतह के क्लोज-अप शॉट्स भेजे हैं, बल्कि अपने रास्ते में शुक्र (Venus) के क्लाउडटॉप्स की भी अद्भुत तस्वीरें ली हैं. 2026 में, बेपिकोलंबो वापस मरकरी लौटेगा और ESA और JAXA के ऑर्बिटर्स को ग्रह के अलग-अलग हिस्सों में स्थापित करेगा. हालांकि, ये ऑर्बिटर्स मरकरी की सतह से 480 किलोमीटर की दूरी से डेटा इकट्ठा करेंगे, जिसका मतलब है कि फिलहाल हमें मरकरी की इतनी करीबी झलक नहीं मिलेगी.