DNA with Sudhir Chaudhary: पिछले 50 साल से आखिर किस बात पर लड़ रहे थे कनाडा-डेनमार्क? व्हिस्की की एक बोतल से हो गई सुलह
DNA on Canada-Denmark war over Hans Island: पिछले 50 साल से कनाडा और डेनमार्क में जंग चल रही थी. लेकिन इस जंग में न तो कभी गोली चली और न किसी की जान गई. आखिरकार दोनों देशों ने एक व्हिस्की की बोतल के जरिए इस जंग का निपटारा कर लिया.
DNA on Canada-Denmark war over Hans Island: हम आज आपको दुनिया के सबसे विनम्र युद्ध की कहानी बताते हैं, जिसमें दो देशों की सेनाएं हथियारों के ज़रिए नहीं बल्कि Whiskey की Bottles के जरिए लड़ाई लड़ रही थीं. कनाडा और Denmark की सेनाओं के बीच ये युद्ध लगभग 50 वर्षों तक चला. आपको इस युद्ध की दिलचस्प कहानी जरूर जाननी चाहिए.
50 सालों तक चला ये विचित्र युद्ध
ये युद्ध कनाडा (Canada) और Denmark के बीच लगभग 50 वर्षों तक चला और ये युद्ध एक आईलैंड पर कब्जे को लेकर था. जिसे Hans Island (हैन्स आईलैंड) कहते हैं. जो सिर्फ़ 1.29 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला है.
वर्ष 1973 में कनाडा (Canada) और Denmark के बीच एक समझौता हुआ था, जिसके तहत ये तय हुआ कि दोनों देश अपनी सीमाओं का निर्धारण करेंगे. लेकिन उस समय इस आईलैंड को लेकर कोई फैसला नहीं हो पाया. उस समय कनाडा भी इस पर अपना अधिकार जता रहा था और Denmark भी इस आईलैंड को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था.
एक द्वीप को लेकर दोनों देश उलझे रहे
हालांकि आपके मन में भी ये सवाल होगा कि Denmark तो उत्तरी यूरोप में है तो फिर कनाडा से उसका सीमा को लेकर कैसे विवाद हो सकता है. तो इसका जवाब ये है कि कनाडा से लगभग 36 किलोमीटर की दूरी पर Greenland नाम का एक क्षेत्र है, जिस पर Denmark का नियंत्रण है. Greenland से आईलैंड की दूरी उतनी ही है, जितनी कनाडा की सीमा से इस आईलैंड की दूरी है.
वर्ष 1973 में जब इस आईलैंड को लेकर कोई सहमति नहीं बनी तो कनाडा ने यहां अपनी सेना भेज दी. इसके बाद कनाडा (Canada) की सेना यहां अपने देश की Whiskey की Bottles रख कर और अपना राष्ट्रीय ध्वज फहराकर वहां से वापस लौट गई.
व्हिस्की की बोतल रख जताते रहे अधिकार
इसके बाद Denmark की सेना यहां आई और उसने कनाडा (Canada) की Whiskey हटा कर अपने देश की Whiskey की Bottles यहां रख दी और अपना राष्ट्रीय ध्वज फहरा दिया. इसके बाद दोनों देश लगभग 50 वर्षों तक ऐसा ही करता रहे. कभी कनाडा की सेना यहां अपनी Whiskey की Bottles रख जाती थी तो कभी डेनमार्क की सेना यहां अपने देश की Whiskey छोड़ कर चली जाती थी. इससे ये दोनों देश ये साबित करते थे कि इस आईलैंड पर उनका अधिकार है.
दोनों देशों ने बराबर बांट लिया द्वीप
यानी इस युद्ध में ना तो गोलियां चलीं और ना ही किसी दूसरे हथियार का इस्तेमाल हुआ बल्कि ये युद्ध Whiskey के नाम पर लड़ा गया. अब जब कनाडा (Canada) और Denmark की सरकार ने एक समझौते के तहत इस आईलैंड को आपस में बराबर बांट लिया तो ये युद्ध भी Whiskey की एक Bottle के साथ ही समाप्त हुआ है. दोनों देशों के मंत्रियों ने एक दूसरे को अपने अपने देश की Whiskey की बोटल देकर इस युद्ध को आधिकारिक रूप से खत्म करने का ऐलान किया है.
इस समय जब रशिया और यूक्रेन के बीच युद्ध चल रहा है और दुनिया के 60 से ज्यादा देश ऐसे हैं, जिनका अपने पड़ोसी देशों के साथ सीमा को लेकर विवाद है, तब दुनिया.. इस विनम्र युद्ध से काफ़ी कुछ सीख सकती है.