DNA Daawat e Islami and Udaipur Tailor Murder Case: उदयपुर के हिंदू टेलर की बर्बर हत्या में पुलिस ने जिन दो जिहादियों को गिरफ्तार किया है, उनमें से एक आरोपी का नाम है मोहम्मद रियाज अत्तारी. वह राजस्थान के भीलवाड़ा जिले का रहने वाला है. पुलिस के मुताबिक मोहम्मद रियाज पिछले 20 वर्षों से उदयपुर में ही रह रहा था. उसने नेपाल के रास्ते पाकिस्तान जाकर वहां आतंकी बनने की ट्रेनिंग भी ली थी. वहीं दूसरे आरोपी गौस मोहम्मद ने भी वर्ष 2014 और 2015 में पाकिस्तान जाकर ट्रेनिंग ली थी. 


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दावत-ए-इस्लामी से जुड़े हुए थे दोनों आरोपी


ये दोनों आरोपी भारत में स्लीपर सेल नेटवर्क से जुड़े हुए थे. पुलिस को गौस मोहम्मद के मोबाइल फोन में कई नम्बर ऐसे मिले हैं, जो पाकिस्तान के हैं. यानी ये पाकिस्तान में बैठे आतंकवादियों के भी सम्पर्क में थे. इसके अलावा ये दोनों ही आरोपी पाकिस्तान के एक इस्लामिक संगठन दावत-ए-इस्लामी (Daawat e Islami) से जुड़े हुए थे, जो 100 से ज्यादा देशों में सक्रिय है. इस संगठन के द्वारा इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए कई तरह के ऑनलाइन कोर्स भी कराए जाते हैं. इस इस्लामी संगठन की स्थापना मौलाना इलियास कादरी उर्फ अत्तार ने वर्ष 1981 में पाकिस्तान के कराची में की थी. 



पूरी दुनिया में फैला है संगठन का नेटवर्क


पूरी दुनिया में जितने भी लोग, दावत-ए-इस्लामी (Daawat e Islami) को फॉलो करते हैं और इलियास कादरी उर्फ अत्तार को अपना धर्मगुरु मानते हैं वो अपने नाम के पीछे अत्तारी लिखते हैं. जैसे उदयपुर के इस मामले में गिरफ्तार हुए आरोपी का नाम मोहम्मद रियाज़ अत्तारी है. इसी तरह वर्ष 2015 में जब फ्रांस की एक मैग्ज़ीन शार्ली हेब्दो में घुस कर आतंकवादियों ने 12 पत्रकारों की हत्या कर दी थी, तब भी उनमें से एक आतंकवादी इलियास कादरी उर्फ अत्तार को अपना धर्मगुरु मानता था.


पाकिस्तान बना हुआ है इस्लामिक कट्टरपन की फैक्ट्री


इसी तरह वर्ष 2011 में पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के गवर्नर की भी आतंकवादी हमले में हत्या कर दी गई थी. हत्या करने वाला आतंकवादी मुमताज कादरी भी दावत-ए-इस्लामी (Daawat e Islami) नाम के इस संगठन से जुड़ा हुआ था और इलियास कादरी को अपना धर्मगुरु मानता था. यानी आप देखेंगे तो इस्लामिक कट्टरपंथ की ये जड़ें एक ही जगह जाकर मिलती हैं और वो जगह है पाकिस्तान. बड़ी बात ये है कि दावत-ए-इस्लामी नाम का ये संगठन भारत में भी काम करता है.


मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए कांग्रेस की शर्मनाक पहल


अभी दिल्ली और मुम्बई में दावत-ए-इस्लामी (Daawat e Islami) का मुख्यालय है. इस संगठन पर भारत में धर्म परिवर्तन कराने के भी आरोप लग चुके हैं. ये बात जानकर आप हैरान रह जाएंगे कि इसी साल छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार ने इस संगठन को रायपुर में 25 एकड़ जमीन देने का फैसला किया था. जिसके बाद छत्तीसगढ़ सरकार की काफी आलोचना हुई थी.  उस समय विवाद बढ़ने के बाद सरकार ने अपने इस फैसले को वापस ले लिया था.


इससे ये पता चलता है कि, जिस संगठन पर भारत में जेहाद और धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने के आरोप हैं, उस पर छत्तीसगढ़ की कांग्रेस सरकार इतनी मेहरबान हो गई कि उसने उसे 25 एकड़ ज़मीन देने का ऐलान कर दिया. मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति का इससे बड़ा और कोई उदाहरण नहीं हो सकता.


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