Kolkata News: कोलकाता में महिला डॉक्टर के साथ कथित बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर व्यापक पैमाने पर हो रहे विरोध प्रदर्शन के बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि ड्यूटी पर तैनात किसी भी स्वास्थ्यकर्मी के साथ हिंसा की घटना होने के छह घंटे के भीतर संस्थागत FIR दर्ज कराने की जिम्मेदारी संस्थानों के प्रमुखों की होगी. स्वास्थ्य सेवा महानिदेशक (DGHS) डॉ. अतुल गोयल द्वारा जारी कार्यालय ज्ञापन अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) सहित केंद्र सरकार के अस्पतालों के निदेशकों और चिकित्सा अधीक्षकों तथा देश भर के सभी मेडिकल कॉलेज के प्राचार्यों को जारी किया गया.


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केंद्र का फरमान जारी


ज्ञापन में कहा गया है, ‘ड्यूटी के दौरान किसी भी स्वास्थ्यकर्मी के खिलाफ किसी भी तरह की हिंसा की स्थिति में, घटना के अधिकतम छह घंटे के भीतर संस्थागत प्राथमिकी दर्ज कराने की जिम्मेदारी संस्थान के प्रमुख की होगी.’ ज्ञापन के मुताबिक, हाल में यह देखा गया है कि सरकारी अस्पतालों में चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के खिलाफ हिंसा की घटनाएं आम हो गई हैं.


इस ज्ञापन में कहा गया है कि कई स्वास्थ्य कर्मियों को ड्यूटी के दौरान शारीरिक हिंसा का सामना करना पड़ता है और कई को धमकी दी जाती है या उन्हें अपशब्द कहे जाते हैं। इसमें कहा गया है कि अधिकतर मामलों में हिंसा मरीज या उनके तीमारदार करते हैं.


मामले की सीबीआई जांच में आई तेजी


सीबीआई ने ट्रेनी डॉक्टर के सहयोगियों से पूछताछ की है. पीड़ित परिजनों ने ममता सरकार के मुआवजे के मरहम को स्वीकार करने से इनकार कर दिया है. बीजेपी ने बंगाल में प्रदर्शन किया है. सुवेंदु अधिकारी ने राज्य में पैरामिलिट्री सेंट्रल फोर्स तैनात करने की मांग दोहराई है. महिलाओं में आक्रोश है. पूरे कोलकाता में तमाम छोटे-बड़े प्रदर्शन हो रहे हैं. 17 अगस्त को देशव्यापी हड़ताल का ऐलान हुआ है. डॉक्टर्स ओपीडी में काम नहीं करेंगे.


(इनपुट: भाषा)