नई दिल्ली: कोरोना महामारी ने भारत समेत दुनियाभर में कहर मचा रखा है. इसे लेकर रोज नई जानकारी लोगों के सामने आती है जिसके बाद एक्सपर्ट्स और आम लोग महामारी से बचाव के रास्ते खोजते हैं. कोरोना जिस तरीके से लोगों के बीच फैल रहा है, उससे हर कोई चिंतित है. ऐसे में एक सवाल ऐसा भी है जिसका जवाब शहरों में रहने वाला हर शख्स जानना चाहता है. वह सवाल है कि क्या कोरोना ऊंची इमारतों में एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर में फैलता है? आइये इसका सच हम आपको बताते हैं. 


हवा में तैरता है वायरस?


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हमारी सहयोगी वेबसाइट इंडिया डॉट कॉम की खबर के मुताबिक ऊंची इमारतों में कोरोना का संक्रमण एक से दूसरे फ्लोर तक फैल सकता है. अब यह वायरस हवा के जरिए एक से दूसरे फ्लोर तक अपनी पहुंच बना सकता है. स्टडी के मुताबिक अगर आपके घर की खिड़कियां और दरवाजे वेंटिलेशन के लिए खुले हैं तो हवा के जरिए यह वायरस आपके घर में एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर में दाखिल हो सकता है. आम तौर पर वायरस नीचे के फ्लोर से हवा के साथ ऊपरी फ्लोर पर जा सकता है.


स्टडी में हुआ ये खुलासा


वहीं दिसंबर 2020 में की गई एक स्टडी में यह बताया गया कि ऐसी ऊंची इमारतों में घरों के ड्रेनेज पाइप एक-दूसरे से जुड़े रहते हैं जिसके जरिए कोरोना फैलने का खतरा बना रहता है. चीन में रहने वाले तीन परिवारों में संक्रमण फैलने की वजह का पता लगाने के दौरान यह बात सामने आई थी. ये परिवार बीते साल जनवरी-फरवरी के दौरान कोरोना संक्रमित हुए थे.


इनमें से वुहान से लौटा एक परिवार कोरोना संक्रमित था और रिसर्चर्स ने अपनी जांच में पाया कि इन तीनों परिवारों के बीच आपस में कोई संपर्क नहीं था. साथ ही इनके लिफ्ट समेत अन्य जगहों की पड़ताल में संक्रमण फैलने के कोई सबूत नहीं मिले. लेकिन इन घरों के ड्रेनेज पाइप आपस में जुड़े थे जिन्हें वायरल का ट्रैवल रूट माना गया.


एसी और ड्रेनेज लाइन बनी वजह


इस स्टडी को लेकर पेपर भी पब्लिश किए गए थे जिसमें वेंटिलेशन की खामियां और घरों में सही प्लबिंग न होने को वायरस फैलने की वजह माना गया था. दूसरी ओर 9 लोगों में संक्रमण फैलने क बाद एक रेस्टोरेंट में की गई रिसर्च में पाया गया कि एयर कंडिशनर के जरिए यह वायरस एक से दूसरे व्यक्ति में फैला था. 


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अब इन सभी उदाहरणों से एक बात तो साफ है कि वायरस एक से दूसरे फ्लोर पर फैल सकता है. इसके लिए घरों का वेंटिलेशन सिस्टम और ड्रेनेज लाइन को वजह माना जा सकता है. इमारतों की लिफ्ट और सीढ़ियां भी वायरस का ट्रैवल रूट बन सकती हैं.