Dog Attacks in Kerala: एक तरफ नोएडा में कुत्तों के काटने पर बवाल हो रहा है तो दूसरी तरफ केरल में कुत्तों के काटने को लेकर केंद्र सरकार की बनाई कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दी है. केरल में कुत्तों के वैक्सीनेटेड होने के बाद भी उनके काटने पर लोगों की मौत होने का मामला बहुत गरमाया हुआ है.


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राज्य सरकार के आंकड़ों के मुताबिक केरल में कुत्ते की काटने की वजह से इस वर्ष 22 लोगों की जान चली गई. इनमें से 5 मामले ऐसे थे जिनमें कुत्तों को वैक्सीन लगी हुई थी. इसके बाद राज्य सरकार ने दलील दी थी कि एंटी रेबीज वैक्सीन नकली हो सकती है जिसकी वजह से वो काम नहीं कर रही.


केंद्र की कमेटी की आई रिपोर्ट
इसके बाद केंद्र ने वैक्सीन की जांच के लिए एक कमेटी बना दी. वैक्सीन के तीन सैंपल जांच के लिए भेजे गए. आज कमेटी की रिपोर्ट आई है. रिपोर्ट के मुताबिक वैक्सीन में नहीं है कोई खामी.


केरल के अस्पतालों में सही से नहीं हो रहा इलाज
रिपोर्ट के मुताबिक कुत्ते काटने के मामलों में केरल के सरकारी और निजी अस्पतालों में इलाज ठीक नहीं हो रहा है.


रिपोर्ट में कहा गया है कि कुत्ते काटने के इलाज में लापरवाही बरती जा रही है. साबुन और पानी से घाव को ठीक से धोने के इंतजाम ही ठीक नहीं हैं.


इसके अलावा कई मामलों में मोनोक्लोनल एंटीबॉडी इंजेक्शन से इलाज किया जा रहा है. यह ट्रीटमेंट केंद्र सरकार के प्रोटोकॉल में शामिल नहीं है. ऐसे में इस इलाज से होने वाले साइड इफेक्ट्स दर्ज कराए जाने चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है.


कमेटी के मुताबिक केरल के हेल्थ केयर वर्कर को हाल ही में कुत्ते के काटने के मामलों को हैंडल करने की ट्रेनिंग नेशनल कम्युनिकेबल डिजीज कंट्रोल सेंटर (National Communicable Disease Control Center) से दिलाई गई है. यानी कमेटी ने जोर दिया है कि सरकार को पहले इलाज के तरीके सुधारने होंगे.



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