नई दिल्ली: गणतंत्र दिवस पर रविवार की परेड में राजपथ पर पहली बार 155 mm धनुष आर्टिलरी गन, अपाचे कॉम्बेट हेलीकॉप्टर और शिनूक हेलीकॉप्टर शामिल हुए. भारत ने सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया. अब भारत भविष्य की मिसाइल बनाने पर काम कर रहा है. DRDO की तैयारी जल्द से जल्द K5 और K6 के परीक्षण की है जिनकी रेंज 5000 और 6000 किलोमीटर है. इन्हें 'महामिसाइल' कहा जा सकता है. K4 की जद में पूरा पाकिस्तान सिमट जाता है. K5 और K6 मिसाइल तैयार हो गईं तो जाने क्या होगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

K4 सबमरीन लॉन्च्ड बैलेस्टिक मिसाइल है. भारत ने परमाणु हमला करने में सक्षम बैलिस्टिक मिसाइल का सिर्फ 6 दिनों के अंदर विशाखापट्टनम तट से दो बार सफल परीक्षण किया है. भारतीय नौसेना की ताकत बढ़ाने के लिहाज से ये मील का अहम पत्थर माना जा रहा है.  K-4 मिसाइल का नाम भारत के पूर्व राष्ट्रपति और मिसाइल मैन डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम के नाम पर रखा गया है. कुछ और परीक्षणों के 100% सफल होने के बाद K4 को भारत की पहली स्वदेशी परमाणु पनडुब्बी INS अरिहंत पर तैनात किया जाएगा. K-4 मिसाइल, टेढ़े-मेढ़े रास्ते पर उड़ने वाली तकनीक की मदद से किसी Radar की पकड़ में नहीं आती और दुश्मन के ठिकानों पर सटीक हमला कर सकती है. फिलहाल भारत के पास कम रेंज यानी कम दूरी की K-15, सबमरीन बैलस्टिक मिसाइल है. ये मिसाइल 750 किलोमीटर की दूरी तक परमाणु हमला कर सकती है. वर्ष 2018 में ही इस मिसाइल को सभी परीक्षण पूरे होने के बाद तैनात कर दिया गया था. 


भविष्य की मिसाइल के मिशन पर जुटा DRDO
K-4 मिसाइल मिशन के बाद DRDO ने भविष्य की मिसाइलों पर काम करना शुरू कर दिया है. ये K यानी कलाम सीरीज की मिसाइल हैं जिनका नाम K5 और K6 है. K5 और K6 महामिसाइल हैं. K5 की रेंज 5000 किलोमीटर है जबकि K6 की रेंज 6000 किलोमीटर से ज्यादा होगी. K5 मिसाइल की क्षमता 1 टन विस्फोटक की होगी यानी पूरा पाकिस्तान साफ हो जाएगा. K6 सॉलिड फ्यूल MIRV सक्षम मिसाइल होगी जिसका मतलब है कि एक मिसाइल फायर होगी जो कई मिसाइलों में तब्दील हो जाएगी. K6 की क्षमता 2-3 टन विस्फोटक ले जाने की होगी. इसके साथ ही, भारत 5000 से 8000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाली K-4 मार्क टू मिसाइल के निर्माण पर भी काम कर रहा है.


 


पाकिस्तान के लिए भारत की मिसाइल शक्ति एक चैलेंज है. मिसाल के तौर पर पाकिस्तान ने हाल ही में गजनवी का परीक्षण किया और भारत ने K4 का जिनमें ज़मीन आसमान का फर्क है. K4 के सामने पाकिस्तान की गजनवी खिलौने से ज़्यादा कुछ नहीं है. फिलहाल, दुनिया में अमेरिका, रूस, इंग्लैंड, फ्रांस और चीन के पास पनडुब्बी से मिसाइल लॉन्च करने की तकनीक है. भारत दुनिया का छठा देश है जिसके पास ऐसी क्षमता है. वर्ष 2019 में उत्तर कोरिया ने भी ऐसी मिसाइल बनाकर तैनात करने का दावा किया था.