Earthquake के तेज झटकों से जल्द कांपेगा भारत? तुर्की में जलजले की भविष्यवाणी करने वाले रिसर्चर का दावा
Earthquake In India: डच रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स (Frank Hoogerbeets) की भारतीय उपमहाद्वीप में भूकंप को लेकर भविष्यवाणी लोगों के बीच चिंता विषय बनी हुआ है. आइए जानते हैं कि डच रिसर्चर ने क्या दावा किया है?
Massive Earthquake: तुर्की-सीरिया में भूंकप (Earthquake) आने के 3 दिन पहले ही उसकी भविष्यवाणी करने वाले डच रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स (Frank Hoogerbeets) एक बार फिर चर्चा में हैं. दरअसल, आज चीन (China) में 7.3 तीव्रता का तेज भूकंप आया है. इस भूकंप का असर चीन के शिंजियांग (Xinjiang) इलाके के अलावा पूर्वी ताजिकिस्तान (Eastern Tajikistan) में भी दिखा है. इसके बाद से ही लोग डच रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स की भारतीय उपमहाद्वीप में भूकंप को लेकर की गई भविष्यवाणी को लेकर बात करने लगे हैं. हाल ही में, डच रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स ने एक वीडियो में कहा कि जल्द अधिक तीव्रता भूकंप भारतीय उपमहाद्वीप में आ सकता है. इसका असर पाकिस्तान, अफगानिस्तान और भारत पर हो सकता है.
डच रिसर्चर का बड़ा दावा
बता दें कि भारतीय उपमहाद्वीप में भूकंप की भविष्यवाणी की बात डच रिसर्चर फ्रैंक हूगरबीट्स ने जिस वीडियो में की है वह तेजी से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. फ्रैंक हूगरबीट्स के भूकंप की भविष्यवाणी के वीडियो को अब तक 26 लाख से ज्यादा लोग देख चुके हैं. हालांकि, भूकंप पर इस तरह की भविष्यवाणी पर सवाल भी उठाए गए हैं और इसको गलत बताया है.
फ्रैंक हूगरबीट्स कौन हैं?
जान लें कि फ्रैंक हूगरबीट्स एक डच रिसर्चर हैं. वह सोलर सिस्टम ज्योमेट्री सर्वे (SSGEOS) में रिसर्चर और सॉफ्टवेयर डेवलपर के रूप में काम करते हैं. फ्रैंक हूगरबीट्स ने भूकंप को लेकर कई भविष्यवाणियां की हैं. वहीं, SSGEOS एक रिसर्च इंस्टीट्यूट है. यह भूकंप का अनुमान लगाने के खातिर आकाशीय पिंडों की निगरानी करता है.
भूकंप की भविष्यवाणी का सच!
हालांकि, यूनाइटेड स्टेट्स जियोलॉजिकल सर्वे (USGS) के अनुसार, न ही यूएसजीएस और ना ही किसी और वैज्ञानिक ने कभी किसी बड़े भूकंप की भविष्यवाणी की है. हालांकि, यूएसजीएस के वैज्ञानिक सिर्फ इस संभावना की गणना कर सकते हैं कि एक बड़ा भूकंप किसी विशिष्ट इलाके में कुछ साल में आ सकता है. बाकी, भूकंप पर अन्य दावों को सच नहीं माना जा सकता है क्योंकि वे वैज्ञानिक सबूतों (Scientific Evidences) पर आधारित नहीं होते हैं.
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