नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) ने हैदराबाद स्थित ज्वैलरी हाउस और उसके प्रमोटरों पर बड़ी कार्रवाई की है और मनी लॉन्ड्रिंग मामले में करीब 130 करोड़ रुपये की चल-अचल संपत्ति अटैच की है. ईडी के अनुसार, मुसद्दीलाल रत्न और ज्वेल्स प्राइवेट लिमिटेड, वैष्णवी बुलियन प्राइवेट लिमिटेड और मुसद्दीलाल ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड के खिलाफ कार्रवाई की गई है.


ईडी ने अटैच की 130.57 करोड़ रुपये की संपत्ति


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ईडी (ED) द्वारा कुल 130.57 करोड़ रुपये की संपत्तियां अटैच की गई हैं. इनमें 41 अचल संपत्तियां, शेयर और आभूषणों में किए गए निवेश और 83.30 करोड़ रुपये के बुलियन शामिल हैं, जो कुछ साल पहले छापे में जब्त किए गए थे. कुर्की धन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत लिया गया है.


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नोटबंदी के दौरान हुआ था बड़ा घोटाला


ईडी ने जानकारी देते हुए बताया कि साल 2016 में नोटबंदी के दौरान हैदराबाद के मुसद्दीलाल जेम्स एवं ज्वैल्स प्राइवेट लिमिटेड ने 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट जिसकी कीमत 111 करोड़ रुपये थी, 8 नवंबर 2016 को फर्जी कैश रिसिप्ट और सेल इन्वायस के साथ नए नोट में बदलने के लिए बैंक में जमा किए.


इस तरह किया गया था फर्जीवाड़ा


ईडी (ED) ने बताया, 'ज्वैलरी हाउस ने फर्जी कैश रिसिप्ट और सेल्स इन्वॉयस इश्यू किए थे और दावा किया था कि 8 नवंबर 2016 को रात 8 बजे से 12 बजे के बीच करीब 6000 ग्राहक सोने के आभूषण खरीदने आए थे.' एजेंसी ने बताया, 'कैलाश चंद गुप्ता और उनके बेटों (मुसद्दीलाल रत्न के प्रमोटर) की कंपनियों ने अपने चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) संजय सारदा के साथ मिलकर आय के काल्पनिक स्रोतों और बड़ी मात्रा में नकदी जमा को सही साबित करने के लिए चालान तैयार किए थे.'