Teachers Recruitment Scam: पार्थ चटर्जी और अर्पिता की मुश्किलें बढ़ीं, ईडी ने इस मामले में दर्ज की एक और शिकायत
West Bengal SSC Scam: पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee) पश्चिम बंगाल की ममता सरकार में मंत्री थे. उन्हें पद से हटाया जा चुका है. आरोपी अर्पिता मुखर्जी (Arpita Mukherjee) पार्थ चटर्जी की करीबी हैं. दोनों इस वक्त न्यायिक हिरासत में हैं.
Partha Chatterjee Case: प्रवर्तन निदेशालय ने पश्चिम बंगाल के टीचर्स रिक्रूटमेंट स्कैम में 8 आरोपियों के खिलाफ अभियोजन शिकायत (Prosecution Complaint) दर्ज की है. इसमें पार्थ चटर्जी (Partha Chatterjee), अर्पिता मुखर्जी, M/s Echhay एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड, M/s Ananta टेक्सफैब प्राइवेट लिमिटेड, M/s सिम्बायोसिस मर्चेंट्स प्राइवेट लिमिटेड, M/s सेंट्री इंजीनियरिंग प्राइवेट लिमिटेड, M/s व्यूमोर हाइराइज प्राइवेट लिमिटेड और M/s एपीए यूटिलिटी सर्विसेज का नाम शामिल है. स्पेशल कोर्ट ने सोमवार को Prosecution Complaint का संज्ञान लिया है, यह पता लगाने के बाद कि 8 अभियुक्तों के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनाया गया है.
कोर्ट के सामने पार्थ और अर्पिता इस दिन होंगे पेश
ईडी ने इससे पहले पश्चिम बंगाल सरकार के तत्कालीन मंत्री पार्थ चटर्जी और उनकी करीबी सहयोगी अर्पिता मुखर्जी को 23 जुलाई 2022 को गिरफ्तार किया था. दोनों आरोपी इस वक्त न्यायिक हिरासत में हैं. उन्हें 28 सितंबर को फिर से स्पेशल कोर्ट के सामने पेश किया जाएगा.
ईडी इतनी संपत्ति कर चुकी है अटैच
बता दें कि ईडी ने अब तक कुल 49.80 करोड़ रुपये की नकदी जब्त की है. 5.08 करोड़ रुपये से ज्यादा का सोना और ज्वेलरी 48.22 करोड़ रुपये की प्रॉपर्टी अटैच की है. इस मामले में अभी तक 103.10 करोड़ रुपये की कुल जब्ती की जा चुकी है.
कुर्क की गईं संपत्तियों से पार्थ और अर्पिता को मिला लाभ
ईडी ने कहा कि ऐसा पाया गया है कि कुर्क की गईं संपत्तियों से पार्थ चटर्जी और अर्पिता मुखर्जी को लाभ मिला. कुर्क की गईं कई संपत्तियां मुखौटा कंपनियों और पार्थ चटर्जी के लिए काम कर रहे लोगों के नाम पर रजिस्टर पाई गईं. पार्थ चटर्जी को उनकी गिरफ्तारी के बाद ममता बनर्जी सरकार ने मंत्री पद से हटा दिया था. उन्हें तृणमूल कांग्रेस के महासचिव पद सहित पार्टी के अन्य पदों से भी हटा दिया गया था.
जान लें कि स्कूल सेवा आयोग (SSC) भर्ती 'घोटाले' में मनी लॉन्ड्रिंग का ईडी मामला सीबीआई की एफआईआर से संबंधित है, जिसे कलकत्ता हाईकोर्ट ने समूह 'सी' और 'डी' के कर्मचारियों, कक्षा 9-12 के सहायक शिक्षकों और प्राथमिक शिक्षकों की भर्ती में कथित अनियमितताओं की जांच करने का निर्देश दिया था.
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